“मैं चुपचाप सुनती रही, धीरेधीरे कर उस की बातें दिमाग में बैठ ही गईं. मैं उस के कहे अनुसार कर बैठी. उस रोज एकएक कर 4 लोगों के साथ मुझे सुला दिया. शाम होने पर उस ने मेरी हथेली पर 12 हजार रुपए रख दिए और बोली, ‘कल आना.’
…मेरी एक नजर पैसे पर गई और दूसरी बार भरी नजर से वंदना को देखा और बगैर कुछ कहे देवास लौट गई.’’
“यानी कि वंदना और तुम्हारे बारे में मुझे मिली जानकारी गलत नहीं थी. तुम्हारे बयान से सबूत मिल गया…लेकिन वंदना की हत्या किस ने की? वह तुम्हारी पक्की सहेली थी, तुम दोनों एक ही धंधे में उतर आई थी, फिर उसे किस ने मार डाला, उस के पति ने या फिर कोई और? सचसच बताना.’’ शुक्ला ने नैना की बातों की और तह में जाने के लिए प्यार से पूछा.
“वह मैं नहीं जानती साहब, मैं सिर्फ अपने बारे में बता सकती हूं. उस की किस से क्या नाराजगी थी, कौन उस का दुश्मन था, मुझे क्या मालूम? मैं तो उस के इशारे पर रूम सर्विस दिया करती थी और शाम को अपने घर लौट जाती थी. “हां, उस ने इस धंधे में ग्राहक की जेब से पैसे निकालने के नुस्खे बता दिए थे. सैक्स के विदेशी तौरतरीके सिखा दिए थे. जिस से मैं मर्दों के सैक्स की भूख और उन की चाहत को अच्छी तरह जान गई थी. कई बार बिना सैक्स किए ही कुछ समय बिताने के पैसे मिल जाते थे. जिस से अच्छी आमदनी होने लगी थी और उस का कमीशन भी अच्छा बन जाता था.’’
“तुम्हारे अलावा और कौन थी इस धंधे में जो वंदना के लिए काम करती थी, उस की और तुम्हारी महीने में कितनी कमाई हो जाती थी?’’ शुक्ला ने अलग सवाल किया.
“उस के साथ एक और युवती इंदौर की ही पूजा थी, उस की कमाई के बारे ठीकठीक नहीं बता सकती हूं. लेकिन हां, मेरे ग्राहकों से वंदना को अच्छा कमीशन मिल जाता था. मेरी डिमांड पूजा से अधिक थी. कई ग्राहक रेगुलर बन गए थे, वे मुझे ही पसंद करते थे. वे मेरे संपर्क में भी थे. मेरे साथ घूमनेफिरने और बिजनैस टूर पर दूसरी जगह ले जाने के बदले में अधिक पैसा देने की भी बात करते थे.’’ नैना बोली.
“तुम्हारे कहने का अर्थ यह हुआ कि तुम्हारी डिमांड अधिक थी और अलग से धंधा जमाने का मौका मिलने लगा था. फिर तो वंदना ही तुम्हारी दुश्मन बन गई थी?’’ शुक्ला बोले.
‘‘नहीं साहबजी, मुझे ग्राहक कहते जरूर थे, लेकिन सच तो यह है कि मैं इस धंधे से बाहर निकलने की सोच रही थी. कुछ पैसे जोड़ लिए थे, जिस से देवास या इंदौर में अपना कोई बुटीक खोलना चाहती थी. लेकिन यह बात जब वंदना को मालूम हुई, तब वह मुझ से नाराज हो गई. पूजा ने उसे समझाया फिर उस ने माफी मांग ली.’’
“फिर क्या हुआ?’’ शुक्ला ने आगे की बात जाननी चाही.
“फिर क्या साहबजी! एक ग्राहक ने कालगर्ल वंदना को बता दिया कि मैं उस से प्राइवेट में मिलना चाहती हूं और उस की कमीशन का पैसा नहीं देना चाहती हूं… अगले रोज वंदना ने छोटा सा वीडियो वाट्सऐप किया. उसे खोल कर देखा तो दंग रह गई. वह मेरा ही ग्राहक के साथ का एक वीडियो था. अगले पल ही एक मैसेज आ गया, जिस में लिखा कि अगर उस की मरजी के बगैर वह किसी ग्राहक के पास गई, तब यह वीडियो उस की मां को भेज देगी.
“मुझे जरा भी अंदाजा नहीं लग पाया कि कब उस ने मेरा सैक्स वीडियो बनाए थे और उसे मां को दिखाने की धमकी दे कर मुझे ब्लैकमेल करने लगी थी.’’
“ब्लैकमेल से बचने के लिए तुम ने क्या किया?’’
“मैं क्या कर सकती थी. परेशान रहने लगी. मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था. मैं वंदना की एक तरह से कठपुतली बन कर रह गई थी. कई बार दिमाग काम नहीं करता था. घर जाती थी, तब डर बना रहता था कि मां कुछ पूछ न बैठे. मैं उन की इकलौती संतान हूं, मेरी कमाई से घर का खर्च चलता है. मां मेरी शादी के सपने देख रही थीं. कोई लडक़ा नहीं मिल रहा था. शादी की उम्र निकल गई थी.’’ कहतेकहते नैना सुबकने लगी. शुक्ला ने लेडी कांस्टेबल को बुलाया. उस के लिए चाय और पानी लाने का आदेश दिया.
टीआई के पास भी थी न्यूड वीडियो…
नैना जब थोड़ी सामान्य हुई तब शुक्ला ने नैना को एक वीडियो दिखाई, जो सीसीटीवी फुटेज थी. उस में वह 2 युवकों के साथ थी. उन्होंने पूछा, ‘‘इस में तुम्हारे साथ जो दिख रहे हैं वे कौन हैं? यह सीसीटीवी की वीडियो उसी रात की है, जिस रात वंदना की हत्या हुई थी.’’
वीडियो देखते ही नैना के माथे पर पसीने की बूंदें छलक आईं. शुक्ला समझ गए कि उन की पूछताछ सही दिशा में जा रही है. उन्होंने मेज पर रखा टिश्यू पेपर निकाल कर उस की ओर बढ़ा दिया और बोले, ‘‘वीडियो देख कर सर्दी में पसीना आ गया न!
अब तुम सचसच वह सब बता दो, जो अभी तक छिपाए हुए हो, वरना मां के पास जाने वाले वीडियो से मैं भी नहीं बचा पाऊंगा, वह न्यूड वीडियो मेरे पास भी है.’’
उन्हें अब सैक्स वर्कर वंदना रघुवंशी मर्डर केस की गुत्थी सुलझती दिख रही थी. साफ दिख रहा था कि कालगर्ल नैना परमार ने ही सहेली वंदना रघुवंशी की हत्या कराई थी. पुलिस की लंबी पूछताछ से नैना परेशान हो गई. उस ने वाशरूम जाने की इजाजत मांगी. शुक्ला ने उसे लेडी कांस्टेबल के साथ वाशरूम जाने की इजाजत दे दी. कुछ मिनट में ही वापस आने के बाद शुक्ला के सामने बैठ गई. शुक्ला ने पूछा, ‘‘हां तो नैना परमार, सचसच बताओ कि ये दोनों कोन हैं? इन का वंदना की हत्या से क्या कनेक्शन है?’’
“जी साहब, सब कुछ बताऊंगी, एकदम सच बोलूंगी. ये दोनों अशोक रघुवंशी और गोलू रघुवंशी हैं. देवास के रहने वाले हैं. हमारे साथ ही इंदौर आते रहे हैं. लौटते भी साथ ही हैं. कहने को दोनों मुंहबोले भाई हैं, लेकिन वे मेरे दीवाने हैं. हमारे बीच हंसीमजाक भी चलता रहता है. उन्हें लगता है कि आज नहीं तो कल मैं उन के साथ संबंध बना लूंगी. हम सभी एकदूसरे से काफी खुले हुए हैं. गांवमोहल्ले में किस के साथ कैसा रिश्ता चल रहा है, इस की बेझिझक चर्चा करते रहे हैं. यही कारण रहा है कि ये दोनों मेरे एक इशारे पर कुछ भी करने को तैयार हो जाते थे. मैं ने वंदना द्वारा अपनी ब्लैकमेल की समस्या उन्हें बताई थी और इस का समाधान भी उन्होंने ही बताया था.’’
“समाधान क्या था? वंदना की हत्या!’’ शुक्ला ने डांट लगाई. डांट खा कर नैना डर गई.
“जी साहब! योजना के मुताबिक मेरे इशारे पर उन दोनों ने 27 नवंबर, 2022 की रात को सैक्स वर्कर वंदना रघुवंशी की गला रेत कर हत्या कर दी.’’ नैना ने यह कह कर चुप्पी साध ली. कुछ समय बाद शुक्ला ने अशोक और गोलू की डिटेल्स मांगी और अगले रोज उन्हें भी हिरासत में ले कर पूछताछ की. दोनों ने हत्या की बात स्वीकार कर ली. उन के द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार शुक्ला ने हत्या में इस्तेमाल किया गया दोपहिया वाहन और आरी भी बरामद कर ली.
कालगर्ल नैना परमार वारदात के दिन रविवार को दोनों के साथ इंदौर आई थी. उस वक्त शाम का धुंधलका छाने लगा था. उस ने दूर से ही दोनों भाइयों को वंदना का घर बता दिया और खुद नाश्ता लेने चली गई. शोक और गोलू रघुवंशी अपने साथ मिर्च पाउडर भी ले गए थे. उन्होंने वंदना को बताया कि वे नैना के भाई हैं. यह जान कर वदंना उन दोनों को चायपानी देने लगी, तभी उन्होंने मौका मिलने पर वंदना की आंखों में मिर्च पाउडर झोंक कर उस का आरी से गला काट दिया. हत्या करने के बाद वे दोनों वहां से फरार हो गए. करीब आधे घंटे के बाद लौटी और वंदना के घर पर गई. तब उस ने वंदना को खून से लथपथ जमीन पर पड़ा पाया. वह दम तोड़ चुकी थी. उस ने पुलिस को फोन कर सूचना दे दी और देवास लौट गई.
पुलिस ने नैना परमार, अशोक रघुवंशी और गोलू रघुवंशी से पूछताछ करने के बाद उन के खिलाफ वंदना की हत्या का मामला दर्ज कर उन्हें अदालत में पेश कर दिया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.
—कथा पुलिस सूत्रों पर आधारित