दिल्ली पुलिस के कंट्रोलरूम में रोजाना सैकड़ों काल्स आती हैं. कभीकभी काल सामान्य घटना की आती है लेकिन जब पुलिस मौके पर पहुंचती है तो मामला बहुत गंभीर निकलता है. इसलिए काल मिलने के बाद पुलिस कंट्रोलरूम हर काल को गंभीरता से लेता है और मौके पर पीसीआर वैन भेज दी जाती है ताकि मामले की वास्तविक स्थिति पता चल सके. यानी पुलिस कंट्रोलरूम हर काल पर प्राथमिक काररवाई करता है.
9 जुलाई, 2013 को दोपहर करीब पौने एक बजे पुलिस कंट्रोलरूम को एक काल मिली, जिस में बताया गया कि हजरत निजामुद्दीन क्षेत्र के बाउली गेट में एक विक्षिप्त गर्भवती महिला दर्द से कराह रही है. इस क्षेत्र में हजरत निजामुद्दीन औलिया की दरगाह होने की वजह से यहां रोजाना सैकड़ों जाइरीन आते हैं.
दरगाह के बाहर बेसहारा लोग भी भीख मांगने बैठे होते हैं. जाइरीन उन्हें जकातखैरात, खाना वगैरह देते हैं. इसी वजह से इस क्षेत्र में तमाम खानाबदोश लोग घूमते रहते हैं. पुलिस कंट्रोलरूम में जो काल आई थी, वह एक विक्षिप्त महिला से संबंधित थी. यह काल ऐसी नहीं थी जिस में कानूनव्यवस्था भंग हो रही हो या होने की आशंका हो. फिर भी जब काल आई है तो पुलिस का मौके पर पहुंचना जरूरी था, लिहाजा इस काल की जानकारी थाना हजरत निजामुद्दीन में देने के बाद एक पीसीआर वैन बाउली गेट भेज दी.
उधर हजरत निजामुद्दीन थाने के ड्यूटी औफिसर को विक्षिप्त गर्भवती महिला के दर्द से कराहने की खबर मिली तो उन्होंने काल सबइंसपेक्टर अजय कुमार को मार्क कर दी. बाउली गेट इलाका थाने से 7-8 सौ मीटर की दूरी पर था इसलिए एसआई अजय कुमार हेडकांस्टेबल धर्मबीर और एक महिला कांस्टेबल को साथ ले कर 10 मिनट में ही वहां पहुंच गए.