महाराजपुर पुलिस चौकी में कार्यरत जितने भी पुलिसकर्मी थे, उन्हें तुरंत वहां से पुलिस लाइंस में जा कर अपनी उपस्थिति दर्ज करने का आदेश दे दिया. पर फरार हुए स्पा मैनेजर और मालिकों की गिरफ्तारी के लिए टीमें नियुक्त कर के छापेमारी कर रही थीं.
समाज में गंदगी फैलाने वाले ऐसे लोगों को कानून के कटघरे में खड़ा कर के जेल पहुंचाना ही पुलिस का उद्ïदेश्य था. देखना है ये फरार हुए अभियुक्त कब तक पुलिस से लुकाछिपी का खेल खेलते हैं.
यह मामला अभी चल ही रहा था, ताजा भी था कि उत्तर प्रदेश के मऊ जनपद में एक और सैक्स रैकेट का भंडाफोड़ हो गया. हुआ यूं कि सीओ (सिटी) संजय मिश्रा अपने औफिस में बैठे. तभी उन्होंने अपने एक मुखबिर को फोन लगा लिया, “हैलो करीम, क्या कह रहे हो?”
“गुड मार्निंग साहब.” दूसरी ओर से करीम की आवाज उभरी, “आजकल खाली हूं साहब, जेब से कडक़ा हो गया हूं, कोई काम बताइए न?”
“करीम, कुछ दिनों से मुझे होटल राधाकृष्णा के विषय में उलटीसीधी बातें सुनने को मिल रही हैं.”
करीम ने तुरंत कहा, “हां साहब, सुना तो मैं ने भी है कि राधाकृष्णा में गरम गोश्त का धंधा होता है. आप कहें तो मैं पता लगाऊं?”
“खाली हो तो यही काम कर लो, खर्चापानी निकल जाएगा तुम्हारा.” संजय मिश्रा ने कहा.
“मैं आज शाम को ही मालूम कर लूंगा.” करीम चहक कर बोला, “आप को अच्छी खबर ही दूंगा साहब.”
“ठीक है.” कह कर संजय मिश्रा ने बात खत्म की.
उधर करीम शाम होने का इंतजार करने लगा. करीम 25-26 साल का युवक था. वह स्मार्ट था, रंगत भी गोरी थी. वह पुलिस के लिए मुखबिरी करता था. सीओ सिटी से बात होने के बाद उस ने शाम को व्हाइट शर्ट और ब्राऊन रंग की जींस पहनी. बालों को संवारा और पैदल ही होटल राधाकृष्णा की तरफ चल पड़ा.
राधाकृष्णा होटल में पहुंच कर वह बार काउंटर पर पहुंच गया, वहां मौजूद सर्विस बौय से उस ने लार्ज व्हिस्की का पैग मांगा. सर्विस बौय पैग बनाने लगा तो करीम धीरे से बोला, “यार, यहां शराब ही मिलती है क्या, उस के साथ कुछ चटपटा माल नहीं मिलता?”
“मिलता है जनाब.” सर्विस बौय पैग उस की तरफ बढ़ाते हुए बोला, “भुने काजू हैं, चटपटी नमकीन है, बौयल एग्स हैं.”
करीम मुसकराया, “यह नहीं यार, तनमन को तृप्त कर दे. कुछ ऐसा चटपटा सामान जो…”
“ओह समझा!” सर्विस बौय आगे को झुक कर मुसकराया, “आप गरम गोश्त की बात कर रहे हैं.”
“ठीक समझे, शराब के साथ शबाब हो तो तबियत फडक़ा फाइट हो जाती है.”
“आप रिसैप्शन काउंटर पर जाइए, वहां रंगीन एलबम है. उस में आप को एक से बढ़ कर एक फुलझडिय़ां मिल जाएंगी.”
“वाह!” करीम ने दोनों हाथ कंधे पर ले जा कर अंगड़ाई ली, “रेट वेट मालूम है तुम्हें?”
“नहीं, यह मैनेजर ही बता देंगे.” सर्विस बौय ने हंस कर कहा, “ऐसी गरम आइटम की कीमत नहीं पूछी जाती, दिल को भा जाए तो दिलफेंक लोग लाखों लुटा देते हैं.”
करीम हंसा, “आदमी दिलचस्प हो तुम.”
सर्विस बौय मुसकराने लगा. करीम ने पैग का बिल दिया और गिलास ले कर वह रिसैप्शन पर आ गया.
रिसैप्शन पर बैठे मोटे से व्यक्ति ने आंखों पर चढ़ा चश्मा ऊंचा कर के करीम को देखा, “फरमाइए जनाब, रूम चाहिए क्या?”
“अकेला हूं,” करीम ने होंठों को गोल किया, “शादी भी नहीं हुई है. रूम ले कर क्या करूंगा. कोई पार्टनर दिलवाएंगे तो रूम लेने का मजा है.”
“पार्टनर भी मिल जाएगा सर.” मैनेजर ने दाईं आंख दबा कर कहा, “एलबम देखेंगे आप.”
“दिखाइए, कोई पसंद आ जाएगी तो रात यहीं गुजार लूंगा.”
मैनेजर ने एलबम निकाल कर दिखाई, उस में अनेक खूबसूरत महिलाओं के फोटो लगे थे. करीम ने एक फोटो पर अंगुली रख कर उस का रेट पूछा.
“3 हजार चार्ज है इस हसीना का, हमारे होटल की शान इसी नगीना से है. यह रूबी है. पसंद हो तो बुलाऊंï?”
“रूम का चार्ज इसी में शामिल है या अलग से देना होगा?”
“यह आधा घंटे का चार्ज है, इस में कमरा हम देंगे आप को. यदि आप पूरी रात मौज करना चाहते हैं तो 7 हजार रुपया लगेगा. 5 लडक़ी के, 2 रूम चार्ज.”
“मैं रात भर रुकूंगा, लेकिन आज नहीं. आप कल के लिए रुबी को कहीं बुक नहीं करेंगे. यह एडवांस हजार रुपया रखिए.”
करीम ने कहने के बाद पर्स से 5-5 सौ के 2 नोट निकाल कर रिसैप्शन पर रख दिए. फिर वह होटल से बाहर आ गया. उस ने तुरंत सीओ संजय मिश्रा को फोन कर के सारी जानकारी दे दी.
संजय मिश्रा ने दूसरे दिन शनिवार 27 मई, 2023 को सुबह ही दक्षिण टोला सराय लखसी थाना और महिला थाने की पुलिस को कोतवाली में लिया. उन्हें यहां बुलाने का मकसद समझाने के बाद वह पुलिस बल, जिन में महिला कांस्टेबल भी थी, को साथ ले कर रोडवेज बस अड्ïडे के पास स्थित होटल राधाकृष्णा में छापा डाल दिया.
पुलिस को देख वहां भगदड़ मच गई. होटल मैनेजर को काबू कर लिया गया. ऊपर के फस्र्ट फ्लोर पर बने बहुत से कमरे अंदर से बंद थे. उन्हें खटखटा कर महिला पुलिस को आगे कर दिया गया. सीओ संजय मिश्रा ने ऊंची आवाज में आदेश दिया, “यहां पुलिस ने रेड डाली है. बंद कमरों में मौजूद महिलाएं पुरुष अपने कपड़े ठीक कर के बाहर आ जाएं.”
थोड़ी देर में बंद कमरों से महिलाएं मुंह ढंक कर बाहर आ गईं. हर महिला के साथ एक पुरुष भी था. टोटल 14 महिलाएं और मैनेजर सहित 16 पुरुष वहां से हिरासत में लिए गए. कमरों की तलाशी में आपत्तिजनक सामान भी बरामद हुआ, उसे सीलमोहर कर के कब्जे में ले लिया गया.
सभी पकड़े गए अनैतिक देह में लिप्त पुरुष और महिलाओं को कोतवाली में लाया गया. पुलिस उन से विस्तार से पूछताछ कर के कानूनी काररवाई में लग गई थी.
—कथा पुलिस सूत्रों पर आधारित. कथा में करीम व जगदीश उर्फ जग्गी परिवर्तित नाम हैं.
पहला राज थैरपी सेंटर के लिए प्रभारी एसआई ओमवीर स्वाट टीम से बनाए गए. उन के साथ एसआई मोहित यादव, लेडी एसआई सुमित्रा रावत, हैडकांस्टेबल मनोज कुमार सभी थाना लिंक रोड, एसआई मोहित कुमार, कांस्टेबल योगेश, विपुल खोकर, अभय प्रताप, लेडी कांस्टेबल मंजू सभी पुलिस लाइंस, कांस्टेबल तरुण स्वाट टीम.
दूसरी टीम स्वाधिका थैरपी सेंटर के लिए प्रभारी एसआई आकाश तिवारी पुलिस लाइंस को बनाया गया. इस टीम में एसआई रोहित गुप्ता, कांस्टेबल नीतेश कुमार, लेडी कांस्टेबल एकता डबास सभी पुलिस लाइंस, मीना थाना लिंक रोड को शामिल किया गया.
तीसरी टीम के प्रभारी एसआई धु्रव सिंह पुलिस लाइंस को बनाया गया. उन के साथ एसआई नरेंद्र कुमार, कांस्टेबल पुष्पेंद्र शर्मा, लेडी कांस्टेबल सीमा मलिक और जौली सभी थाना लिंक रोड के अलावा एसआई विवेक कुमार पुलिस लाइंस को भी शामिल किया गया. यह टीम द हैवन थैरपी सेंटर के लिए गठित की गई.
चौथी टीम अरोमा थैरपी सेंटर के प्रभारी एसआई सौरव, पुलिस लाइंस के नेतृत्व में गठित की गई. इस टीम में मुनेश कुमार, थाना लिंक रोड, हेडकांस्टेबल निशांत स्वाट टीम, कांस्टेबल अंजेश कुमार थाना लिंक रोड, रवि यादव, लेडी कांस्टेबल राधा शर्मा पुलिस लाइंस, उर्वशी थाना लिंक रोड को शामिल किया.
पांचवीं टीम का प्रभारी एसआई विश्वेंद्र, पुलिस लाइंस को बनाया, जिस में एसआई यश कुमार थाना लिंक रोड, हैडकांस्टेबल महेश कुमार थाना लिंक रोड, कांस्टेबल अनुज पुलिस लाइंस, महिला कांस्टेबल रेणु चौहान पुलिस लाइंस, सीमा थाना लिंक रोड को शामिल किया गया. इस टीम को अरमान थैरेपी सेंटर के लिए नियुक्त किया गया.
छठी टीम के प्रभारी एसआई दिनेश कुमार यादव पुलिस लाइंस, कप्तान सिंह थाना लिंक रोड, हेडकांस्टेबल अरुण वीर थाना लिंक रोड, कांस्टेबल विपिन पुलिस लाइंस, महिला कांस्टेबल पूजा पुलिस लाइंस, शिवांगी को रायल स्पा सेंटर के लिए टीम में शामिल किया गया.
सातवीं टीम एस-2 थैरपी सेंटर के लिए प्रभारी एसआई संजय कुमार पुलिस लाइंस, चेतन कुमार थाना लिंक रोड, हैडकांस्टेबल जितेंद्र कुमार थाना लिंक रोड, सुमित पुलिस लाइंस, कांस्टेबल श्रीकृष्णा पुलिस लाइंस, लेडी कांस्टेबल लता शर्मा पुलिस लाइंस, गीता पुलिस लाइंस.
आठवीं टीम के प्रभारी इंसपेक्टर पुष्पराज सिंह थाना लिंक रोड, महिला एसआई सर्जना पुलिस लाइंस, कांस्टेबल नीरेश यादव, थाना लिंक रोड, कांस्टेबल मनीष थाना लिंक रोड, संजय कुमार, थाना लिंक रोड, हैडकांस्टेबल तहजीब खान स्वाट टीम, लेडी कांस्टेबल रेणु पुलिस लाइंस. यह टीम एस-2 थैरपी सेंटर के लिए नियुक्त की गई.
‘द रुद्रा थैरपी’ पैसिफिक माल के अंदर चल रहे स्पा सेंटरों पर दबिश तथा आवश्यक काररवाई के मद्ïदेनजर हिदायत दी गई कि मौके पर मौजूद महिलाओं की मर्यादा को ध्यान में रख कर सर्च अभियान एवं वैधानिक काररवाई की जाएगी. इस के बाद सभी की जामातलाशी ले कर यह सुनिश्चित किया गया कि किसी के पास कोई नाजायज वस्तु नहीं है.
पैसिफिक माल में पुलिस ने मारा छापा
ये टीमें रात 8 बज कर 20 मिनट पर द रुद्रा थैरपी पैसिफिक माल के सामने पहुंच गईं. वहां आनेजाने वाले लोगों को पुलिस रेड का गवाह बनाने के लिए पूछा गया, लेकिन कोई भी शख्स बेकार के लफड़े में फंसने को तैयार नहीं हुआ. सभी ने अपनेअपने तरीके से मजबूरी जाहिर कर के इंकार कर दिया. निराश हो कर टीमों ने साढ़े 10 बजे एक साथ आठों स्पा सेंटरों पर धावा बोल दिया.
पुलिस सर्च अभियान के दौरान स्पा सेंटर में प्रवेश करने वाली टीमों के प्रभारियों ने ऊंची आवाज में महिलाओं को अपने नग्न जिस्म ढंकने के लिए कहा. महिलाओं की मर्यादा रख कर उन्हें बंद केबिनों से बाहर निकाला गया. उन की जामातलाशी ली गई और उन के नामपते पूछ कर नोट किए गए. जो अय्याश लोग इन स्पा सेंटरों में मौजमस्ती करने आए थे, उन्हें हिरासत में ले लिया गया.
इन स्पा सेंटरों से कुल 60 युवतियां देह धंधे में लिप्त मिली थीं. इन्हें महिला सबइंसपेक्टर और महिला कांस्टेबल की हिरासत में दे कर सभी के नामपते नोट किए गए. इन की उम्र 19 साल से 22 साल थी. इन में कुछ युवतियां शादीशुदा भी थीं. इन के नामपते मर्यादा का ध्यान रख कर उजागर नहीं किए जा सकते.
जब इन से इस प्रकार का अनैतिक देह धंधा अपनाने का कारण पूछा गया तो सभी ने एक ही बात कही, “हम अपना घर खर्च या जरूरतें पूरी करने के लिए इन स्पा सेंटरों में नौकरी करने आई थीं. न जाने कैसे हमें बहलाफुसला कर हमारी अश्लील वीडियो स्पा मालिक अथवा मैनेजर द्वारा बना ली गई. उसे वायरल करने की धमकी दे कर हमें देह परोसने के लिए मजबूर किया गया. एक के बाद बारबार ऐसा होने लगा. हमें एक या आधा घंटे के लिए 3 से 5 हजार रुपए ग्राहक से ले कर उन के साथ सोने को मजबूर किया जाता रहा, इस में हमारी मरजी नहीं थी.”
गर्म गोश्त के धंधे में हुईं गिरफ्तारियां
इन स्पा सेंटरों के मालिक और मैनेजर पकड़ में आए, उन के नाम हैं— कुशल कुमार, प्रीत कौर, सुभाष कुमार, रोहित, रेनू, थे.
युवतियों के साथ मौजमस्ती करते हुए जिन पुरुषों को हिरासत में लिया गया, उन के नाम सुमित, अमित कुमार गुप्ता, राकेश, अमित कुमार, सागर सोनी, श्याम कुमार, नीरज कपूर, गुलफाम, ललित मोहन, मुशाहिद, सुनील, रोहित जैन, संदीप कुमार, विमल कुमार, सुनील कुमार, रवि कुमार, अश्वनी कुमार, मुकेश कुमार, नदीम कुरैशी, अनुज कुमार, राजेश कुमार, अजय कुमार, विष्णु, अबूजर, विशाल माथुर, मुनीश कुमार, प्रशांत वत्स, अभिषेक, आशुतोष भटनागर, आकाश कश्यप, प्रफुल्ल कुमार, गोरंगो बहेरा मोहन, रमेश चंद, सैंसर पाल सिंह, वसीम थे. ये सभी गाजियाबाद और आसपास के रहने वाले थे.
यह 41 लोग किसी न किसी रूप में रुद्रा पैसिफिक माल में चल रहे 8 स्पा सेंटरों से जुड़े हुए थे. पुलिस टीम ने इन्हें हिरासत में ले लिया.
छापे के दौरान स्पा सेंटरों के संचालक और मैनेजर गिरफ्तार
स्पा एस-2 का मालिक शाहिद, रायल स्पा का मालिक गौरव वर्मा, स्वातिका स्पा का मालिक दीपक, द हैवन थैरपी का मालिक विशाल उर्फ कपिल, राज थैरपी का मालिक ङ्क्षरकू व राजकुमार, अरोमा थेरपी का मालिक मोहन, अरमान थैरपी का मालिक पिंटू गिरि, रुद्रा थैरपी का मालिक राहुल चौधरी वहां से भाग से भाग गए.
इन सभी का जुर्म अनैतिक देह व्यापार निवारण अधिनियम 1956 की हद को पार करता है इसलिए इन्हें धारा 3/4/5/6 लगा कर विधिवत बंदी बनाने के लिए प्रयास किया जाएगा.
पुलिस ने स्पा सेंटरों के केबिनों से आपत्तिजनक हालत में मिली महिलाओं को पीडि़त मान कर उन्हें गवाह बना लिया गया. उन के सगेसंबंधियों और घर वालों को बुला कर उन की सुपुर्दगी में सौंप दिया जाएगा ताकि उन का उचित रीहैबिलिटेशन हो सके.
स्पा सेंटरों से अनेक आपत्तिजनक चीजें जैसे कंडोम, अश्लील उत्तेजक तसवीरें, जोश बढ़ाने वाली दवाइयां, 29 मोबाइल और एक लाख 7 हजार 358 रुपए बरामद हुए थे. उन्हें अलगअलग कपड़ों में रख कर सीलमोहर किया गया. गिरफ्तारी के समय माननीय सर्वोच्च न्यायालय व मानवाधिकार आयोग के आदेशोंनिर्देशों का भी पालन किया गया.
पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर 25 मई, 2023 को कोर्ट में पेश किया, जहां से इन्हें जेल भेज दिया गया. डीसीपी विवेकचंद्र यादव ने इस काररवाई के बाद महाराजपुर पुलिस चौकी के इंचार्ज शिशुपाल सिंह को सस्पेंड कर दिया.
24 मई, 2023 को शाम के करीब 6 बजे का समय था. तारकोल की चिकनी सडक़ पर तेजी से दौड़ती चमचमाती कार सुजुकी अर्टिगा गाजियाबाद के लिंक रोड थानाक्षेत्र में स्थित पैसिफिक माल के सामने आकर रुकी. कार की ड्राइविंग सीट से सफेद वरदी पहना ड्राइवर तेजी से बाहर आया. उस ने कार का पिछला दरवाजा खोला और अदब से एक ओर खड़ा हो गया.
कार से जो शख्स उतरा, वह थुलथुले शरीर वाला नाटा सा व्यक्ति था. उस का चेहरा गोल और आंखें छोटीछोटी थीं. सिर पर आधी खोपड़ी गंजी थी, लेकिन जो बाल थे, वह ब्लैक डाई से रंगे हुए अलग ही पहचाने जा सकते थे. इस व्यक्ति के शरीर पर बेशकीमती ब्राऊन कलर का सफारी सूट था. पैरों में कीमती जूते चमचमा रहे थे. यह पैसों वाला अमीर व्यक्ति जान पड़ता था.
छोटीछोटी आंखों को जबरदस्ती फैला कर वह ड्राइवर से बोला, “मुन्ना देखो, मैं अपना फोन गाड़ी में ही छोड़ कर जा रहा हूं, यदि पीछे से तुम्हारी मालकिन सुनीता का फोन आए तो उस से कहना कि साहब हलका होने गए हैं, समझ गए.” कहने के बाद वह मानीखेज अंदाज में मुसकराया.
मुन्ना ने भद्दे पीले दांत चमकाए और धीरे से बोला, “समझ गया मालिक.”
वह व्यक्ति आगे बढ़ता, तभी मुन्ना ने मासूमियत से उसे टोका, “मालिक?”
वह व्यक्ति रुका, पलटा, “क्या?”
मुन्ना ने दोनों हाथ बांधे और जांघों के बीच में दबा कर खींसे निपोरते हुए बोला, “मालिक, कभी मुझे भी हलका होने के लिए ले चलिए न.”
“शटअप!” वह नाटा व्यक्ति गुस्से में बोला, “शक्ल देखी है कभी अपनी आईने में?”
“सौरी मालिक.” मुन्ना झेंप कर बोला.
वह व्यक्ति लंबेलंबे डग भरता हुआ पैसिफिक माल में चला गया तो मुन्ना ने उसे भद्ïदी सी गली दी, “हरामी कहीं का. घर में इतनी सुंदर बीवी है और रोज यहां गटर में डुबकी मारने आ जाता है.”
पैसिफिक माल में वेश्यावृत्ति
अपनी भड़ास निकाल लेने के बाद मुन्ना ने अपनी जेब से बीड़ी का बंडल निकाल कर बीड़ी सुलगा ली, उस ने बीड़ी का गहरा कश ले कर धुआं बाहर उगला, तभी उस के मोबाइल की घंटी बजने लगी. मुन्ना ने मोबाइल के स्क्रीन पर नजर डाली, उस पर उस के दोस्त गणेशी का नंबर चमक रहा था.
काल रिसीव करते हुए चहक कर बोला, “हैलो, मैं मुन्ना हूं. अबे तू 20 दिन से कहां मर गया था?”
“गांव गया था यार, बीवी की तबीयत खराब थी.”
“अब कैसी है भाभी?”
“अच्छी है अब.” गणेशी की आवाज उभरी, “तू कहां पर है?”
“मालिक को गटर में गोते खिलाने के लिए पैसिफिक माल में लाया हूं.”
“गटर में गोते? अबे तू क्या बक रहा है, तेरा मालिक पैसिफिक माल में कहां के गटर में गोते लगाता है?”
मुन्ना हंसा, “अमा यार, पैसिफिक माल में कई स्पा सेंटर हैं, यहां एक से बढ़ कर एक हसीन लडक़ी मिल जाती है. यहां स्पा की आड़ में जिस्मफरोशी का धंधा खूब होता है. मेरा मालिक सात दिन से रोज इसी वक्त यहां आता है. अमीर है, इसलिए मौज मार रहा है. मैं उस का 15 हजार रुपल्ली का ड्राइवर हूं. मैं बाहर बैठ कर अपनी बदकिस्मती पर सिसकता रहता हूं. काश! मैं भी किसी धन्ना सेठ के यहां पैदा हुआ होता.” मुन्ना ने आह भरी.
दूसरी तरफ गणेशी हंस पड़ा, “रोता क्यों है यार, अपने भी दिन आएंगे कभी मौजमस्ती के.”
“नहीं आएंगे. हम लोगों के नसीब में शादी के वक्त जो औरत पल्ले बांध दी गई है, बस उसी से अपनी हसरतें पूरी करना लिखा है.”
“छोड़ ये बातें, बता घर कब आएगा?”
“इस इतवार को छुट्टी करूंगा, तब आता हूं, भाभी के हाथ की चाय पीने.”
“आ जा, चाय के बाद तुझे बढिय़ा शराब की दावत दूंगा.”
“ठीक है,” मुन्ना ने खुश हो कर कहा, “इतवार की छुट्टी तेरे नाम की.” कहने के बाद मुन्ना ने काल डिसकनेक्ट कर दी. उसे तब अहसास भी नहीं था कि उस की गणेशी से हुई बात को वहीं पास में खड़े एक व्यक्ति ने सुन लिया है. मुन्ना बीड़ी के सुट्टे मारता हुआ ड्राइविंग सीट पर बैठा, तब उस की बातें सुनने वाला व्यक्ति किसी को फोन लगाने लगा था.
मुन्ना की अपने दोस्त गणेशी से होने वाली बातों को सुनने वाला वह व्यक्ति पुलिस का खास मुखबिर जगदीश उर्फ जग्गी था. उस ने तुरंत साहिबाबाद के एसीपी भास्कर वर्मा को फोन लगा कर यह जानकारी दी कि गाजियाबाद के पैसिफिक माल में चल रहे स्पा सेंटर में देह व्यापार का अनैतिक काम चल रहा है.
एसीपी भास्कर वर्मा ने जग्गी को स्पा सेंटरों में चल रहे देह धंधे की पुष्टि कर के उन्हें हकीकत से अवगत करने का निर्देश दे दिया. जग्गी इन कामों का मंझा हुआ खिलाड़ी था. वह उसी वक्त पैसिफिक माल में घुस गया. एक घंटे बाद उस ने एसीपी भास्कर वर्मा को दोबारा फोन लगाया.
“हां जग्गी?” एसीपी ने उतावलेपन से पूछा, “तुम ने मालूम किया?”
“साहब, ईनाम में 5 हजार लूंगा. यहां पैसिफिक माल में एक नहीं पूरे 8 स्पा सेंटर हैं, सभी में लड़कियों से देह धंधा करवाया जा रहा है. इस वक्त छापा डालेंगे तो देह धंधे में लिप्त सैकड़ों लड़कियां, उन के दलाल, मैनेजर और मौजमस्ती करने आए अय्याश लोग भी आप के हाथ आ सकते हैं.”
“ठीक है, तुम्हारा ईनाम पक्का. मैं छापा डालने की तैयारी करवाता हूं.” एसीपी भास्कर वर्मा ने कहा और जग्गी की काल डिसकनेक्ट कर उन्होंने दूसरी जगह फोन घुमाना शुरू कर दिया.
स्पा सेंटर में देह धंधे की खबर से चौंके डीसीपी
एसीपी भास्कर वर्मा ने थाना लिंक रोड, स्वाट टीम ट्रांस हिंडन जोन तथा पुलिस लाइंस कमिश्नरेट गाजियाबाद को फोन कर के तुरंत पुलिस बल सहित महाराजपुर पुलिस चौकी पर पहुंचने का निर्देश दे दिया. उन्होंने ट्रांस हिंडन जोन के डीसीपी विवेक चंद यादव को भी पैसिफिक माल में स्थित 8 स्पा सेंटरों में देह व्यापार होने की सूचना दे कर उन से निर्देश मांगा. डीसीपी विवेक चंद यादव ने चौकी आने की बात कही.
आधा घंटे में ही महाराजपुर पुलिस चौकी में थाना लिंक रोड, स्वाट टीम ट्रांस हिंडन जोन और पुलिस लाइंस कमिश्नरेट गाजियाबाद का पुलिस बल और अधिकारी पहुंच गए. महाराजपुर पुलिस चौकी छावनी में तब्दील होने जैसी प्रतीत होने लगी. डीसीपी विवेक चंद्र यादव और एसीपी भास्कर वर्मा ने आपस में सलाहमशविरा कर इस माल में चल रहे 8 स्पा सेंटरों में एक साथ छापा डालने के लिए 8 पुलिस टीमों का गठन कर दिया. इन टीमों के प्रभारी नियुक्त किए गए.