रईस मंसूरी ने बाद में इनवर्टर का काम शुरू कर दिया. उस ने एकएक कर के 4 शादियां कीं. 3 बीवियों को वह तलाक दे चुका था, अब चौथी बीवी नुसरतजहां के साथ रह रहा था. पति के मरने के बाद तसलीमा को आर्थिक परेशानी हुई तो रईस ने उस की काफी मदद की. इस वजह से वह रईस की एहसानमंद हो गई.
तसलीमा की बेटियां जवान हो चुकी थीं. रईस की नीयत उस की बड़ी बेटी पर खराब हो गई. वह उसे फंसाने की कोशिश करने लगा. उसे इस बात की भी शर्म नहीं आई कि वह उस के लंगोटिया यार की बेटी है. एक तरह से वह उस की बेटी की तरह है. लेकिन उस ने इस ओर ध्यान नहीं दिया.
उसे फंसाने के लिए वह उस की पसंद की चीजें खरीद कर देने लगा. आखिर एक दिन वह अपनी योजना में सफल हो गया. नाजायज संबंध बने तो यह सिलसिला काफी दिनों तक चला. उस ने उस के अंतरंग संबंधों की मोबाइल से फिल्म भी बना ली थी.
तसलीमा के घर वालों को रईस मंसूरी पर इतना विश्वास था कि कोई उस के बारे में कुछ गलत सोच भी नहीं सकता था. इसी की आड़ में वह अपने मंसूबे पूरे कर रहा था. कुछ दिनों बाद तसलीमा की बेटी ने महसूस किया कि रईस से संबंध बना कर उस ने ठीक नहीं किया, क्योंकि वह उस की पिता की उम्र का है. उस से वह शादी भी नहीं कर सकती.
यह अहसास होने के बाद वह उस से दूरियां बनाने लगी. लेकिन रईस उस का पीछा छोडऩे को तैयार नहीं था. उस ने जो वीडियो बना रखी थी, उसी के बल पर वह उसे ब्लैकमेल करने लगा. रईस ने उसे धमकी दी कि अगर उस ने उस की बात नहीं मानी तो वह उस वीडियो को इंटरनेट पर डाल देगा. इस धमकी से वह डर गई. इस तरह रईस उस का शारीरिक व मानसिक शोषण करने लगा.
तसलीमा का बेटा आलम अब जवान हो चुका था. वह दुनियादारी समझने लगा था. अपने घर आने वाले रईस की गतिविधियां उसे अच्छी नहीं लगती थीं. क्योंकि वह जब भी उस के घर आता था, उस की बहन के आगेपीछे मंडराता रहता था. वह रईस से तो कुछ कह नहीं कहा, क्योंकि वह उस के मरहूम पिता की उम्र का था. उस की अम्मी भी उस की बड़ी इज्जत करती थी. इसलिए उस ने बहन को ही डांटा कि वह रईस ज्यादा बातें न किया करे.
आलम को पता नहीं था कि बात तो उस की बहन भी नहीं करना चाहती, पर रईस ने वीडियो फिल्म का ऐसा खौफ उस के दिल में बैठा दिया है कि ना चाहते हुए भी वह रईस की हर बात मानती है. एक दिन आलम के एक दोस्त ने अपने मोबाइल में उसे एक वीडियो दिखाई. वह वीडियो देख कर आलम का खून खौल उठा. उस वीडियो में उस की बहन रईस के साथ आपत्तिजनक स्थिति में थी. उस के दोस्त को वह फिल्म रईस ने ही दी थी.
इस के बाद रईस आलम का दुश्मन बन गया. उस ने मन ही मन तय कर लिया कि वह उसे उस के किए की सजा जरूर देगा. अपने दिल में उठ रहे गुस्से के सैलाब को उस ने जाहिर नहीं होने दिया और रईस को ठिकाने लगाने का उपाय खोजने लगा. आखिर उस ने एक खौफनाक योजना बना ही ली.
आलम को अपने घर में इनवर्टर लगवाना था. चूंकि रईस इनवर्टर का काम करता था, इसलिए उस ने रईस को इनवर्टर लगाने के लिए 5 हजार रुपए दे दिए. रईस के पास काम ज्यादा था, इसलिए उस ने सोचा कि जिस दिन उसे टाइम मिलेगा, वह आलम के यहां जा कर इनवर्टर लगा देगा.
आलम ने रईस को फोन किया तो उस ने आलम से कह दिया कि 15 दिसंबर की शाम को वह उस के यहां इनवर्टर लगा देगा. आलम ने उसी दिन रईस को ठिकाने लगाने की योजना बना डाली. इस काम में उस ने अपने एक दोस्त शोएब को भी शामिल कर लिया.
उस दिन शाम को वह रईस के आने का इंतजार करने लगा. शाम साढ़े 7 बजे तक रईस उस के यहां नहीं पहुंचा तो उस ने उसे फोन किया. फोन पर बात करने के कुछ देर बाद रईस अपनी स्कूटी से आलम के यहां पहुंच गया.
योजना के अनुसार, आलम ने शराब की एक बोतल पहले से ही खरीद कर रख ली थी. रईस ने जब उस के यहां इनवर्टर लगा दिया तो वह रईस को एक कमरे में ले गया. उस कमरे में मेज पर शराब की बोतल और नमकीन पहले से ही रखी थी.
आलम ने कहा, “इनवर्टर लगने की खुशी में मैं ने छोटी सी पार्टी रखी है.”
रईस मना नहीं कर सका और आलम तथा शोएब के साथ शराब पीने बैठ गया. आलम ने तेज आवाज में डेक बजा दिया. जैसे ही उन का पीनेपिलाने का दौर खत्म हुआ, आलम अपनी जगह से उठा और कमरे में पहले से रखे हथौड़े से रईस के सिर पर जोरदार वार कर दिया. एक ही वार में रईस बिना कोई आवाज किए नीचे गिर गया. सिर से खून बहने लगा. कुछ ही देर में उस की मौत हो गई.
हत्या के बाद उन के सामने समस्या लाश ठिकाने लगाने की थी. नाराज आलम ने उस की गरदन काट दी. इस के बाद उस ने लाश के टुकड़े कर के 4 बोरों में भर दिए और आधी रात को उन बोरों को एकएक कर के रामगंगा नदी के किनारे फेंक आया. कमरे में जमीन पर जो खून फैला था, उसे भी उस ने मिट्टी सहित कुरच कर एक बोरे में भर दिया और उसे भी जामा मस्जिद के नाले में डाल आया. उस की स्कूटी को उस ने रामगंगा नदी के पार मजार के पास बने कुंड में फेंक दी.
पूछताछ के बाद पुलिस ने आलम के साथी शोएब को भी गिरफ्तार कर लिया. आलम की निशानदेही पर पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त हथौड़ा, चाकू, आरी के ब्लेड, मृतक का मोबाइल फोन और स्कूटी बरामद कर ली. इस के बाद उन्हें न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया.
(कथा पुलिस सूत्रों व अभियुक्त आलम के बयान पर आधारित. कथा में तसलीमा परिवर्तित नाम है)