28 नवंबर, 2017 की सुबह 8 बजे के करीब सुधाकर किसी काम से बाहर गया हुआ था. स्वाति बच्चों को स्कूल के लिए तैयार कर के उन के लंच बौक्स में खाना रख रही थी. उसे खुद भी अस्पताल जाना था, इसलिए वह सारे काम जल्दी जल्दी निपटा रही थी. जब वह लंच बौक्स तैयार कर के बच्चों के बैग में रख रही थी, तभी उस के मोबाइल फोन की घंटी बजी.
स्वाति ने मोबाइल उठा कर स्क्रीन पर नजर डाली तो डिसप्ले हो रहा नंबर बिना नाम का था. मतलब फोन किसी अपरिचित का था. उस ने फोन रिसीव कर के जैसे ही हैलो कहा, दूसरी ओर से किसी पुरुष की दमदार आवाज आई, ‘‘यह नंबर सुधाकर रेड्डी का है?’’
‘‘जी, यह उन्हीं का नंबर है. मैं उन की पत्नी बोल रही हूं. आप कौन हैं और उन से क्या काम है? वह अभी बाहर गए हुए हैं. घर आते ही उन्हें बता दूंगी.’’ स्वाति ने कहा.
‘‘बताने की कोई जरूरत नहीं है. वह मेरे परिचितों में हैं.’’ दूसरी ओर से हड़बड़ाई आवाज में कहा गया.
‘‘फिर फोन क्यों किया?’’ स्वाति ने पूछा.
‘‘भाभीजी, कालोपुर कालोनी के पास किसी ने सुधाकर पर तेजाब फेंक कर उसे घायल कर दिया है.’’
‘‘क्याऽऽ?’’ सुन कर स्वाति घबरा गई. फोन काट कर वह कालोपुर कालोनी की ओर भागी. वहां पहुंच कर उस ने देखा तो पति सड़क किनारे घायल पड़ा तड़प रहा था. उस ने फोन कर के यह जानकारी सास को दी. इस के बाद तो घर में ही नहीं, रिश्तेदारी में भी कोहराम मच गया.
थोड़ी देर में सभी वहां पहुंच गए. सुधाकर को जिला अस्पताल ले जाया गया, वहां के डाक्टरों ने उस की हालत देख कर हैदराबाद रेफर कर दिया. स्वाति पति सुधाकर को ले कर हैदराबाद पहुंची, जहां उसे जाने माने अपोलो अस्पताल में भरती कराया गया. दूसरी ओर सुधाकर के भाई ने थाना नगरकुरनूल में उस पर हुए हमले की अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करा दी.