घर वालों को रास न आया बेटी का प्यार

घर वालों को रास न आया बेटी का प्यार – भाग 3

बाप बेटे क्यों बने जल्लाद

बेटी की इस गुहार पर भी पिता कृपाराम व भाई राघवराम का दिल नहीं पसीजा. आरती जब बीच में आई तो राघव ने डंडे से उसे भी मारना शुरू कर दिया. सिर में डंडा लगने से वह बेहोश हो गई. फिर रस्सी से बापबेटे ने उस का गला कस दिया.

आरती को मारने के बाद उन दोनों ने सतीश को भी पीटपीट कर अधमरा कर दिया. आपत्तिजनक हालत में आरती व सतीश  के पकड़े जाने से दोनों का गुस्सा सातवें आसमान पर था. गुस्से में उन्होंने रस्सी से सतीश का गला भी कस दिया. कुछ देर छटपटाने के बाद सतीश ने वहीं दम तोड़ दिया.

इस सनसनीखेज डबल मर्डर के बाद दोनों पुलिस की गिरफ्त से बचने की जुगत करने लगे. वहीं लाशों को ठिकाने लगाने की योजना बनाने लगे. सतीश के शव को जंगल में छिपाने व आरती के शव को अयोध्या ले जा कर दफनाने की योजना बनाई गई. तय किया गया कि आरती के बारे में कोई पूछेगा तो कह देंगे कि रिश्तेदारी में गई है.

दोनों बापबेटे रात में ही एक चारपाई पर सतीश के शव को रख कर गांव से लगभग डेढ़ किलोमीटर दूर एक गन्ने के खेत में ले गए. दोनों ने शव को गन्ने के खेत में छिपा दिया. जिस रस्सी से सतीश का गला कस कर हत्या की थी, उसे भी चारपाई के साथ ही खेत में फेंक आए.

सतीश के शव को छिपाने के बाद अब रात में ही आरती का शव ठिकाने लगाना था. कृपाराम और राघवराम आरती के शव को कार से ले कर गांव से 20 किलोमीटर दूर अयोध्या पंहुचे. अयोध्या में सरयू नदी के किनारे श्मशान घाट पर एक बालू के टीले में शव को दफन कर गांव वापस आ गए और घर में शांत हो कर बैठ गए. ताकि किसी को दोहरे हत्याकांड का पता न चल सके.

लेकिन मंगलवार 21 अगस्त को सुबह सतीश के नहीं मिलने पर उस के घर वालों ने उसे बहुत तलाशा. जब उन्हें जानकारी हुई कि आरती भी घर पर नहीं है तो उन लोगों ने पुलिस को सूचना दे दी. क्योंकि वे लोग भी आरती और सतीश के रिश्ते के बारे में जानते थे.

थाने में आरती के पिता कृपाराम चौरसिया ने कहा कि हमारे यहां गांव के लड़के से शादी नहीं होती है. सतीश भले ही हमारी जाति का था, लेकिन वह था तो हमारे गांव का ही. ऊपर से वह आरती का भाई लगता था. आरती किसी दूसरे गांव के लड़के से बोलती तो हम लोग उसकी शादी करवा देते.

हमारे घर से 20 मीटर की दूरी पर ही सतीश का घर था. रोज का आमनासामना होता था. वह बचपन से घर आताजाता था. दोनों साथ खेले, हम लोग उसे आरती का बड़ा भाई कहते थे. हम लोग आरती के साथ उस का रिश्ता कैसे मंजूर कर लेते?

3-4 महीने पहले दोनों को गांव के एक युवक ने साथसाथ देख लिया था. दोनों बाहर कहीं साथ में बैठे थे. इस बात की जानकारी उस ने हमें दी थी. जब आरती की घर पर बहुत पिटाई की थी. उस को सख्ती से मना किया था कि वह कभी सतीश से न मिले, लेकिन हफ्ते भर पहले वह सतीश से मिलने फिर चली गई.

इस के बाद आरती के घर से  निकलने पर  पूरी तरह पाबंदी लगा दी थी, लेकिन उस ने सतीश को 20-21 अगस्त की रात को घर बुला लिया. अगर हम अपनी बेटी को नहीं मारते तो वह हमें मुंह दिखाने लायक नहीं छोड़ती.

सतीश की निर्मम हत्या किए जाने पर उस के घर में कोहराम मच गया. मां प्रभावती और भाई बहनों का रोरो कर बुरा हाल हो गया. सतीश के घर वाले और रिश्तेदार गम के साथ गुस्से में दिखे.

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सतीश की मां प्रभावती का कहना था कि आरती के पिता कृपाराम चौरसिया, भाई राघवराम के साथ ही उस का चाचा आज्ञाराम और उस का बेटा विजय भी इस हत्याकांड में शामिल हैं. कृपाराम व राघवराम ने भी थाने में पुलिस को उन के नाम बताए थे. लेकिन पुलिस ने केवल बापबेटे को ही गिरफ्तार किया है.

आरती के पिता व भाई ने जुुर्म कुबूल कर लिया. इस से आरती के चाचा आज्ञाराम और उस के बेटे विजय को राहत मिली है. मगर सतीश की मां अपने बेटे को न्याय दिलाने की खातिर अभी भी मामले में आज्ञाराम व विजय को आरोपी बनाए जाने की मांग कर रही है.

उस का आरोप है कि जिस तरह से दोहरे हत्याकांड को अंजाम दिया गया है और दोनों की लाशों को घटनास्थल से हटाया गया है, उस में सिर्फ 2 लोग ही शामिल नहीं हो सकते. प्रभावती अंतिम सांस तक सभी दोषियों के खिलाफ कड़ी काररवाई के लिए संघर्ष करने की बात कहती है.

गांव में हुए दोहरे हत्याकांड के खुलासे व आरती के पिता व भाई द्वारा हत्या करने का जुर्म कुबूल करने तथा दोनों की गिरफ्तारी से गांव के लोग सन्न रह गए. गिरफ्तारी के बाद आरती के अन्य परिजन घर में ताला लगा कर भाग गए थे. पूरे गांव में इसी घटना की चर्चा हो रही थी.

वहीं सतीश की हत्या की सूचना सोमवार को ही मोबाइल से पिता बिंदेेश्वरी प्रसाद चौरसिया को दी गई. वे ट्रेन से मुंबई से गांव पहुंच गए. वे अपने बेटे की हत्या पर फफकते हुए बोले, ”पता होता कि उस की हत्या कर दी जाएगी तो उसे भी अपने साथ मुंबई ले जाते. बेटे को तो न खोना पड़ता.’’

बिंदेश्वरी ने रोते हुए कहा कि फांसी की सजा देने का अधिकार तो सिर्फ अदालत को है, लेकिन बाप बेटे ने मिल कर जल्लाद की तरह मेरे जिगर के टुकड़े सतीश को फांसी दे दी.

औनर किलिंग के हत्यारों कृपाराम व राघवराम को गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम में एसएचओ सत्येंद्र वर्मा, एसआई विजय प्रकाश, हैडकांस्टेबल दया यादव, कुषार यादव, आशुतोष पांडे, अमरीश मिश्रा व कांस्टेबल रिषभ शामिल थे. एसपी अंकित मित्तल ने 24 घंटे में डबल मर्डर का परदाफाश करने वाली पुलिस टीम को पुरस्कृत किया.

गुमशुदगी की रिपोर्ट को भादंवि की धारा 302, 201 में तरमीम कर प्रेमी युगल आरती चौरसिया व सतीश चौरसिया की हत्या के आरोपी कृपाराम चौरसिया व उस के बेटे राघवराम चौरसिया को गिरफ्तार कर 23 अगस्त, 2023 को पुलिस ने न्यायालय में पेश किया. जहां से दोनों को जेल भेज दिया गया.

एएसपी शिवराज

हंसते खेलते युवा प्रेमी युगल को मौत की नींद सुला दिया गया, जहां आदमी चांद पर पहुंच रहा है. जमाना चाहे कितना भी आगे बढ़ गया हो, लेकिन दकियानूसी सोच उन्हें आगे नहीं बढऩे दे रही. कृपाराम और राघवराम जैसे लोग समाज में नासूर बने हुए हैं, जो झूठी आन, बान और शान के लिए औनर किलिंग जैसे अपराध करते हैं.

—कथा पुलिस सूत्रों पर आधारित

घर वालों को रास न आया बेटी का प्यार – भाग 2

गन्ने के खेत में मिला सतीश का शव

हत्या का जुर्म कुबूल करने के बाद पुलिस ने आरती के भाई राघवराम की निशानदेही पर गन्ने के खेत से सतीश का शव, चारपाई व रस्सी बरामद कर ली. फोरैंसिक टीम व डौग स्क्वायड को भी बुला लिया गया था. खोजी कुत्ता गन्ने के खेत के बाद दौड़ता हुआ राघवराम के घर पर जा पहुंचा.

फोरैंसिकटीम ने भी घटनास्थल से कुछ साक्ष्य जुटाए. पुलिस ने मौके की काररवाई निपटाने के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. वहीं आरती को बालू के टीले में दफन किए जाने की जानकारी पर एसएचओ सत्येंद्र वर्मा ने डीएम से अनुमति ली.

इस के बाद पुलिस टीम के साथ अयोध्या जा कर वहां के अधिकारियों से बात कर के सरयू नदी के किनारे बालू के टीले में दफन आरती का शव निकलवाया. मौके की काररवाई के बाद उस का अयोध्या में ही पोस्टमार्टम कराया गया.

सनसनीखेज दोहरे हत्याकांड का पुलिस ने 24 घंटे के अंदर ही परदाफाश कर दिया. इस डबल मर्डर की दिल दहलाने वाली जो कहानी सामने आई, वह इस प्रकार निकली—

19 वर्षीय सतीश चौरसिया का गांव की ही रहने वाली 18 साल की आरती चौरसिया से पिछले लगभग 2 सालों से अफेयर चल रहा था. दोनों एक ही जाति के थे. गांव के नाते सतीश का आरती के घर आनाजाना था. दोनों ही जवानी की दहलीज पर कदम रख चुके थे.

सतीश कदकाठी का कसा हुआ नौजवान था. वह सुंदर भी था. आरती उस की ओर आकर्षित हो गई. जब भी सतीश घर पर आता, आरती उसे कनखियों से देखा करती थी. इस बात का आभास सतीश को भी था. वह भी मन ही मन आरती को चाहने लगा था.

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अब दोनों का बचपन का प्यार जवान हो गया था. जब कभी दोनों की नजरें मिलतीं तो दोनों एकदूसरे को देख कर मुसकरा देते थे. दोनों के बीच घर वालों के सामने सामान्य बातचीत होती थी.

धीरेधीरे उन की दोस्ती प्यार में बदल गई. अब दोनों की मोबाइल पर प्यार भरी बातें होने लगीं. फिर उन की अकसर गांव के बाहर चोरी छिपे मुलाकातें होने लगीं. प्रेमीयुगल एकदूसरे का हाथ थाम कर शादी करने का फैसला भी ले चुके थे.

सतीश ने आरती से साफ लहजे में कह दिया था, ”आरती, दुनिया की कोई ताकत हम दोनों को शादी करने से नहीं रोक सकती है. मैं ने तुम से सच्चा प्यार किया है और आखिरी सांस तक करता रहंूगा.’’

आरती ने भी मरते दम तक साथ निभाने का वादा किया.

आरती और सतीश खुश थे. दोनों अपने भावी जीवन के सपने देखते. दुनिया से बेखबर वे अपने प्यार में मस्त रहते थे. पर गांवदेहात में लव स्टोरी ज्यादा दिनों तक नहीं छिप पाती. यदि किसी एक व्यक्ति को भी इस की भनक लग जाती है तो कानाफूसी से बात गांव भर में जल्द ही फैल जाती है.

किसी तरह आरती के घर वालों को भी इस बात का पता चल गया कि आरती का सतीश के साथ चक्कर चल रहा है. इस बात की जानकारी मिलने के बाद आरती के घर वाले कई बार विरोध कर चुके थे. विरोध के बाद सतीश का आरती के घर जाना बंद हो गया, लेकिन मौका मिलने पर दोनों चोरीछिपे मुलाकात जरूर कर लेते थे.

घर से निकलने पर क्यों लगाई पाबंदी

20-21 अगस्त, 2023 की रात को जब राघवराम घर आया, उस समय आरती और उस की मम्मी खाना बना रही थीं. पिता पास ही बैठे हुए थे. राघव पिता के पास जा कर बैठ गया. दोनों बाप बेटे कामकाज की बातें करने लगे. कुछ देर बाद खाना बन कर तैयार हो गया. तब मां ने आवाज लगा कर राघव व अपने पति को बुला लिया. दोनों खाना खाने किचन के पास पहुंच गए. किचन के पास ही बैठ कर चारों ने खाना खाया. ये लोग आपस में बात कर रहे थे, लेकिन आरती कुछ बोल नहीं रही थी.

आरती उन लोगों से नाराज थी. क्योंकि घर वाले एक हफ्ते से उसे घर से बाहर नहीं निकलने दे रहे थे. दरअसल, आरती अपने प्रेमी सतीश से चोरीछिपे मिलती थी. जिस की जानकारी होने पर उस पर रोक लगाई गई थी.

आरती और सतीश के प्रेम प्रसंग की वजह से गांव में उन की बदनामी हो रही थी. जो घर वालों को बरदाश्त नहीं थी, लेकिन यह बात आरती नहीं समझ पा रही थी. वह तो सतीश के साथ शादी करने की जिद पर अड़ी हुई थी.

करीब एक हफ्ते से आरती घर वालों के डर से अपने प्रेमी सतीश से मिलने नहीं जा पा रही थी. उसे उन का यह फरमान नागवार गुजर रहा था. उधर सतीश भी आरती से मिलने के लिए बेचैन था. दोनों ही जल बिन मछली की तरह एकदूसरे के लिए तड़प रहे थे.

इस के चलते आरती ने फोन कर के सतीश को 20-21 अगस्त की रात को मिलने के लिए अपने घर के पीछे बुला लिया.

रंगेहाथों पकड़ा गया प्रेमी युगल

अपनी प्रेमिका आरती से मोबाइल पर बात होने के बाद सतीश ने घर वालों के सोने का इंतजार किया. रात साढ़े 12 बजे जब घर वाले सो गए तो वह बाहर की बैठक (कमरे) से निकल कर आरती के घर जा पहुंचा. उस समय आरती के घर वाले भी गहरी नींद में सोए हुए थे. आरती बेसब्री से उसी के आने की बाट जोह रही थी. उसे एकएक पल काटना भारी हो रहा था.

सतीश जैसे ही आरती के घर के पास पहुंचा, फोन करने पर आरती दरवाजा खोल कर बाहर आ गई. दोनों एकदूसरे का हाथ थामे वहीं घर के पीछे झाडिय़ों की आड़ में चले गए. वहां पहुंचते ही दोनों ने एकदूसरे को अपनी बांहों के घेरे में कस लिया. दोनों एकदूसरे से पूरे एक हफ्ते बाद मिले थे.

घर वालों से बेपरवाह हो कर युगल प्रेमी कानाफूसी में इतने मगन हो गए कि उन्हें किसी बात का अहसास ही नहीं हुआ. दोनों ही तनमन से प्यासे थे. वे अपने जज्बातों पर काबू नहीं कर पाए और दो तन एक हो गए.

रंगेहाथों पकड़े जाने पर डर की वजह से सतीश प्रेमिका के घर वालों से अपनी गलती की माफी मांगने लगा. मगर आरती के पिता व भाई के सिर पर खून सवार था. घर वाले दोनों को पकड़ कर पीटते हुए घर में ले आए. बापबेटे डंडे  से सतीश की जम कर पिटाई करने लगे.

अपने प्रेमी की हालत देख कर आरती रो पड़ी. प्रेमी के साथ पकड़े जाने पर आरती ने पिता और भाई से उसे छोडऩे की काफी विनती की. आरती ने उन के सामने हाथ जोड़ कर कहा, ”मैं सतीश के साथ ही जीना और मरना चाहती हंू. इसलिए मारना है तो हम दोनों को ही मार दो, एक को नहीं.’’

घर वालों को रास न आया बेटी का प्यार – भाग 1

उस रात सभी लोग खाना खाने के बाद सोने चले गए. आधी रात को राघव को कुछ उलझन महसूस हुई  तो वह बाहर आ गया. बाहर टहलने के बाद राघव आरती के कमरे की ओर गया तो वह वहां नहीं थी. तब राघव मम्मी के पास गया, आरती वहां भी नहीं थी. इस के बाद राघव ने घर में सभी को उठा दिया. लेकिन बदनामी के डर से घर वालों ने शोर नहीं मचाया.

पहले तो आरती की घर में ही तलाश की फिर बाहर गांव में निकल गए, लेकिन  आरती कहीं नहीं मिल रही थी. घर वाले समझ गए कि वह सतीश चौरसिया के साथ ही होगी. उसे तलाशता हुआ राघव जब अपने घर के पीछे पहुंचा तो वहां का दृश्य देख कर उस का खून खौल उठा. आरती और सतीश आपत्तिजनक स्थिति में थे. राघव इसे बरदाश्त नहीं कर पाया. उस ने अपने पापा मम्मी को मौके पर बुला लिया.

उत्तर प्रदेश के जनपद गोंडा का एक थाना है धानेपुर. इस थाना क्षेत्र के अंतर्गत गांव मेहनौन आता है. इसी गांव के रहने वाले हैं बिंदेश्वरी चौरसिया. उन के 5 बेटे व एक बेटी थी. अपने 3 बेटों लवकुश, संजय और हरिश्चंद्र के साथ बिंदेश्वरी मुुंबई में रहते थे.

संजय व हरिश्चंद्र अपने पिता के साथ वहां पावरलूम में काम करते थे, जबकि लवकुश चाय की दुकान चलाता था. बिंदेश्वरी के 2 बेटे सतीश व विशाल गांव में ही अपनी मां के साथ रह रहे थे. जबकि बेटी की वह शादी कर चुके थे.

गांव में सब कुछ ठीक चल रहा था. अचानक बिंदेेश्वरी  का 19 वर्षीय बेटा सतीश चौरसिया 20-21 अगस्त, 2023 की रात घर से अचानक लापता हो गया. घर वाले सारी रात उस का इंतजार करतेे रहे. सुबह होने पर उन्होंने अपने तरीके से खोजबीन की, लेकिन उस का कोई पता नहीं चला. इस पर सतीश की मां प्रभावती ने थाना धानेपुर में 21 अगस्त की सुबह सतीश की गुमशुदगी दर्ज करा दी.

गुमशुदगी दर्ज हो जाने के बाद 22 अगस्त, 2023 को थाना धानेपुर के एसएचओ सत्येंद्र वर्मा जांच के लिए  पुलिस टीम के साथ गांव मेहनौन पहुंचे. सतीश के घर वालों से उन्होंने पूछताछ की.

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एसएचओ सत्येंद्र वर्मा

सतीश की मां प्रभावती ने उन्हें बताया कि 20-21 अगस्त की देर रात खाना खा कर सतीश घर के बाहरी हिस्से में बनी बैठक (कमरे) में सोने चला गया था. आधी रात को जब उस की आंखें खुलीं तो सतीश बैठक में नहीं दिखाई दिया.

उस ने सोचा कि शायद वह टायलेट के लिए खेत में गया होगा. लेकिन काफी देर बाद भी वह नहीं लौटा. सुबह होते ही सतीश को सभी ने गांव में तलाशना शुरू किया, लेकिन वह कहीं नहीं मिला.

पुलिस ने गांव में अपने स्तर से जांचपड़ताल करने के साथ ही सतीश के मोबाइल की काल डिटेल्स निकलवाई. इस से पता चला कि रात को सतीश की गांव की रहने वाली एक युवती से फोन पर बात हुुई थी. वह रात को उस से मिलने गया था. इस के बाद से ही वह लापता हो गया था.  सतीश की मां ने बताया कि उसे पता चला है कि गांव की आरती भी अपने घर पर नहीं है.

सतीश और आरती अपने घरों में नहीं थे. दोनों के इस तरह गायब हो जाने पर गांव में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया. सभी दबी जुबान से कह रहे थे कि दोनों गांव से भाग गए हैं. अब कहीं जा कर शादी कर लेंगे. कोई कह रहा था कि आरती सतीश पर जान छिड़कती थी. 2 साल से चल रहे उन के प्रेम प्रसंग के बारे में कौन नहीं जानता. जितने मुंह उतनी बातें.

घर वालों ने पुलिस को क्यों उलझाया

इस जानकारी के बाद पुलिस आरती के घर पहुंची. घर पर आरती के पिता कृपाराम चौरसिया और भाई राघवराम चौरसिया मिले. आरती के घर वाले शांति से अपने घर पर बैठे थे. आरती के पिता कृपाराम से एसएचओ ने आरती के बारे में पूछताछ की.

पहले तो उन लोगों ने पुलिस को अपनी बातों में उलझाया. कई तरह की बातें बनाईं. कृपाराम चौरसिया ने बताया कि गांव का सतीश चौरसिया उन की बेटी आरती को बहलाफुसला कर रात को अपने साथ भगा ले गया है. जिस से गांव में उन की बहुत बदनामी हो रही है.

तब एसएचओ सत्येंद्र वर्मा ने कहा कि आप लोग दोनों की तलाश क्यों नहीं कर रहे? अब तक थाने में रिपोर्ट दर्ज क्यों नहीं कराई?

बापबेटे इस बात पर बगलें झांकने लगे. अपनी बातों से पुलिस को उन्होंने हरसंभव उलझाने की कोशिश की, लेकिन पुलिस के तर्कों के आगे उन की एक नहीं चली.

पुलिस को पहले ही इस मामले में मुखबिर से महत्त्वपूर्ण जानकारी मिल गई थी. सतीश के मोबाइल की काल डिटेल्स से यह पता चल गया था कि रात को सतीश आरती के घर गया था.

पुलिस ने अनहोनी का शक होने पर कृपाराम व उस के बेटे राघवराम को हिरासत में ले लिया. पुलिस ने दोनों से कहा, ”सीधेसीधे सच बता दो, नहीं तो पुलिस फिर अपने तरीके से पूछेगी.’’

तब दोनों कहने लगे कि आरती की कई दिनों से तबियत खराब चल रही थी. हम लोग इलाज के लिए उसे अयोध्या ले जा रहे थे. रास्ते में उस की मौत हो गई. तब हम ने अयोध्या में ही उस का अंतिम संस्कार कर दिया. सतीश के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है.

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एसपी अंकित मित्तल

बापबेटे पलपल में बयान बदल रहे थे. तब पुलिस ने दोनों से सख्ती की इस पर वे टूट गए और सतीश और आरती की हत्या करने का जुर्म कुबूल कर लिया.  इस के बाद एसएचओ एएसपी शिवराज व सीओ शिल्पा वर्मा को घटना से अवगत करा दिया. दोनों पुलिस अधिकारी गांव पहुंच गए. दोनों ने पूछताछ कर पूरे घटनाक्रम की जानकारी एसपी अंकित मित्तल को दी.