शिल्पा झारिया कुंडम थाने के भौखा देवरी गांव की रहने वाली थी. उस के पिता गुलाब झारिया और मां राजकुमारी गांव में मेहनतमजदूरी कर के अपनी गुजरबसर करते हैं. एक भाई और 2 बहनों में सब से बड़ी शिल्पा की उम्र 21 साल थी.
वह जबलपुर आ कर पढ़ाई के साथ एक स्पा सेंटर में काम करने लगी थी. वारदात के एक दिन पहले ही गुलाब अपनी बेटी से मिल कर आए थे. उन्हें इस बात का अफसोस हो रहा था, ‘काश! बेटी को अपने गांव साथ ले आते या उस के पास रुक जाते तो शायद उस की जान बच जाती.’
6 नवंबर, 2022 को ही गुलाब झारिया ने शिल्पा को फोन पर बताया था कि मेरा पेट दर्द हो रहा है. इस पर शिल्पा बोली थी, ‘‘पापा, यहां (जबलपुर) आ जाओ, किसी डाक्टर को दिखा लेंगे.’’
उसी दिन 10 बजे गाड़ी में बैठ कर वह उस के पास 11 बजे जबलपुर आ गए थे. तब शिल्पा ने एक डाक्टर से उन का चैकअप कराया और फिर डाक्टर को दिखा मैडिकल स्टोर से दवा ले कर घर आ गए. फिर उस के साथ खाना खा कर वहां से डेढ़ बजे वापस कुंडम घर लौट आए थे.
8 नवंबर, 2022 को रात करीब 10 बजे कुंडम थाने की पुलिस जब गुलाब के घर पहुंची तो सीधेसादे लोग डर गए. पुलिस ने गुलाब से पूछा, ‘‘तुम्हारे कितने बच्चे हैं.’’ तो गुलाब ने बताया, ‘‘साब, 2 बेटी, एक बेटा है.’’
उन्होंने फिर पूछा, ‘‘बच्चे कहां हैं?’’ तो गुलाब ने उन्हें बताया, ‘‘एक बेटा, एक बेटी घर में साथ ही हैं. बड़ी बेटी जबलपुर में रहती है.’’