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चीनी नागरिक उन्हें बैंकों में खाते खुलवाने, भुगतान गेटवे तैयार कराने, अन्य डमी निदेशकों आदि की व्यवस्था करने के निर्देश देते थे. इस काम के लिए वे 3 लाख रुपए की मोटी रकम लेते थे. सीए अविक केडिया ने बताया कि चीनी धोखेबाजों के लिए उस ने 110 से अधिक शेल कंपनियां बनाई थीं.

चीनी धोखेबाजों और उन के ये सभी गुर्गे बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी फंड ट्रांसफर के लिए उच्च गुणवत्ता  वाले सौफ्टवेयर और वित्तीय टूलों का इस्तेमाल करते थे.

रोचक खुलासों से चौंकी पुलिस

पुलिस को अब तक की जांच में पता चला है कि पावर बैंक, ईजी मनी के जरिए अब तक पूरे भारत में करीब 5 लाख लोगों को ठगा जा चुका था और इन से करीब 2 महीनों में ही 150 करोड़ रुपए से अधिक की ठगी की गई. पुलिस ने सीए अविक केडिया के गुड़गांव स्थित घर से 97 लाख रुपए नकद भी बरामद किए.

पुलिस को जांच और पूछताछ में पता चला था कि पावर बैंक क्विक अर्निंग ऐप गूगल प्लेस्टोर पर था और इसे चीन के एक सर्वर से कमांड दी जाती थी.

जबकि पावर बैंक व ईजीमनी का ऐप 222.द्ग5श्चद्यड्डठ्ठ.द्बठ्ठ वेबसाइट पर उपलब्ध था. इस ऐप के संदेश लोगों को स्पैम के रूप में आते थे. प्राप्तकर्ता को एक संक्षिप्त (एनक्रिप्टेड) यूआरएल के माध्यम से ऐप डाउनलोड करने के लिए प्रेरित किया जाता था. इसलिए जब पुलिस ने इस की संदिग्ध गतिविधि को परखा तो एनसीएफएल की मैलवेयर फोरैंसिक लैब से इस ऐप की जांच करवाई. जांच में कुछ रोचक खुलासे से पुलिस चौंक गई.

पावर बैंक व ईजीमनी ऐप ने खुद को बेंगलुरु आधारित एक स्टार्टअप कंपनी का प्रोजैक्ट बताया था, जो क्विक चार्जिंग अर्न करने की चेन से जुडा था. लेकिन जिस सर्वर पर ऐप को होस्ट किया गया था, उस के  चीन में होने के कारण पुलिस को इस में छिपे ठगी के नेटवर्क का शक हो गया.

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