इजाबेला को देख कर भले ही फिलिप मुसकरा देता था, लेकिन सही मायने में उसे देख कर उसे गुस्सा आता था. उस ने बाप के साथ मिल कर एलेक्स को प्यार के नाम पर धोखा देने की कोशिश की थी. अगर वह सचमुच एलेक्स को प्यार करती होती तो आत्महत्या कर लिया होता. आत्महत्या नहीं करती तो कम से कम बीमार तो पड़ ही गई होती या अपने कमीने बाप को छोड़ दिया होता. लेकिन उस ने ऐसा कुछ नहीं किया था. इस का मतलब उस का प्यार नाटक था.
एक दिन इजाबेला फिलिप के एकदम सामने पड़ गई तो उस ने नमस्ते किया. फिलिप ने उसे बताया कि आजकल एलेक्स कैलिफोर्निया में है और बहुत खुश है. वह टेनिस का अच्छा खिलाड़ी है. हर समय लड़कियां उस के पीछे लगी रहती हैं.
यह बताते हुए फिलिप उस के चेहरे को गौर से देख रहा था कि प्रतिक्रियास्वरूप उस पर कैसे भाव आते हैं. लेकिन उस का चेहरा भावशून्य बना रहा. बल्कि उसे लगा कि वह मुसकरा रही है. तब बेचैनी से फिलिप ने कहा, ‘‘कभी तुम उस से बहुत प्यार करती थीं?’’
‘‘जी, शायद वह मेरी बेवकूफी थी.’’ इजाबेला ने झट कहा, ‘‘कई महीने पहले एलेक्स ने भी फोन कर के कहा था.’’
‘‘तुम उतनी नहीं भोली हो, जितनी दिखती हो,’’ फिलिप ने कहा, ‘‘कितनी आसानी से तुम ने उसे बुद्धू बना दिया.’’
‘‘इन बातों का अब क्या मतलब मि. फिलिप. आप ने ही कहा था कि एलेक्स को छोड़ दो. मैं ने छोड़ दिया. अब आप शिकायत कर रहे हैं कि मैं ने बड़ी आसानी से उसे भुला दिया.’’
‘‘तुम जैसी लड़कियां कुछ भी कर सकती हैं. किसी पर भी हक जमा सकती हैं.’’
‘‘कैसा हक मि. फिलिप? मुझे पता है कि एलेक्स आप का बेटा है. वह आप से अलग थोड़े ही हो सकता है. उस समय वह भावुक हो रहा था, वरना मुझ में ऐसा क्या था, जिस के लिए वह आप को और आप की जायदाद को छोड़ देता. वह मुझ से सिविल मैरिज के लिए कह रहा था, पर मैं ने मना कर दिया.’’
फिलिप चौंका, फिर स्वयं को संभाल कर बोला, ‘‘कर लेना चाहिए था सिविल मैरिज. तुम दोनों बालिग तो हो ही चुके हो.’’
‘‘वह मुझ से कह रहा था कि मैं उस के साथ कैलिफोर्निया चलूं, लेकिन मैं ने मना कर दिया था. मुझे पता था कि वह बाद में पछताता. क्योंकि उस की शक्लसूरत, आदत और मिजाज सब कुछ आप जैसे हैं. वह भी दौलत से उतना ही प्यार करता है, जितना आप. बाद में अपनी गरीबी के लिए मुझ पर आरोप लगता. उसे मेहनतमजदूरी करनी पड़ती तो प्यार का नशा उतर जाता और लड़ाईझगड़ा होने लगता. अंत में तलाक हो जाता.’’ इजाबेला ने व्यंग्यात्मक हंसी हंसते हुए कहा.
‘‘ये बातें तुम्हें एलेक्स से कहनी चाहिए थीं.’’
‘‘अब कोई फायदा नहीं, जो होना था, वह हो चुका है. अब इस बारे में सोचने से क्या फायदा.’’
इजाबेला की बातें सुन कर फिलिप को लगा, वह सचमुच एलेक्स से प्यार करती थी. उस ने बिना मतलब एक मासूम लड़की का दिल तोड़ा. उस पूरे सप्ताह वह काफी उदास रहा. एक दिन उस ने रोजा से कहा, ‘‘काश, इजाबेला किसी और की बेटी होती तो एलेक्स से उस की शादी हो गई होती.’’
‘‘किसी और की नहीं, किसी करोड़पति की बेटी कहो. तब तुम्हारा मकसद पूरा हो जाता.’’ रोजा ने कहा.
अगले ही दिन एलेक्स आ गया. उस का रवैया एकदम नार्मल था. वह खुश भी नजर आ रहा था. इस से फिलिप को तसल्ली हुई. उस ने स्पोर्ट कार खरीद ली थी. वह रोज टेनिस खेलने जाता था. उस के आने के बाद फिलिप ने एक दिन डिनर रखा. उस में इजाबेला को खासतौर से बुलाया. फिलिप एलेक्स के साथ दरवाजे पर खड़े हो कर आने वाले मेहमानों का स्वागत कर रहा था.
इजाबेला आई तो बहुत ही खूबसूरत और ग्रेसफुल लग रही थी. उस के आते समय फिलिप की नजरें एलेक्स पर ही जमी थीं. एलेक्स ने उस पर खास ध्यान नहीं दिया था. सब की ही तरह हाथ मिला कर हालचाल पूछ लिया था. उसी तरह फिलिप ने भी हालचाल पूछा था. इजाबेला रोजा से बड़े प्यार से बातें कर रही थी.
फिलिप सब से मिलजुल रहा था, लेकिन उस की नजरें एलेक्स पर ही टिकी थीं. उस ने देखा, दोनों एकदूसरे के प्रति लापरवाह नजर आ रहे थे, जैसे उन का एकदूसरे से कोई ताल्लुक ही नहीं था. उस ने इत्मीनान की सांस ली कि उस की दूर की सोच ने उसे बुरे अंजाम से बचा लिया. इस तरह इजाबेला को पार्टी में बुलाने का उस का मकसद पूरा हो गया.
पार्टी खत्म हुई तो इजाबेला ने जाने की इजाजत मांगी. फिलिप ने एलेक्स से कहा कि वह इजाबेला को उस के घर तक छोड़ आए. उन के बाहर निकलने से पहले फिलिप पिछले दरवाजे से निकल कर वहां गया, जिधर से वे जाने वाले थे. वह एक झाड़ी के पीछे छिप कर खड़ा हो गया. बाहर आते ही एलेक्स बेताबी से इजाबेला को बांहों में भर कर प्यार करने लगा.
इजाबेला ने उस के सीने से लग कर रोते हुए कहा, ‘‘एलेक्स, अब मैं और इंतजार नहीं कर सकती. मुझे लगता है, मैं पागल हो जाऊंगी.’’
‘‘बेवकूफी वाली बातें मत करो. जिस तरह तुम ने एक साल बिता दिया, उसी तरह कुछ दिन और बिता दो. यही तो दूर की सोच है.’’ इजाबेला के बालों को सहलाते हुए एलेक्स ने कहा.
‘‘लेकिन इस बात का क्या भरोसा कि अब हमें ज्यादा दिन इंतजार नहीं करना पड़ेगा, क्योंकि अब मैं ज्यादा दिनों तक यह नाटक नहीं कर सकती.’’
‘‘बस, कुछ दिनों की ही बात है. मैं खुद जा कर डाक्टर से मिला था. उस ने बताया है कि डैडी का दिल काफी कमजोर होने के साथ बहुत ज्यादा बढ़ चुका है, इसलिए वह ज्यादा दिनों तक जिंदा रहने वाले नहीं हैं. बस कुछ हफ्ते या 2-4 महीने के मेहमान हैं. उस के बाद हमारे इंतजार की घडि़यां और दुख के दिन खत्म हो जाएंगे.’’
ये बातें सुन कर फिलिप को लगा कि उस ने एलेक्स का प्यार छीना तो इजाबेला ने उस से उस का बेटा छीन लिया. वह उस की जायदाद का एकलौता वारिस था. कहां उसे अपनी दूर की सोच पर नाज था, अपनी अक्ल पर घमंड था, आज उस का बेटा उस से ज्यादा दूर की सोच वाला और समझदार निकल चुका था. कितनी आसानी से बिना किसी लड़ाईझगड़े के उस ने अपनी दूर की सोच की वजह से अपने प्यार को पा लिया था.