थाना जतारा के अंतर्गत गांव में सूरज अपनी पत्नी के साथ छिपा हुआ था. दिल्ली पुलिस ने उस के पास से 34 लाख रुपए के लूटे हुए गहने व 60 हजार रुपए नकद बरामद कर लिए.
पूछताछ में उस ने बताया कि लूटपाट का माल तीनों में बराबरबराबर बांटने की बात हुई थी लेकिन लूट के बाद उस के मन में लालच आ गया. घर में केवल 30 हजार की नकदी मिली थी, जो उस ने 3 हिस्सों में बांट दी.
उस ने एकदो गहने भी राकेश व राजू को दे दिए. बाकी गहने उस ने यह कह कर अपने पास रख लिए कि कल वह इन्हें अपनी जानपहचान वाले सुनार को बेच कर नकदी ले लेगा और फिर उसे आपस में बांट लेंगे.
पुलिस ने सूरज के कब्जे से लूटे गए 522 ग्राम सोना और 300 ग्राम चांदी के आभूषण जब्त किए. इस के अलावा मोबाइल और कैश समेत कुल करीब 33 लाख रुपए का सामान बरामद किया. दिल्ली ला कर वसंत विहार पुलिस ने सूरज को अदालत में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया. द्य
मंगलम परिवार का रहा है राजनीतिक इतिहास
किट्टी कुमारमंगलम की शादी एक ऐसे परिवार में हुई थी, जिस का लंबा राजनीतिक इतिहास रहा है. कुमारमंगलम परिवार ब्रिटिश राज में कुमारमंगलम एस्टेट के सामंती जमींदार थे.
रंगराजन कुमारमंगलम के दादा परमशिवन सुब्बारायन (1889-1962) एक स्वतंत्रता सेनानी थे, जो 1926 में तत्कालीन मद्रास प्रेसीडेंसी के मुख्यमंत्री रहे. सुब्बारायन इंडोनेशिया में भारत के राजदूत भी रहे और जवाहरलाल नेहरू की सरकार में केंद्रीय मंत्री के रूप में भी काम किया. बाद में महाराष्ट्र के राज्यपाल रहे. सुब्बारायन के एक पुत्र जनरल पी.पी. कुमारमंगलम 1967 से 1969 तक भारतीय सेना के प्रमुख रहे थे. इन के दूसरे पुत्र एस. मोहन कुमारमंगलम भी इंदिरा गांधी सरकार में मंत्री रहे थे. एस. मोहन कुमारमंगलम के 3 संतानें थीं. पी. आर. कुमारमंगलम और 2 बेटियां ललिता कुमारमंगलम जो भाजपा की नेता हैं और राष्ट्रीय महिला आयोग की पूर्व प्रमुख रही हैं तथा दूसरी बेटी उमा मुखर्जी हैं.