राजस्थान के नागौर जिले के सुरपालिया थाने के तहत आने वाले एक गांव बाघरासर में रविवार, 21 जनवरी, 2018 की सुबह डीडवाना एएसपी दफ्तर के ड्राइवर कांस्टेबल गेनाराम मेघवाल ने अपनी पत्नी संतोष और बेटे गणपत व बेटी सुमित्रा के साथ फांसी के फंदे पर झूल कर जान दे दी.
21 जनवरी, 2018 को सुबह के 4 बजे गेनाराम के लिखे गए सुसाइड नोट को सोशल मीडिया पर पोस्ट किया गया. उस सुसाइड नोट पर गेनाराम समेत परिवार के सभी सदस्यों के दस्तखत थे.
5 पन्नों के उस सुसाइड नोट में एक पुलिस एएसआई राधाकिशन समेत 3 पुलिस वालों पर चोरी के आरोप में फंसाने, सताने व धमकाने को ले कर यह कदम उठाने का आरोप लगाया गया था.
सुसाइड नोट में लिखा था कि मार्च, 2012 में नागौर पुलिस लाइन में रहने वाले एएसआई राधाकिशन सैनी के घर में चोरी हुई थी. राधाकिशन ने गेनाराम, उस के बेटे गणपत और बेटे के दोस्तों के खिलाफ मामला दर्ज कराया था.
उन दिनों गेनाराम नागौर में तैनात था. इस मामले में 2 बार एफआईआर हो चुकी थी. लेकिन तीसरी बार यह मामला फिर खुलवा लिया गया. इस के बाद गेनाराम ने कोर्ट में एफआईआर रद्द करने की याचिका लगाई, मगर वह कोर्ट से खारिज हो गई थी.
गेनाराम अपने आखिरी समय में एएसपी दफ्तर, डीडवाना में तैनात था. वहां वह दफ्तर के पास बने सरकारी क्वार्टर में परिवार के साथ रहता था.
जांचपड़ताल में यह भी सामने आया कि गेनाराम और राधाकिशन के बीच गांव ताऊसर में 18 बीघा जमीन को ले कर भी झगड़ा चल रहा था. इस मामले में भी अजमेर पुलिस के अफसरों ने जांच की थी. गेनाराम और उस के परिवार के तनाव की एक खास वजह यह भी थी.