पुलिस ने खोल दी फरजी शादी की पोल
22 सितंबर, 2023 को इस मामले को ले कर डा. आकांक्षा की ओर से सचिन, प्रीति और उस की सहयोगी महिलाओं के खिलाफ धोखाधड़ी कर के संपत्ति हड़पने का मुरादनगर थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया. थाने में मुकदमा दर्ज होते ही पुलिस ने इस मामले में जांचपड़ताल शुरू कर दी.
जांच के दौरान पता चला कि सचिन पर पहले ही मुरादनगर, मसूरी और सिहानी गेट थाने में धोखाधड़ी के कई मामले दर्ज हैं. सचिन गाजियाबाद में नूरपुर गांव का रहने वाला था. उसी जांचपड़ताल के दौरान इस शादी की हकीकत सामने आई कि करोड़ों की प्रौपर्टी को हड़पने के लिए इस गैंग ने यह षडयंत्र रचा था.
उसी दौरान पुलिस जांच में पता चला कि प्रीति की भी इस मामले में पूरी भागीदारी थी. प्रीति इस से पहले इसी तरह से धोखाधड़ी कर कई लोगों को चूना लगा चुकी थी. इस से पहले वह 10 शादियां कर चुकी थी. पुलिस ने अपनी काररवाई करते हुए उस की 4 शादियों के दस्तावेज भी हासिल कर लिए थे.
यह सब जानकारी जुटाते ही पुलिस डा. सुधा के घर पर पहुंची तो पुलिस के पहुंचने से पहले ही सभी फरार हो चुके थे. उस के बाद पुलिस ने सचिन के गांव में उस के घर पर छापा मारा तो वह पुलिस के हत्थे चढ़ गया. पुलिस ने सचिन को गिरफ्तार किया और मुरादनगर थाने ले आई.
थाने लाते ही पुलिस ने उस से कड़ी पूछताछ की तो उस ने सारा राज आसानी से खोल दिया. सचिन ने स्वीकार किया कि सीधेसादे लोगों को अपने विश्वास में ले कर उन की शादी के बहाने उस का गैंग मोटी रकम ऐंठता था, जिस में प्रीति का अहम रोल था. सचिन ने पुलिस को बताया कि अब तक गैंग के लोग प्रीति की 10 शादियां करा कर करोड़ों रुपए कमा चुके हैं.
इस पूरे गैंग का संचालक सचिन ही था. वही प्रीति के साथ प्रवेश और नीलम के सहारे ही करोड़पति घरानों में पहले मेड की नौकरी दिलाता था और फिर उन की प्रौपर्टी हथियाने के लिए मंदबुद्धि, दिव्यांग या फिर अधिक उम्रदराज व्यक्तियों के साथ शादी कर उन को अपने जाल में फंसा कर करोड़ों कमाता था.
यह गैंग के सदस्य किस तरह से लोगों को अपने जाल में फंसाता था और किस तरह लोगों को लूट कर फरार हो जाते, यह सभी को सचेत करने वाली नसीहत भरी कहानी है.
सचिन फरजी शादी कर ब्लैकमेलिंग का चलाता था गैंग
सचिन गाजियाबाद जिले के गांव नूरपुर का रहने वाला था. उस ने मात्र हाईस्कूल ही पास किया था. वह शुरू से ही शातिर दिमाग था. प्रीति उस के रिश्ते की भांजी थी. वह पहले से ही घरों में मेड का काम किया करती थी.
प्रीति जब पहली बार किसी के घर में मेड के काम पर गई तो उस का लडक़ा विकलांग था, जिस की शादी नहीं हो पा रही थी. उस के पास करोड़ों रुपए की जमीनजायदाद थी. प्रीति ने उस की जमीनजायदाद को देख कर पहली बार गेम खेला और उस के लडक़े के साथ शादी कर के उस घर से लाखों रुपए के जेवर और नकदी ले कर फरार हो गई थी.
इस के बाद सचिन उस से मिला. प्रीति का यह काम उसे अच्छा लगा. फिर वह उसी के साथ उस की सहायता कर के ऐसे ही घरों को तलाश करने लगा था, जिस घर में विकलांग या फिर मंदबुद्धि अनमैरिड युवा होते थे.
उस के बाद वह किसी भी तरह से उस परिवार से संपर्क कर के जानपहचान बढ़ा लेता था. उस के बाद मेड दिलाने के नाम पर प्रीति को वहां पर लगा देता था. फिर प्रीति उस घर में घुसते ही वहां पर अपना विश्वास जमा लेती और शादी कर के कुछ दिन वहीं पर रहती.
योजना के अनुसार वह उस परिवार पर तरह तरह के आरोप लगा कर मुकदमा दर्ज करा देती, जिस के बाद अधिकांश परिवार अपनी इज्जत के डर से उसे मोटी रकम दे कर समझौता कर लेते थे. यही काम करते करते उस ने दिल्ली एनसीआर में 3 शादियां की थीं. उस से पहले उस ने 3 शादियां हरियाणा में की थीं. जिस के बाद वह सभी को चूना लगा कर फरार हो जाती थी.
डा. सुधा के घर भी प्रीति को सचिन ने ही बतौर मेड के रूप में रखवाया था. सचिन का डा. सुधा के घर पहले से ही आनाजाना था. उन्हीं संबंधों के कारण एक दिन डा. सुधा ने सचिन से किसी मेड को दिलाने की बात कही थी. सचिन का मकसद भी यही था. डा. सुधा के कहते ही उस ने प्रीति को उन के घर भेज दिया था.
डा. सुधा के घर जाते ही प्रीति ने मीठी मीठी बातें बनाते हुए उन पर पूरा विश्वास जमा लिया था. डा. सुधा का बेटा शिवम पहले से ही मंदबुद्धि था. उस में सोचनेसमझने की ज्यादा क्षमता नहीं थी. सचिन को यह भी पता था कि डा. सुधा की बीमारी आखिरी स्टेज पर पहुंच चुकी है, जिस के कुछ दिन बाद उन की मौत निश्चित है.
यही सोच कर उस ने प्रीति को समझा दिया कि वह किसी भी तरह से शिवम और डा. सुधा से प्यार जताते हुए उस के साथ उस के गले में माला डाल कर शादी की नौटंकी करे. फिर उस के बाद बाकी वह देख लेगा.
उस वक्त डा. सुधा की हालत ज्यादा ही खराब थी. न तो वह अधिक बोल सकती थीं और न ही ज्यादा चलफिर सकती थीं. उन की हालत का नाजायज फायदा उठाते हुए प्रीति ने एक दिन उन से बात करते हुए कहा, ‘‘मैडम, हर रोज आप की हालत खराब होती जा रही है. अगर आप को कुछ हो गया तो आप के पीछे शिवम बाबू की देखरेख कौन करेगा. इसीलिए मैं चाहती हूं कि इस से पहले आप को कुछ हो जाए, आप शिवम बाबू की शादी मुझ से कर दो. ताकि आप के बाद मैं उन की पूरी देखरेख कर सकूं.’’
हालांकि डा. सुधा की हालत दिनबदिन बिगड़ती ही जा रही थी. फिर भी वह प्रीति के कहने पर उस की शादी करने को तैयार न थीं.
सचिन और प्रीति का प्लान हुआ फेल
उसी दौरान डा. सुधा की तबीयत ज्यादा ही खराब हो गई, जिस के कारण उन्हें अस्पताल में भरती कराना पड़ा. उसी वक्त प्रीति ने फिर से डा. सुधा के सामने वही शादी की बात दोहराई. डा. सुधा उस वक्त ऐसी हालत में थीं कि वह कुछ कहनेसुनने में पूरी तरह से असमर्थ थीं. उन की हालत को देखते हुए प्रीति अपने साथ लाई माला ले कर शिवम के गले में डालते हुए फिर उसी तरह से उस से भी अपने गले में डलवा ली.
शिवम कुछ भी नहीं समझ पाया था. उस के साथ ही उस ने दोनों के माला डालते हुए कई फोटो भी खींच लिए थे. उस के साथ ही प्रीति ने डा. सुधा के साथ खड़े हो कर भी फोटो खिंचवाए थे. यह नौटंकी खत्म करने के बाद सभी डा. सुधा की मौत का इंतजार करने लगे.
जैसे ही 7 अगस्त, 2023 को डा. सुधा की मौत हुई, उस के बाद ही सचिन की पूर्व योजनानुसार प्रीति ने खुद को शिवम की पत्नी मान लिया और अपनी सहेली प्रवेश और नीलम को भी बुला लिया था. लेकिन डा. आकांक्षा के आगे उन का सारी योजना धरी की धरी रह गई. हालांकि सचिन ने शिवम की सारी संपत्ति हड़पने के लिए यह साजिश रची थी, लेकिन अपने इस मंसूबे में यह गैंग कामयाब नहीं हो पाया था.
इस केस का खुलासा करते हुए डीसीपी (रूरल) विवेकचंद्र यादव ने बताया कि अगर किसी तरह से यह केस पुलिस तक नहीं पहुंच पाता तो ये लोग अपनी योजना में हरगिज कामयाब नहीं हो पाते. क्योंकि डा. सुधा ने पहले ही अपनी सारी प्रौपर्टी की वसीयत अपने बेटे के नाम करा दी थी. लेकिन बाद में अपने बेटे की हालत देखते हुए उन्होंने अपनी प्रौपर्टी अपनी बेटी डा. आकांक्षा के नाम कर दी थी. ताकि उन के खत्म होने के बाद उन की प्रौपर्टी सहीसलामत रहे.
इस मामले में पुलिस ने इस गैंग के संचालक हिस्ट्रीशीटर सचिन को 2 अक्तूबर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. प्रीति की तलाश में गाजियाबाद पुलिस की एक टीम हरियाणा मेें डेरा डाले हुए थी.
गाजियाबाद पुलिस की जांच में सामने आया कि प्रीति पर सोनीपत में भी कई मुकदमे दर्ज हैं. इसी वर्ष 2023 में भी सोनीपत सिटी कोतवाली में एक धमकी का और दूसरा आईटी ऐक्ट का मुकदमा दर्ज हुआ था. इस के अलावा प्रीति ने वर्ष 2022 में भी एक लेखपाल के खिलाफ सोनीपत सदर कोतवाली में रेप का मुकदमा दर्ज कराया था, जिस में प्रीति कोर्ट में दिए बयान से पलट गई थी.
उस में प्रीति ने अपना केस वापस लेने के लिए उस लेखपाल से लाखों रुपए लिए थे. जिस की गिरफ्तारी के बाद ही इस पूरे गेम की फाइल खुल सकेगी. इस मामले में पुलिस ने उस के पूर्व में रहे पतियों से भी बातचीत की थी.
पुलिस पूछताछ के दौरान जानकारी मिली कि प्रीति पहले शादी करती और फिर अपने पतियों पर तरहतरह के आरोप लगा कर केस दर्ज करा देती थी. फिर उन से केस वापस लेने की एवज में अच्छीखासी मोटी रकम की मांग करती थी. उस के साथ ही वह दूसरे शिकार की तलाश में लग जाती थी.
-कथा लिखने तक पुलिस यह भी जांच कर रही थी कि इस गैंग में और कितने लोग शामिल हैं.