फाइवस्टार Hotel में अधिकारी के साथ किया बलात्कार

Hotel  वाणिज्यिक कर विभाग के बड़े अधिकारी पंकज सिंह ने फाइवस्टार होटल में नीलिमा के साथ बलात्कार किया था या फिर उन के बीच आपसी सहमति से संबंध बने थे, यह बात तो जांच के बाद ही स्पष्ट हो सकेगी. लेकिन यह तय है कि इस मामले ने पुलिस की उलझनें जरूर बढ़ा दी हैं.

5 अगस्त, 2018 की शाम के करीब साढ़े 7 बजे थे. भोपाल के प्रेमपुरा इलाके स्थित नामी जहांनुमा रिट्रीट की रौनक शवाब पर थी. लोग आजा रहे थे और कुछ लोग वहां इत्मीनान से बैठे बतिया रहे थे. जहांनुमा रिट्रीट फाइवस्टार होटल है, लिहाजा वहां ऐरेगैरे तो ठहरने की सोच भी नहीं पाते. जिन की जेब में खासा पैसा होता है, वही इस शानदार होटल का लुत्फ उठाते हैं. होटल के लौन में साइकिलिंग करते एक अधेड़ पुरुष और उस के साथ बेहद अंतरंगता से हंसतीबतियाती महिला को साइकिल पर पैडल मारते देख कोई भी यही अंदाजा लगाता कि वे पतिपत्नी हैं और नए जोड़ों की तरह अठखेलियां कर रहे हैं.

इस के पहले दोनों एक साथ कैरम खेलते दिखे थे. इस पर भी होटल स्टाफ को कोई हैरानी नहीं हुई थी क्योंकि सर्वसुविधायुक्त इस लग्जरी होटल में ऐशोआराम के सारे साधन और सहूलियतें मौजूद हैं.  वह पुरुष भरेपूरे चेहरे वाला था और रुआब उस के हावभाव से साफ झलक रहा था. उस की साथी महिला उम्रदराज होते हुए भी युवा लग रही थी. बेइंतहा खूबसूरत और स्मार्ट दिख रही वह महिला पुरुष से बेतकल्लुफी से पेश आ रही थी. साइकिलिंग करतेकरते पुरुष गिर पड़ा तो महिला ने तुरंत स्टाफ से फर्स्टएड बौक्स मंगाया और उस की मरहमपट्टी खुद अपने हाथों से की. नजारा देख कर ऐसा लग रहा था कि अगर दूसरे के घाव या चोट अपने ऊपर लेने का कोई प्रावधान होता तो वह महिला उस पुरुष की चोट ले लेती.

उस के चेहरे से चिंता साफ झलक रही थी जबकि पुरुष को कोई खास चोटें नहीं आई थीं. उन की ये नजदीकियां युवा दंपतियों को भी मात कर रही थीं, देखने वाले जिन का पूरा लुत्फ उठा रहे थे. इस के उलट एकदूसरे की बातों में डूबे इन दोनों को मानो किसी की परवाह ही नहीं थी. लगभग 5 घंटे दोनों ने इसी तरह से साथ गुजारे. दरअसल ये दोनों जहांनुमा रिट्रीट में रुकने के लिए आए थे, लेकिन उस समय कोई कमरा खाली नहीं होने की वजह से वक्त गुजार रहे थे. रात 12 बजे के बाद इन्हें रूम नंबर 14 आवंटित हुआ तो दोनों एकदूसरे से सट कर कमरे की तरफ बढ़ गए.

एंट्री रजिस्टर में पुरुष ने अपना नाम पंकज कुमार सिंह, उम्र 42 वर्ष, पता नोएडा, उत्तर प्रदेश और पेशा सरकारी अधिकारी लिखा और साथ आई महिला का नाम नीलिमा (परिवर्तित नाम) दर्ज किया गया लेकिन इन दोनों के बीच का रिश्ता नहीं लिखा गया था. इस की वजह यह थी कि होटल के एंट्री रजिस्टर में रिलेशन वाला कौलम ही नहीं था. आमतौर पर यह कौलम अब अनिवार्य है लेकिन जहांनुमा रिट्रीट के रजिस्टर में नहीं था तो नहीं था. पंकज ने भारत सरकार द्वारा जारी किया गया पहचान पत्र दिया था तो नीलिमा ने पैन कार्ड दिया था. दोनों रिसैप्शन की खानापूर्ति कर के कमरे में बंद हो गए. अब तक होटल में आनेजाने वालों की तादाद इक्कादुक्का ही रह गई थी और स्टाफ के लोग भी ऊंघते हुए सोने की तैयारी करने लगे थे. रात को होटल के बंद कमरों में ठहरे लोग क्या करते हैं, इस से होटल स्टाफ कोई मतलब नहीं रखता और मतलब रखने के कोई माने या वजह है भी नहीं.

ऐसा ही पंकज और नीलिमा के मामले में हुआ था जो तकरीबन 5 घंटे तक होटल परिसर में घूमतेफिरते और बतियाते रहे थे. दोनों ने खाना भी साथ खाया था. दोनों की ही बौडी लैंग्वेज शाही थी तो इस की वजह भी थी कि पंकज उत्तर प्रदेश के वाणिज्य कर विभाग में डिप्टी कमिश्नर थे और नीलिमा इसी विभाग में असिस्टेंट कमिश्नर के पद पर थे. बंद कमरे की अजब कहानी रात लगभग साढ़े 3 बजे नीलिमा कमरे से बाहर आई तो परेशानी और बदहवासी उस के चेहरे से साफ झलक रही थी. हालांकि उस के कपड़े अस्तव्यस्त नहीं थे और न ही बाल बिखरे हुए थे, जैसा कि आमतौर पर बलात्कार के मामलों में पीडि़ता के साथ होता है.

बाहर आ कर नीलिमा ने रिसैप्शन पर बैठे कर्मचारी को तुरंत कैब बुलाने को कहा लेकिन वजह पूरी तरह नहीं बताई. टैक्सी आई तो वह बाहर जा कर उस में बैठ गई और ड्राइवर को थाने चलने को कहा. टैक्सी ड्राइवर हैरानी से इस संभ्रांत महिला को देखते हुए उन्हें नजदीकी कमलानगर थाने ले गया जो कोटरा इलाके में है. जहांनुमा रिट्रीट होटल इसी थाने के अंतर्गत आता है. नीलिमा सीधे थाने के अंदर गई और मौजूद पुलिसकर्मी से रिपोर्ट लिखने को कहा. इतनी रात गए कोई अभिजात्य व सभ्य सी दिखने वाली महिला बलात्कार (Hotel)  की रिपोर्ट लिखाने आए तो थाने में खलबली मचना स्वाभाविक सी बात थी. नीलिमा का परिचय जान कर तो पुलिसकर्मी और भी हैरान रह गए. उन्होंने तुरंत उच्चाधिकारियों को इस हाईप्रोफाइल बलात्कार मामले की खबर दी.

सुबह की रोशनी होने से पहले कमला नगर थाने के टीआई मदनमोहन मालवीय और एसपी (नौर्थ भोपाल) राहुल कुमार लोढ़ा ने विस्तार से नीलिमा से जानकारी ली तो इस अनूठे बलात्कार की कहानी कुछ इस तरह सामने आई. नीलिमा मूलत: भोपाल की ही रहने वाली है. दरअसल भोपाल के जिस नामी मिशनरी स्कूल में वह पढ़ी थी, उस के पूर्व छात्रों के सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए 3 दिन पहले भोपाल आई थी. तब वह होटल जहांनुमा पैलेस के कमरा नंबर 104 में ठहरी थी. स्कूल का जलसा शानदार रहा था. कार्यक्रम के दौरान वह ऐसे कई सहपाठियों से मिली थी, जिन से बिछुड़े मुद्दत हो चुकी थी. सालों बाद जब पुराने दोस्त मिलते हैं तो पुरानी कई यादें ताजा हो उठती हैं. तब लोग अपनी नौकरी और पेशे की परेशानियां व तनाव भूल जाते हैं.

पुराना याराना नया फसाद ऐसा ही नीलिमा के साथ हुआ था. नीलिमा के लिए भोपाल नया नहीं था, क्योंकि यहां उस का बचपन गुजरा था. तयशुदा कार्यक्रम के मुताबिक 5 अगस्त को नीलिमा को दिल्ली जाना था. दिल्ली रवाना होने के लिए जब वह एयरपोर्ट पहुंची तो एकाएक तभी पंकज का फोन आ गया. पंकज और नीलिमा पुराने परिचित थे. साल 2009 में नीलिमा का चयन वाणिज्यिक कर विभाग में हुआ था, जबकि इसी विभाग में पंकज की नियुक्ति सन 2010 में हुई थी लेकिन पद पंकज का ऊंचा था. एक ही विभाग में होने के कारण दोनों में परिचय हुआ और जल्द ही अच्छी जानपहचान में बदल गया. शादी की बात या चर्चा हुई या नहीं, यह तो नीलिमा ने पुलिस को नहीं बताया लेकिन चौंका देने वाली बात यह जरूर बताई कि पंकज ने पहले भी उस के साथ न केवल दुष्कर्म किया था बल्कि उस का वीडियो बना कर उसे ब्लैकमेल भी कर रहा था.

हुआ यूं था कि अब से कोई 7 साल पहले पंकज नीलिमा को अपनी मां से मिलाने के बहाने अपने घर ले गया था लेकिन वहां मां नहीं थी, घर खाली था. पंकज की नीयत में खोट था. एकांत का फायदा उठा कर उस ने नीलिमा के साथ जबरदस्ती की और वीडियो भी बना लिया. नीलिमा कभी इस बाबत मुंह न खोले, इसलिए उस ने वीडियो वायरल करने की धमकी दी थी. उस की यह धमकी कारगर साबित हुई. दोनों ही उच्चाधिकारी शादीशुदा हैं 5 अगस्त को पंकज ने फोन पर अपने किए की माफी मांगने की बात कही. इस पर नीलिमा ने ध्यान नहीं दिया तो उस ने फिर पुराना वीडियो वायरल करने की धमकी दी. नीलिमा की शादी एक बैंककर्मी से हो चुकी थी, जिस से उसे एक बेटी भी थी.

शादी तो पंकज की भी हो चुकी थी लेकिन उस का अपनी पत्नी से तलाक हो चुका था. अगर वाकई पंकज अपनी धमकी पर अमल कर बैठता तो नीलिमा के लिए कई झंझट खड़े हो जाते. इसलिए नीलिमा ने रुकने में कोई बुराई नहीं समझी. नीलिमा के भोपाल में मौजूद रहने की बात पंकज को पता लग गई थी. पर यह खबर पंकज को कैसे लगी थी, यह खुलासा तो कहानी लिखे जाने तक नहीं हुआ था. (Hotel)  होटल में न जाने कैसे पंकज ने नीलिमा के साथ नजदीकियां हासिल करने में सफलता हासिल कर ली. फिर जो हुआ, वह ऊपर बताया जा चुका है. मामले पर लीपापोती की कैसीकैसी कोशिशें की गईं, यह पुलिस काररवाई से भी समझ आता है कि पुलिस का एक बयान यह भी सुर्खियों में रहा था कि नीलिमा पहले से जहांनुमा रिट्रीट में ठहरी हुई थी और पंकज भी उसी होटल में रुका था.

हादसे की रात 12 बजे पंकज दरवाजा खुलवा कर जबरन नीलिमा के कमरे में घुस गया और उस ने नीलिमा के साथ बलात्कार किया. सुबह कोई 3 बजे जैसेतैसे कर के नीलिमा कमरे से बाहर आई और होटल प्रबंधन को अपने साथ हुए हादसे से अवगत कराया. खबर मिलने पर पुलिस आई और नीलिमा की रिपोर्ट दर्ज की. इस विरोधाभास पर पुलिस की ओर से कोई स्पष्टीकरण जारी न होना भी हैरत की बात थी. पूछताछ में पुलिस के उड़े होश नीलिमा ने बताया कि पंकज ने उस के साथ दुष्कर्म के अलावा मारपीट और गालीगलौज भी की और उस की बेटी को अगवा करने की भी धमकी दी थी.

नीलिमा की शिकायत पर पुलिस ने पंकज के खिलाफ भादंवि की धाराओं 376, 294 और 323 के तहत मामला दर्ज कर के उसे गिरफ्तार कर लिया और मजिस्ट्रैट के सामने पेश किया, जहां से उसे जमानत मिल गई. इस के पहले उस का मैडिकल भी कराया गया था. यह मामला उतना सहज नहीं है जितना लग रहा है. इस की वजह यह है कि रिपोर्ट लिखाते वक्त नीलिमा ने 3 बार अपने बयान बदले थे. अलावा इस के इतने बड़े पद पर होने के बाद भी उस ने ऐसे आदमी पर भरोसा क्यों किया जो उस के साथ पहले भी ज्यादती कर चुका था. तब उस ने उस की रिपोर्ट क्यों दर्ज नहीं कराई. इस के बावजूद भी वह आधी रात को उस के साथ एक कमरे में रुकने और सोने भी चली गई. यह बात भी समझ से परे है.

ऐसे कई झोल इस हाईप्रोफाइल बलात्कार केस में हैं, जो अब शायद ही सामने आएं. वजह पुलिस इस बारे में ज्यादा जानकारियां नहीं दे रही. चर्चा यह भी रही कि दोनों भोपाल में रहते हुए कई अधिकारियों और एक रसूखदार भाजपा नेता से भी मिले थे. पंकज सिंह से पूछताछ की गई तो पुलिस वालों के रहेसहे होश भी तब उड़ गए. जब यह पता चला कि उस के पिता रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी हैं और एक भाई कलेक्टर और दूसरा भाई आईपीएस अधिकारी है. आरोपी और पीडि़ता दोनों रसूखदार और पहुंच वाले हों तो पुलिस वालों के लिए एक तरफ कुआं और दूसरी तरफ खाई जैसी स्थिति हो जाती है, इसलिए पुलिस ने मामले को ज्यादा तूल नहीं दिया और बलात्कार का यह मामला आयागया हो गया.

वैसे भी इसे बलात्कार मानने और कहने में हिचकने की अपनी वजहें हैं जिन्हें पंकज सिंह का वकील अदालत में गिनाएगा कि यह सब पीडि़ता की सहमति से हुआ था. क्योंकि वह अपनी मरजी से उस के मुवक्किल के साथ कमरे में ठहरी थी और बलात्कार से बचने के लिए चिल्लाई नहीं थी, फिर इसे बलात्कार कैसे कहा जा सकता है. रही बात पहले किए गए दुष्कर्म की तो भोपाल पुलिस इस बात को पचाने में कामयाब रही कि ऐसा कोई वीडियो उसे नहीं मिला था.

इस हाईप्रोफाइल बलात्कार केस के चर्चे भोपाल के राजनैतिक और प्रशासनिक गलियारों में है कि देखें कोई नया गुल खिलता है या फिर दोनों पक्षों में अदालत से बाहर समझौता हो जाएगा, जिस की उम्मीद ज्यादा है.

Crime Story : स्कूल कर्मचारी ने 4 साल की बच्ची को बनाया हवस का शिकार

Crime Story एक जानेमाने स्कूल के कर्मचारी ने 2 बच्चियों को अपनी हवस का शिकार बनाया. ताज्जुब की बात यह कि पेरैंट्स की शिकायत के बाद भी न तो स्कूल प्रशासन और न ही पुलिस ने कोई काररवाई की. इस पर जब लोगों का गुस्सा भड़का तो…

महाराष्ट्र के पुणे जिलांतर्गत बदलापुर में एक बहुत ही चर्चित स्कूल है, जहां नर्सरी-केजी से ले कर 12वीं कक्षा तक की पढ़ाई होती है. यहां मराठी और अंगरेजी माध्यम से पढऩे वाले बच्चों की संख्या 1200 के करीब है. मराठी माध्यम के स्कूल सरकारी अनुदान से चलते हैं, जबकि अंगरेजी वाले स्कूल पूरी तरह से प्राइवेट हैं. यहां केजी के बच्चों में खासकर लड़कियां कक्षा शुरू होने से पहले काफी चहकतीफुदकती रहती हैं. उन की हंसी और मीठीमीठी बातें स्कूल के बरामदे, कक्षाएं और खेलकूद के लगे झूलों आदि की जगहों पर गूंजती रहती हैं. यह सब प्रार्थना शुरू होने से पहले कुछ समय तक चलता रहता है, फिर लंच के समय भी ऐसा ही माहौल बन जाता है.

इस दरम्यान बच्चों के लिए एक कोने में बने टायलेट के पास भी उन का लगातार आनाजाना लगा रहता है. उन को अकसर दरवाजे की कुंडी खोलने और बंद करने में मुश्किल आती है. वे अपने कद के मुताबिक वाश बेसिन तक नहीं पहुंच पाते हैं. उन की मदद और टायलेट की साफसफाई के लिए कुछ कर्मचारी नियुक्त हैं. उन्हीं में 24 साल का अक्षय शिंदे भी था, जो पहली अगस्त से नौकरी पर लगा था. इसी तरह से कई बार टायलेट की कुंडी भीतर से नहीं बंद हो पाती थी. शिंदे भिड़े हुए दरवाजे पर खड़ा हो जाता था, ताकि उस के रहते दूसरा कोई दरवाजा न खोल दे. इस क्रम में कई बार दरवाजे के कुछ खुले हिस्से से स्कर्ट के नीचे अर्धनग्न लड़की दिख जाती थी.

यह सब विवाहित अक्षय की दिनचर्या का मजेदार हिस्सा बन चुका था. उस की नजरें बच्चियों पर घूरने लगी थीं. खुराफाती दिमाग में वासना की आग सुलग चुकी थी. वह वैसे मौके की तलाश में रहने लगा था, जब कोई बच्ची एकांत में मिल जाए. कक्षा के दौरान बच्ची टायलेट आए. यह मौका भी उसे 13 अगस्त को मिल गया. एक 4 साल की बच्ची जैसे ही बाथरूम में घुसी, पीछे से वह भी घुस गया. बच्ची कुछ समझ पाती, इस से पहले उस ने बाहर के दरवाजे की कुंडी भीतर से लगा दी. कुछ मिनटों में जब बच्ची बाहर आई, तब हमेशा की तरह बच्ची को वाश बेसिन के पास उठा लिया. एक हाथ से उस की कमर पकड़ी और दूसरे हाथ से बच्ची के प्राइवेट पार्ट को छेडऩे लगा. बच्ची ठुनकने लगी. बोली, ”दादा, क्या करते हो, गंदी बात है.’’

”चुप रहो, नहीं तो गला दबा दूंगा…’’ शिंदे की घुड़की से बच्ची चुप हो गई.

वह डरी हुई बच्ची के साथ दुष्कर्म कर बैठा. इस के बाद उस ने उसे अपने हाथों से कपड़े पहनाए, आंसू पोंछे और धमकाते हुए बोला, ”यह सब किसी को मत बताना, वरना तुम्हें गाड़ी से कुचलवा दूंगा. वहीं मर जाओगी मोटे टायर के नीचे दब कर…’’

उसी दिन शिंदे ने एक दूसरी 3 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म किया, अपनी वासना की आग ठंडी की. उसे भी डराधमका दिया था. लड़की के दादाजी उसे स्कूल छोडऩे जाने के लिए हर रोज की तैयार बैठे थे, लेकिन वह अभी सो रही थी. उन्होंने उस की मां से पूछा कि वह अभी तक तैयार क्यों नहीं हुई? स्कूल जाने का समय हो गया है. लड़की की मां ने बताया कि उस की देह थोड़ी गर्म है. उन्होंने वायरल फीवर की आशंका जताते हुए उसे आराम करने दिया.

बच्ची पूरे दिन वह गुमसुम बैड पर लेटी रही. उस की मम्मी ने उसे वहीं गोद में बिठा कर खाना खिला दिया. फिर सो गई. शाम को भी कमरे से बाहर नहीं निकली, जबकि वह स्वस्थ दिख रही थी. फिर भी मम्मी ने उसे आराम करने दिया. 15 अगस्त को भी बच्ची ने स्कूल जाने से इनकार कर दिया. मम्मी ने प्यार से पुचकारते हुए पूछा, ”क्या बात है बेटा… स्कूल में टीचर ने डांटा क्या?’’

इस का जवाब उस ने कुछ भी नहीं दिया. चुप्पी साधे रही.

काफी प्यारदुलार के बाद उस ने बताया, ”मम्मी, सूसू करने में मुझे तकलीफ होती है.’’

”कैसी तकलीफ…ठीकठीक बताओ… डाक्टर के पास ले चलूंगी.’’ मम्मी चिंतित हो गई.

”सूसू में लगता है चींटियां चल रही हैं.’’ बच्ची बोली.

इस पर उस ने अपनी पति से बात की और तुरंत डाक्टर के यहां ले जाने के लिए कहा.

बच्ची को तुरंत डाक्टर के पास ले जाया गया. डाक्टर ने उस का चैकअप किया और पेशाब करने में आई शिकायत पर जांच की. जांच के बाद डाक्टर ने बताया कि बच्ची के साथ यौनाचार किया गया है, जिस कारण उस का प्राइवेट पार्ट जख्मी हो गया है. डाक्टर से यह सुनना था कि लड़की के मम्मीपापा ने सिर पकड़ लिया. वे गुस्से में भी आ गए. उन्होंने उस के साथ पढऩे वाली उस की फ्रैंड के घर फोन मिलाया. उन के पैरेंट्स से मालूम हुआ कि वह भी 2 दिनों से स्कूल नहीं जा रही है…डरी हुई है. बारबार कहती है…मुझे मार देगा…नहीं जाऊंगी स्कूल!

उन्हें जब स्कूल नहीं जाने का कारण मालूम हुआ, तब वे भी गुस्से में आ गए. दोनों लड़कियों के पेरैंट्स ने तुरंत स्कूल प्रशासन को इस की सूचना दी, लेकिन स्कूल ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया. दोनों के साथ स्कूल के दौरान रेप की घटना से इनकार कर दिया. सिर्फ इतना कहा कि सीसीटीवी 15 दिन से बंद है. इस के बाद पेरैंट्स बच्ची को हौस्पिटल ले कर गए. वहां के डाक्टर ने भी रेप की पुष्टि कर दी. फिर बदलापुर थाने पहुंच कर आरोपी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने की मांग की. लेकिन सीनियर पुलिस इंसपेक्टर शुभदा शितोले ने केस दर्ज करने में आनाकानी की. दोनों बच्चियों के पेरैंट्स को घंटों थाने में बिठाए रखा. इस के बाद पुलिस अधिकारी हरकत में आए. इस लापरवाही और देरी के लिए सीनियर इंसपेक्टर शुभदा शितोले को सीनियर पुलिस अधिकारी ने सस्पेंड कर दिया.

मैडिकल जांच में यह साबित हो गया था कि बच्चियों के साथ घिनौना काम हुआ है. पुलिस स्टेशन में रात साढ़े 12 बजे जा कर शिकायत दर्ज होने के बाद पीडि़त बच्चियों ने पुलिस को दिए बयान में दुष्कर्म करने वाले स्कूल कर्मचारी अक्षय शिंदे का नाम बता दिया था. उस की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने पहल की और सुबह होतेहोते वह गिरफ्तार कर लिया गया. तब तक यह खबर पूरे शहर में आग की तरह फैल चुकी थी. बदलापुर रेप केस के आरोपी अक्षय शिंदे की करतूत कोलकाता रेप कांड के आरोपी संजय राय के मामले के बाद ही सामने आई थी. कोलकाता रेप कांड पर लोग पहले से ही गुस्से में थे. पूरे देश में जगहजगह विरोध प्रदर्शन हो रहे थे. उन्हीं दिनों इस घटना ने आंदोलन की आग में और घी डाल दिया. लोग सड़कों पर उतर आए.

आंदोलनकारी बदलापुर स्टेशन पर रेलवे ट्रैक पर विरोध जताने लगे. ट्रेन की आवाजाही बंद हो गई. विरोध प्रदर्शन के कारण मुंबई सूरत वंदे भारत, पुणे दुरंतो और अन्य प्रमुख ट्रेनों सहित कई लंबी दूरी की ट्रेनों के मार्ग भी बदलने पड़े. इस के साथ ही इंटरनेट बंद करने का भी आदेश दे दिया गया. साथ ही स्कूल में तोडफ़ोड़ हुई. आरोपी अक्षय शिंदे के घर पर भी हंगामा हुआ, तोडफ़ोड़ हुई. लोग इस घटना पर आक्रोश व्यक्त करने और आरोपी को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग करने लगे. महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मामले की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दे दिए. उन्होंने विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन करने के भी आदेश दिए. वरिष्ठ वकील उज्ज्वल निकम को विशेष सरकारी वकील नियुक्त किया गया. सरकार ने आश्वासन दिया कि मामले की सुनवाई फास्टट्रैक कोर्ट में होगी. शिंदे के खिलाफ पोक्सो कानून के तहत मामला दर्ज किया गया.

आरोपी शिंदे को लगातार कड़ी पुलिस सुरक्षा के बीच मजिस्ट्रैट के सामने पेश किया गया. शिंदे से पूछताछ के सिलसिले में चौंकाने वाली घटना सामने आई. उस की करतूतों की पोल भी खुलती चली गई. पता चला कि उस ने 3 शादियां की थीं, लेकिन तीनों पत्नियां उसे छोड़ कर जा चुकी थीं. अक्षय शिंदे ने अपना जुर्म कुबूल भी कर लिया था. उस के वीडियो को पुलिस को कोर्ट में पेश करना था. वह स्कूल में सफाई कर्मचारी के तौर पर काम करता था. इस मामले में पहले तो स्कूल प्रशासन ने भी घटना से इनकार किया था. पुलिस की तरह ही स्कूल के प्रिंसिपल तक ने वारदात की गंभीरता को नहीं समझा. जब पुलिस में मामला दर्ज हो गया, तब स्कूल प्रशासन ने भी आननफानन में सख्त कदम उठाए और स्कूल के प्रिंसिपल, क्लास टीचर और एक महिलाकर्मी को भी सस्पेंड कर दिया.

स्कूल के ट्रस्टी फरार हो गए थे, जिन की अक्तूबर में गिरफ्तारी हो गई. हालांकि वे बचने के लिए हर 2-3 दिन में अपना ठिकाना बदलते रहे. उन्होंने अपने फोन बंद कर लिए. इस के अलावा डेढ़ महीने तक फरार रहने के दौरान उन्होंने एक बार भी अपने घर वालों से संपर्क नहीं किया. मामले की जांच कर रही स्पैशल इनवैस्टीगेशन टीम (एसआईटी) को पूछताछ के दौरान स्कूल ट्रस्टी उदय कोतवाल और तुषार आप्टे ने बताया कि उन से बहुत बड़ी गलती हो गई थी. दोनों ही इस वारदात की खबर फैलने के बाद बेहद घबरा गए थे और जनता के आक्रोश से डर कर भागते फिर रहे थे.

इस की सुनवाई बौंबे हाईकोर्ट में चल रही थी. हाईकोर्ट ने स्वत:संज्ञान लिया था और मामले को गंभीरता से लेते हुए सुनवाई कर रही थी, जबकि आरोपी अक्षय शिंदे पुणे की तलोजा जेल में बंद था. हाईकोर्ट के न्यायाधीश रेवती मोहिते डेरे और पृथ्वीराज चह्वाण की पीठ ने सुनवाई के दौरान स्कूल प्रशासन को भी जबरदस्त फटकार लगाते हुए कहा था कि स्कूल भी सुरक्षित नहीं. 4 साल की बच्ची को भी नहीं बख्श रहे.  सुनवाई में कोर्ट ने कई सवाल पूछे. पीठ ने आरोपी की गिरफ्तारी पर सवाल किया कि क्या 164 के तहत बयान रिकौर्ड किया गया है? इसी के साथ सुनवाई में न्यायाधीश ने यह भी पूछा कि क्या पोक्सो के तहत एक्शन हुआ या नहीं?

जिस का जवाब देते हुए सरकारी वकील सर्राफ ने बताया कि महिला औफिसर की मौजूदगी में केस रजिस्टर किया जा चुका है. इस के बाद अदालत ने इस केस में डायरी और एफआईआर मांगी, जिस में बच्चियों के बयान दर्ज किए गए हों. लेकिन जब जज महोदय को मालूम हुआ कि बयान 164 के तहत रजिस्टर नहीं किया गया है और पोक्सो एक्ट के तहत स्कूल ने कोई ऐक्शन नहीं लिया था, तब स्कूल प्रशासन को फटकार लगाई गई. साथ ही स्पैशल इनवैस्टीगेशन टीम को जल्द से जल्द काररवाई करने के आदेश जारी किए गए. पुलिस को फटकार लगाते हुए जज ने कहा कि जब एफआईआर में यह लिखवाया गया है कि स्कूल को इस मामले की जानकारी दी गई थी, तब पुलिस को स्कूल पर पहले ही ऐक्शन लेना चाहिए था.

कोर्ट ने इस बात पर भी आपत्ति जताई कि 2 पीडि़ताओं में सिर्फ एक के बयान ही क्यों दर्ज किए गए? क्या अधिकारियों ने सीआरपीसी की धारा 173 के तहत अनिवार्य रूप से पीडि़तों के बयान दर्ज किए?

कोर्ट ने एडवोकेट सर्राफ से अगली तारीख पर यह बताने को कहा कि उन के बयान दर्ज करने में देरी क्यों हुई? कोर्ट ने कहा कि यह बहुत गंभीर अपराध है. 2 बच्चियों के साथ यौन उत्पीडऩ हुआ, पुलिस मामले को गंभीरता से कैसे नहीं लेती? कोर्ट ने पीडि़तों की उम्र पूछी, जिस पर सर्राफ ने बताया कि एक बच्ची 4 साल और दूसरी 3 साल की है. कोर्ट ने कहा कि यह सब से बुरा है. कोर्ट ने कहा कि न केवल एफआईआर दर्ज करने में देरी हुई, बल्कि स्कूल के संबंधित अधिकारियों ने शिकायत भी दर्ज नहीं की. यह एफआईआर कापी से साफ हो रहा है.

कोर्ट ने पूछा कि क्या बच्चियों की काउंसलिंग की जा रही है? पीडि़त बच्चियों के साथ जो हुआ, हम इस तथ्य को नजरअंदाज नहीं कर सकते. हम जानना चाहते हैं कि राज्य ने पीडि़त बच्चियों की काउंसलिंग के लिए क्या किया है. कोर्ट ने कहा कि धारा 161 के बयानों के तहत दूसरी बच्ची के पिता के हस्ताक्षर क्यों लिए गए? कोर्ट ने आगे कहा कि हम यह जान कर आश्चर्यचकित हैं कि बदलापुर पुलिस ने दूसरे पीडि़त के परिवार के बयान दर्ज नहीं किए. हमारे स्वत:संज्ञान लेने के बाद ही पुलिस ने दूसरी पीडि़ता के पिता के बयान दर्ज किए, वह भी आधी रात के बाद.

कोर्ट ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि आप न केवल पीडि़त बच्चियों के बल्कि उन के परिवारों के भी बयान सीआरपीसी की धारा 164 के तहत दर्ज करेंगे. कोर्ट ने कहा कि अगली तारीख तक उन्हें केस की फाइल देखनी है कि पुलिस ने क्या जांच की?

इधर कोर्ट में सुनवाई चल रही थी, उधर बदलापुर में बवाल बढ़ता जा रहा था. महाविकास अघाड़ी ने 24 अगस्त को महाराष्ट्र बंद का ऐलान कर दिया था. महाराष्ट्र में महिलाओं पर बढ़ रहे अत्याचार, रेप की घटनाओं और सरकार पर असंवेदनशीलता का आरोप लगाते हुए महाविकास अघाड़ी सरकार पर हमलावर बनी हुई थी. बदलापुर रेलवे स्टेशन पर 300 प्रदर्शनकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. 70 से ज्यादा लोगों को अरेस्ट भी किया गया.

आरोपी की मजिस्ट्रैट के सामने सुनवाई पूरी सुरक्षा में हो रही थी. क्राइम ब्रांच के अधिकारी 23 सितंबर, 2024 की शाम साढ़े 5 बजे जेल से आरोपी अक्षय शिंदे को हिरासत में लेने के बाद तलोजा जेल से निकले थे. शाम करीब साढ़े 6 बजे पुलिस टीम जब मुंब्रा बाईपास के पास पहुंची तो अक्षय ने कथित तौर पर एक कांस्टेबल से हथियार छीन लिया और गोली चलाने लगा. इस के जवाब में पुलिस ने भी फायरिंग कर दी. इस में वो बुरी तरह से घायल हो गया और घटनास्थल पर ही उस की मौत हो गई.

इस तरह से बदलापुर रेप केस के मुख्य आरोपी की पुलिस एनकाउंटर में मौत हो गई. हालांकि खून से लथपथ आरोपी को अस्पताल में भरती कराया गया था, जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था.

 

अलमारी में कैद लिवइन पार्टनर

25 वर्षीय रुखसार उर्फ रिया और विपुल टेलर का प्यार एक बार की मुलाकात के बाद ही अमरबेल की तरह बढ़ गया था. बाद में दोनों लिवइन रिलेशन में भी रहने लगे. फिर एक दिन रुखसार की लाश उस के ही कमरे की अलमारी में बंद मिली. कौन था रुखसार का हत्यारा और क्यों की गई उस की हत्या? पढि़ए, लव क्राइम की खास स्टोरी.   

मुस्तकीम इंसपेक्टर धनंजय को एक अलमारी के पास ले गया. अलमारी का दरवाजा खुला हुआ था. उस के अंदर का मंजर दिल दहला देने वाला था. अलमारी के अंदर एक 25-26 साल की युवती की लाश थी. लाश इस पोजिशन में थी, जैसे उस की हत्या करने के बाद अलमारी में उसे बिठा दिया गया हो. चेहरा बुरी तरह भारी चीज के वार से कुचलने की कोशिश की गई थी. उस की आंखें फटी पड़ी थीं, इस से इंसपेक्टर ने अनुमान लगाया कि उसे गला घोंट कर मारा गया है. युवती के जिस्म पर चोट के निशान भी दिखाई दे रहे थे.

इंसपेक्टर धनंजय सिंह ने दक्षिणपश्चिम जिले के डीसीपी अंकित सिंह को इस हत्या की सूचना दे दी. उन्होंने घटनास्थल पर द्वारका थाने की औपरेशन सेल की टीम और फोरैंसिक टीम को भेज दिया. फोरैंसिक टीम ने अलमारी में बैठी अवस्था में युवती की लाश के कई एंगल से फोटो खींचे, अलमारी के दरवाजे और आसपास से फिंगरप्रिंट्स उठाए. फिर लाश को बाहर निकाल कर फर्श पर लिटा दिया. गुजरात का खूबसूरत शहर सूरत. इसी शहर में रुखसार उर्फ रिया का स्पा सेंटर था. इस वक्त सुबह के 10 बजे थे, रुखसार ने स्पा सेंटर खोल लिया था. वह सफाई से निपटी ही थी कि 18-19 साल की एक लड़की स्पा में अपना फेशियल करवाने के लिए आ गई. 

अभी स्पा में काम करने वाली 4 लड़कियों में से कोई भी लड़की काम पर नहीं आई थी इसलिए स्पा में आने वाली उस युवा कस्टमर को रुखसार ने संभाला. लड़की को कुरसी पर बिठा कर रुखसार ने उस का फेशियल करना शुरू कर दिया. उस ने लड़की के चेहरे पर क्लींजिंग किया और दूसरे स्टेप के लिए हथेली पर लोशन लिया, तभी स्पा का दरवाजा तेजी से खुला और एक युवक बदहवासी की हालत में रुखसार से आ कर टकराया. रुखसार इस अकस्मात टक्कर से संभल नहीं पाई, उस का सिर दीवार पर लगे बड़े आइने से टकराया. 

आईने का कांच छन्नाक की आवाज के साथ टूट कर नीचे बिखर गया. गनीमत यह रही कि इस टक्कर से रुखसार के सिर पर चोट नहीं आई. उस का सिर भन्ना गया. दोनों हाथों से अपना सिर पकड़ कर वह फर्श पर बैठ गई. उस बदहवास युवक ने इस ओर ध्यान ही नहीं दिया. वह फुरती से संभला और लपक कर स्पा का दरवाजा बंद कर दिया. ऐसा कर के वह दरवाजे के साथ लटक रहे परदे की ओट में दुबक कर खड़ा हो गया. कुछ देर बाद रुखसार संभली. वह गुस्से से खड़ी हो गई और उस परदे के पास आ गई, जिस के पीछे उस से टकराने वाला युवक दुबका खड़ा था.

ऐ मिस्टर… बाहर आओ.’’ रुखसार जोर से चीखी.

युवक सहमता हुआ परदे की ओट से बाहर आया. वह 27-28 साल का हैंडसम युवक था. शरीर पर सफेद शर्ट और ब्राउन रंग की डेनिम की जींस पहने था. चौंकाने वाली बात यह थी कि उस के माथे पर गहरी चोट थी, जिस में से बह रहे खून ने उस के चेहरे और शर्ट को भिगो दिया था. रुखसार का सारा गुस्सा काफूर हो गया. युवक को जख्मी देख कर वह घबरा गई. युवक की ओर झुक कर वह परेशान स्वर में बोली, ”अरे! तुम तो बहुत जख्मी हो!’’

बस यूं ही भागते वक्त ठोकर खा कर गिर गया और माथे पर चोट लग गई.’’ युवक जेब से रुमाल निकालते हुए बोला.

जख्म गहरा है. चलो पास में ही डाक्टर की दुकान है, वहां से मरहमपट्टी हो जाएगी.’’

नहीं, मैं बाहर नहीं जाऊंगा.’’ युवक घबरा कर बोला, ”बाहर पुलिस वाले मेरी टोह में होंगे.’’

पुलिस?’’ रुखसार के चेहरे पर परेशानी झलकने लगी, ”क… क्या गुनाह किया है तुम ने जो पुलिस तुम्हारे पीछे लगी है?’’

मैं ने कोई गुनाह नहीं किया.’’ युवक ने सफाई दी, ”हमारी गली में मर्डर हुआ था, मैं उस वक्त वहां खड़ा था. बुजुर्ग को चाकू मारने वाले भाग गए थे. पुलिस वाले वहां आए तो मुझे ही खूनी मान कर मुझे पकड़ लिया. रात भर मुझे लौकअप में रखा, सुबह अदालत ले जाने लगे तो मैं हाथ छुड़ा कर भाग आया हूं.’’ 

ओह! रुखसार ने सहानुभूति दिखाई, ”यह पुलिस वाले बड़े जालिम होते हैं, असली पर हाथ नहीं डालते, निर्दोष को पकड़ते हैं. चलो तुम कुरसी पर बैठो, मेरे पास डिटोल भी है और एंटीसेप्टिक क्रीम भी. मैं पट्टी कर देती हूं.’’

पहली मुलाकात में ऐसे हो गया प्यार

युवक कुरसी पर आज्ञाकारी बच्चे की तरह बैठ गया. वह कस्टमर लडकी जो फेशियल करवाने आई थी, बहुत ही हैरान बैठी रुखसार और उस जख्मी युवक की बातें सुन रही थी.

थोड़ा वेट करना पड़ेगा सिस्टर!’’ रुखसार ने उस लड़की से कहा, ”पहले इन्हें देखना जरूरी है.’’

कोई बात नहीं.’’ लड़की जल्दी से बोली, ”मैं वेट कर लूंगी.’’ 

रुखसार उस युवक के जख्म की मरहमपट्टी करने में व्यस्त हो गई.

क्या नाम है तुम्हारा?’’ रुखसार ने जख्म को डिटोल से साफ करते हुए पूछा.

विपुल टेलर.’’ युवक ने बताया.

कहां के रहने वाले हो?’’

यहीं सूरत में रहता हूं. मेरा इंपोर्ट एक्सपोर्ट का बिजनैस है.’’

रुखसार ने विपुल के जख्म पर मरहम लगा कर रुई रखी और टेप चिपका दी. विपुल टेलर ने कुरसी से उठ कर जेब में से पर्स निकाला और 5-5 सौ के 10 नोट निकाल कर रुखसार की तरफ बढ़ा दिए, ”यह रखो, तुम्हारा आईना मेरी वजह से टूटा है, उस की कीमत. ये 5 हजार रुपए हैं, कम हो तो बता दो.’’ 

रुखसार मुसकराई, ”मेरा आईना केवल 12 सौ रुपए का था. टूट गया तो क्या हुआ, पुराना हो गया था, मैं इसे बदलने वाली थी. तुम रुपए पर्स में रख लो.’’

नहीं. ये तुम्हारे नाम के निकले हैं, तुम्हें लेने ही होंगे. अब महंगा वाला आईनाखरीद लाना.’’ विपुल ने कहते हुए रुखसार की कलाई पकड़ कर 5 हजार रुपए जबरन रुखसार की हथेली पर रख दिए. रुखसार ठगी सी खड़ी रह गई. उस की कलाई पकड़ कर विपुल ने ऐसा महसूस करा दिया था कि वह अपनी बात मनवाने के लिए जिद्ïदी है.

तुम ने अपना नाम नहीं बताया अभी तक,’’ विपुल ने बुत बन कर खड़ी रुखसार से पूछा. रुखसार नींद से जागी हो जैसे, हड़बड़ाते हुए बोली, ”मेरा नाम रिया है. मैं भी यहां सूरत में रहती हूं. यह स्पा सेंटर मैं ने ही खोल रखा है.’’

मेहनती हो…’’ विपुल आगे को झुक कर धीरे से बोला, ”खूबसूरत भी हो. तुम से प्यार करने के लिए दिल मचलने लगा है, अगली मुलाकात जल्दी करूंगा.’’

विपुल अपने मन की बात कह कर तेजी से दरवाजे की ओर बढ़ा. उस ने दरवाजा खोल कर इधरउधर देखा, फिर तेजी से बाहर निकल गया. रुखसार हैरत में डूबी अपनी जगह खड़ी रह गई. वहां पर मौजूद कस्टमर लड़की के होंठों पर गहरी मुसकान थी. पहली अकस्मात मुलाकात में प्यार कैसे हो जाता है, यह उस ने अपनी आंखों से देखा था. विपुल टेलर रुखसार के दिल में पहली मुलाकात में ही खलबली मचा गया था. उस मुलाकात के बाद रुखसार ठीक से सो नहीं पाई थी. उस की आंखों के सामने विपुल का चेहरा बारबार घूम रहा था. विपुल हैंडसम युवक है, उस ने पहली मुलाकात में ही प्यार का इजहार कर दिया. वह हैंडसम ही नहीं, पैसे वाला भी है, 12 सौ के आईने के बदले 5 हजार रुपए दे गया. इस दिलफेंक आशिक से दोस्ती घाटे का सौदा नहीं रहेगी. 

रुखसार के दिल में तरहतरह के विचार आजा रहे थे. विपुल ने अपना केवल नाम ही बताया था, वह कहां रहता है यह नहीं बताया. दोबारा आने को कह गया था, अगर वह नहीं आया तो विचारों में खोई रुखसार का मन अपने काम में नहीं लग रहा था. जैसेतैसे शाम ढली, स्पा में काम करने वाली लड़कियां छुट्टी कर के चली गईं. रुखसार निढाल सी कुरसी पर बैठ गई. आज वह खुद को बहुत थका हुआ महसूस कर रही थी. उस ने आंखें बंद कर लीं और सिर कुरसी की पुश्त से सटा दिया. तभी दरवाजे को धकेल कर विपुल प्रकट हुआ. और पैरों में चमचमाते हुए शूज और मैरून कलर के सफारी सूट में देखते ही रुखसार कुरसी से उतर कर उस की ओर लपकी.

”3 दिन बाद आए हो,’’ रुखसार करीब पहुंच कर शिकायत करते हुए बोली, ”कहां थे 3 दिन से?’’

विपुल मुसकराया, ”ये तड़प, ये उतावलापन. लगता है तुम्हें मुझ से प्यार हो गया है.’’

रुखसार का चेहरा शरम से सुर्ख हो गया. वह विपुल के सीने से लग कर धीमे से बोली, ”यह इश्क की आग तुम ने ही तो लगाई है विपुल. 3 दिनों में ही तुम्हारी दूरी ने मुझे बेचैन कर दिया है.’’ 

विपुल ने उसे बाहों में भींच कर उस के ललाट पर चुंबन लेते हुए फुसफुसा कर कहा, ”मुझ से शादी कर लो रिया, मैं भी अब तुम बिन नहीं रह पाऊंगा.’’

एकाएक रुखसार छिटक कर विपुल के सीने से अलग हो गई. विपुल उस की इस हरकत पर हैरान रह गया. रुखसार कुरसी पर बैठ कर फर्श पर देखने लगी थी.

क्या हुआ रिया, शादी की बात पर तुम मेरे सीने से दूर क्यों हो गई?’’ 

तुम मेरी हकीकत जान लोगे तो मुझ से शादी की बात फिर नहीं करोगे.’’ रुखसार गंभीर हो गई थी. 

मैं तुम्हारी हकीकत जान लूंगा, तब भी अपनी बात पर अडिग रहूंगा रिया.’’ विपुल उस के करीब आ कर गंभीर स्वर में बोला, ”बताओ, तुम मुझ से शादी क्यों नहीं करना चाहती?’’

रुखसार ने विपुल के चेहरे पर अपनी नजरें टिका दीं, ”मैं पहले से ही शादीशुदा हूं विपुल, लेकिन…’’

रुखसार ने अपनी बात बीच में छोड़ दी. विपुल उस की शादी वाली बात पर निराश हुआ, किंतु लेकिनवाले शब्द में उसे अपने लिए कुछ गुंजाइश नजर आई. उस ने जल्दी से पूछा, ”लेकिन क्या रिया?’’

मेरी जिस शख्स से शादी हुई थी, उस से 2 साल बाद ही तलाक हो गया था. अब मैं अकेली अपनी जिंदगी गुजार रही हूं.’’

ओह! फिर तो कोई अड़चन नहीं है.’’

अड़चन अभी भी है विपुल,’’ रुखसार के स्वर में अब पहले से ज्यादा गंभीरता थी.

अब क्या अड़चन है रिया?’’ विपुल हैरान हो कर बोला.

रहने दो विपुल.’’ रुखसार का स्वर भीगने लगा, ”मेरी इस अड़चन की बात सुनने के बाद तुम तुरंत यहां से चले जाओगे… मैं तुम्हें खोना नहीं चाहती, विपुल.’’

अगर मेरे लिए तुम्हारे दिल में इतना प्यार है तो रिया मैं भी वादा करता हूं, तुम्हारी बात कितनी भी कड़वी हो, मैं उसे मीठा शरबत समझ कर पी लूंगा. बताओ, अब कैसी अड़चन है हमारी शादी में.’’

”मैं रिया नहीं रुखसार हूं, एक मुसलिम लड़की…’’ कहतेकहते रुखसार रोने लगी. विपुल एक पल को हैरान सा अपनी जगह खड़ा रहा. फिर वह लपक कर रिया के करीब आया. उस के पास घुटनों के बल बैठ गया और उस के आंसुओं को पोंछते हुए बोला, ”तुम मुसलमान हो तो क्या हुआ रिया, प्यार किसी मजहब को नहीं मानता. प्यार में ऊंचनीच भी नहीं देखी जाती. प्यार तो प्यार होता है. मैं अब भी तुम से शादी करूंगा रिया उर्फ मेरी रुखसार.’’ विपुल जोश से बोला. 

रुखसार उस के कंधे पर झुक गई और जारजार रोने लगी. विपुल उस की पीठ सहलाते हुए किसी गहरी सोच में डूब गया था. रुखसार के आंसू नहीं थम रहे थे. प्यार भरे 2 दिल एकदूसरे के घड़कनों की आवाजें सुन रहे थे. उन प्रेमियों के कान में एक ही स्वर गूंज रहा था, ”प्यार किसी मजहब को नहीं मानता. प्यार तो बस प्यार होता है.’’ इस तरह विपुल और रुखसार का प्यार इतनी आगे बढ़ गया कि उस ने एक नई कहानी ही गढ़ दी.

दक्षिणपश्चिम दिल्ली में स्थित है डाबड़ी थाना. 4 अप्रैल, 2024 को थाने के एसएचओ धनंजय सिंह आवश्यक फाइलें देखने में व्यस्त थे. समय था रात के पौने 12 बजे का. उन्हें चाय की तलब लगी तो घंटी बजा कर उन्होंने अर्दली को अंदर बुलाया और चाय लाने के लिए कहा. कुछ ही देर में गरमागरम चाय का कप उन के सामने आ गया. अभी उन्होंने चाय का एक घूंट ही भरा होगा कि सामने रखा फोन घनघना उठा. हाथ बढ़ा कर धनंजय सिंह ने रिसीवर उठा कर कान से लगा लिया. फोन पुलिस कंट्रोल रूम से किया जा रहा था. उन्हें कंट्रोल रूम से सूचना दी गई कि द्वारका क्षेत्र के राजापुरी इलाके की गली नंबर 10 में एक युवती की हत्या कर दी गई है. मौकामुआयना करें. 

धनंजय सिंह ने जल्दी से चाय का कप खाली किया और अपनी जगह छोड़ दी. अपने साथ पुलिस टीम ले कर वह राजापुरी इलाके के लिए रवाना हो गए. राजापुरी की गली नंबर 10 में पुलिस टीम पहुंची तो वहां सन्नाटा था. पुलिस वैन के सायरन की आवाज से कई फ्लैट में लाइट जल गई. दरवाजेखिड़कियां खुल गईं. इंसपेक्टर धनंजय सिंह ने पुलिस वैन रुकवा दी. वह पुलिस टीम के साथ नीचे उतरे तो एक सांवले रंग का व्यक्ति लपकता हुआ उन के पास आ गया.

इंसपेक्टर धनंजय सिंह ने उस पर नजरें जमा कर पूछा, ”यहां किसी युवती की हत्या हुई है?’’ 

वह मेरी ही बेटी है साहब.’’ वह व्यक्ति भर्राए स्वर में बोला, ”मेरा नाम मुस्तकीम है, मैं ने ही पुलिस कंट्रोल रूम को फोन किया था.’’

तुम्हारी बेटी की लाश कहां पर है?’’ इंसपेक्टर धनजय सिंह ने पूछा. 

यह सामने का डी-1/12 के फ्लैट के फस्र्ट फ्लोर में. आप मेरे साथ आइए.’’

मुस्तकीम ने कहते हुए अपने कदम सामने वाले फ्लैट की ओर बढ़ा दिए. इंसपेक्टर धनंजय सिंह अपनी टीम के साथ उस के पीछे चलते हुए फ्लैट के फस्र्ट फ्लोर पर पहुंच गए. यहां बैडरूम नजर आ रहा था. उस में बैड पड़ा था. बैडरूम में हर तरफ सामान बिखरा हुआ था. ऐसा लगता था जैसे यहां 2 लोगों के बीच काफी संघर्ष हुआ है. कमरे की अलमारी में एक युवती की लाश थी. वह लाश मुस्तकीम की 25 वर्षीय बेटी रुखसार उर्फ रिया की थी. बारीक से बारीक सबूत इकट्ठा करने के बाद लाश की कागजी काररवाई पूरी की गई, फिर युवती की लाश को पोस्टमार्टम के लिए दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल भिजवा दिया गया.

युवती के पिता मुस्तकीम से पूछताछ की गई तो यह मालूम हुआ कि मुस्तकीम ने रुखसार का निकाह गुजरात के सूरत शहर में मोहम्मद मोहसिन के साथ सन 2017 में किया था. रुखसार पति के साथ 2 साल रही, फिर घरेलू क्लेश के कारण उस का तलाक हो गया. रुखसार की गोद में उस वक्त उस की एक साल की बच्ची थी. रुखसार ने अपने पिता पर बोझ नहीं बनना चाहती थी. बेटी को उस ने पिता के हवाले कर दिया और सूरत में आ कर अपना स्पा सेंटर खोल लिया. उस ने ब्यूटीशियन का कोर्स कर रखा था. उस का स्पा सेंटर अच्छा चल निकला. सहयोग के लिए रुखसार ने 3-4 लड़कियों को स्पा में कार्य करने के लिए रख लिया.

मुस्तकीम ने बताया कि 2 साल पहले रुखसार की जिंदगी में विपुल टेलर नाम का युवक आया था. रुखसार उस से मोहब्बत करने लगी. विपुल टेलर सूरत का ही रहने वाला था. रुखसार को उस ने बताया था कि उस का एक्सपोर्टइंपोर्ट का बिजनैस है. रुखसार उस की बातों में आ गई. उस पागल लड़की ने विपुल टेलर के कहने पर अपना अच्छाभला चलता हुआ स्पा सेंटर बंद कर दिया और दिल्ली आ गई. 

विपुल से 7 लाख रुपया ले कर रुखसार ने 42 लाख का यह फ्लैट खरीद लिया. इस की शेष रकम की किस्त विपुल टेलर ने चुकाने का वादा किया था, लेकिन रुखसार मुझे फोन कर के बताती थी कि वह विपुल के झांसे में आ कर अपना चलता हुआ स्पा सेंटर बंद कर आई. विपुल उसे रुपएपैसे से तंग रखता है. उस के साथ मौजमस्ती के लिए रह रहा है. फ्लैट की किस्तें भी नहीं चुका रहा है. वह कुछ ज्यादा बोलती है तो उस से मारपीट करने लगता है.

प्रेमी के इशारों पर क्यों चलने लगी रुखसार

मुस्तकीम ने बताया कि आज 3 अप्रैल, 2024 की दोपहर को ही रुखसार का फोन आया था. वह काफी घबराई हुई और डरी हुई थी. उस ने घबराई हुई आवाज में कहा था कि विपुल उसे मार डालेगा. आ कर मुझे यहां से मेरठ ले जाएं. मैं विपुल के साथ नहीं रहना चाहती. ऐसा वह अपनी ओर से मुझे फोन करने पर कई बार कहती रहती थी. आज भी मैं ने उसे केवल समझा दिया कि तुम लोगों में अकसर झगड़े होते रहते हैं. विपुल गुस्सा करे तो तुम चुप रहना, वह शांत हो जाएगा.

लेकिन रुखसार की आवाज में जो डर था, उस से मैं परेशान हो गया. मुझे लगा विपुल रुखसार का अहित न कर डाले, यह सोच कर अपने एकदो रिश्तेदारों को साथ में ले कर मैं मेरठ से दिल्ली आ गया. हम रात को 10 बजे फ्लैट पर पहुंचे थे. यहां गहरी खामोशी थी. फ्लैट का दरवाजा भी अंदर से बंद था. मुझे मालूम था रुखसार दरवाजे की एक चाबी खिड़की में छिपा कर रखती है. मैं ने वह चाबी ढूंढी और दरवाजा खोल लिया. अंदर सामान बिखरा देख घबराया. फ्लैट में 2 रूम हैं, 2 अटैच्ड टौयलेट बाथरूम हैं. एक ड्राइंगरूम है. 

हम ने रुखसार को आवाजें दीं, कोई उत्तर नहीं मिला तो हम उसे ढूंढने लगे तो मुझे मेरी बेटी की लाश इस अलमारी में मिली. विपुल टेलर मेरी बेटी की हत्या कर के भाग गया था. मैं ने पुलिस कंट्रोल रूम को इस हत्या की जानकारी दे दी. अब तक फ्लैट के सामने आसपास के फ्लैटस के निवासी एकत्र हो गए थे. एसएचओ धनंजय सिंह ने उन लोगों से रुखसार और विपुल टेलर के बारे में पूछताछ की. उन्हें बताया गया कि वैलेंटाइन डे 14 फरवरी को ये दोनों यहां रहने आए थे. प्रौपर्टी डीलर दीपक से इन्होंने यह फ्लैट खरीदा था. दोनों किसी से बातचीत नहीं करते थे. अधिकांश समय फ्लैट में ही बंद रहते थे. लोगों ने बताया कि आज रात 9 बजे विपुल काफी घबराया हुआ बाहर आया और अपनी कार ले कर बाहर चला गया.

पुलिस टीम और औपरेशन सेल के सामने इतना स्पष्ट हो गया था कि रुखसार का कातिल उस का प्रेमी विपुल टेलर है, जो वहां से फरार हो गया है. उसी रात डाबड़ी थाने में रुखसार के पिता मुस्तकीम की तरफ से विपुल टेलर के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कर लिया गया. अब रुखसार की हत्या के दोषी विपुल टेलर को गिरफ्तार करना और उस से मालूम करना था कि उस ने अपनी प्रेमिका रुखसार उर्फ रिया की हत्या क्यों की.

विपुल की तलाश में जुटीं पुलिस टीमें

विपुल टेलर की गिरफ्तारी के लिए डीसीपी अंकित सिंह ने औपरेशन यूनिट और डाबड़ी थाने की पुलिस टीम के तेजतर्रार पुलिसकर्मियों की संयुक्त टीम का गठन कर दिया. इस में एसीपी (डाबड़ी) इशान भारद्वाज, एसीपी औपरेशन यूनिट (द्वारका) रामऔतार और इंसपेक्टर कमलेश कुमार, स्पैशल स्टाफ के इंसपेक्टर सुभाष चंद्र, एसएचओ (डाबड़ी) धनंजय सिंह, एसआई राकेश, हैडकांस्टेबल दिनेश कुमार, परवीन को शामिल किया गया. एसीपी इशान भारद्वाज के नेतृत्व में पूरी टीम को काम करना था. एसीपी इशान भारद्वाज ने एक टीम को उसी रात सूरत भेज दिया. इन्हें सूरत में विपुल टेलर का पता लगाना था. 

दूसरी टीम ने फिर से घटनास्थल राजापुरी, गली नंबर 10 में पहुंच कर वहां लगे सीसीटीवी कैमरों की तलाश की. गली के बाहर सड़क पर एक सीसीटीवी कैमरा लगा था, उस की फुटेज चैक की गई. फुटेज में विपुल की वह कार नजर आ गई, जिस में बैठ कर वह भागा था. कार का नंबर जूम कर के निकाला गया तो वह जीजे 05-जेएम 5411 था. यह कार गुजरात में रजिस्टर्ड थी. इस से साफ हो गया कि यह विपुल टेलर की ही कार है. क्योंकि विपुल टेलर गुजरात के सूरत का निवासी था.

इस टीम को पक्का विश्वास था, विपुल टेलर रुखसार की हत्या करने के बाद सूरत की ओर ही गया होगा. टीम ने पूरा विश्वास करने के लिए गुजरात जाने वाले मुंबई एक्सप्रैसवे के एंट्री टोल प्लाजा सोहना के सीसीटीवी कैमरों की रिकौर्डिंग चेक की तो उन्हें विपुल अपनी कार से टोल प्लाजा पार करता नजर आ गया. इस कार का पीछा करने के लिए इंसपेक्टर सुभाष चंद्र के नेतृत्व में एसआई राकेश कुमार, हैडकांस्टेबल दिनेश, अजय कुमार और परवीन को मुंबई एक्सप्रैसवे पर रवाना कर दिया.

उधर द्वारका थाने की पुलिस अपने स्तर पर आसपास के राज्यों में विपुल टेलर को पकडऩे के लिए दबिश दे रही थी. इंसपेक्टर कमलेश कुमार दूसरी टीम ले कर पहली टीम के पीछे चल दिए. वह जानते थे कि राजस्थान में जा कर मुंबई एक्सप्रैसवे 2 भागों में बंट जाता है. एक कोटा हो कर, दूसरा उदयपुर के रास्ते गुजरात में पहुंचा जा सकता था. वह कोटा के रास्ते सूरत जाना चाहते थे. इंसपेक्टर सुभाष चंद्र की टीम ने विपुल टेलर की कार उस मुंबई एक्सप्रैसवे पर पकडऩे की कोशिश की. तकरीबन 1,400 किलोमीटर का सफर करते हुए आखिर इस टीम को सफलता मिल पाई. 

दिल्ली से निकले हुए उन्हें 48 घंटे हो गए थे. पहले वे भीलवाड़ा पहुंचे, उन्हें वहां मालूम हुआ कि यहां हाइवे पर एक युवक की सियाज कार खंभे से टकरा कर क्षतिग्रस्त हो गई थी. हाइवे पेट्रोलिंग टीम ने उस युवक के लिए एंबुलैंस बुलाई. एंबुलैंस ड्राइवर उसे अस्पताल ले जाना चाहता था, लेकिन उस घायल युवक ने ड्राइवर से कहा कि वह यहां के हौस्पिटल का खर्च नहीं उठा पाएगा. उस ने एंबुलैंस ड्राइवर के फोन से अपने किसी रिलेटिव से रुपए मंगवाए और दूसरी एंबुलैंस बुक कर के सूरत के लिए चला गया.

इंसपेक्टर सुभाष चंद्र ने हाईवे पैट्रोलिंग टीम से पहले वाली एंबुलैंस ड्राइवर का नंबर लिया. उस से बात कर के यह मालूम कर कि दूसरी एंबुलैंस जिस से विपुल टेलर सूरत गया है, उस के ड्राइवर का फोन नंबर क्या है. फोन नंबर मिलते ही इंसपेक्टर ने उस एंबुलैंस ड्राइवर से यह पूछा कि इस वक्त वह कहां पहुंचा है. ड्राइवर ने बताया कि वह उदयपुर पहुंचने वाला है. इंसपेक्टर सुभाष ने एंबुलेंस ड्राइवर को हिदायत दी कि वह अपनी रफ्तार कम रखे. इस के बाद इंसपेक्टर सुभाष ने अपनी गाड़ी की रफ्तार बढ़वा कर आखिर में विपुल टेलर वाली एंबुलैंस को ओवरटेक करने में यह टीम सफल रही. कार से उतर कर इस टीम ने एंबुलैंस में सवार विपुल टेलर को 8 अप्रैल, 2024 को दबोच लिया. वह उदयपुर में पकड़ा गया था.

एंबुलैंस ड्राइवर को धन्यवाद दे कर इंसपेक्टर सुभाष विपुल टेलर को ले कर दिल्ली के लिए वापस लौट पड़ी. रास्ते से ही उन्होंने इंसपेक्टर कमलेश कुमार को विपुल की गिरफ्तारी की सूचना दे दी. डीसीपी अंकित सिंह की उपस्थिति में विपुल टेलर से पूछताछ शुरू हुई. इंसपेक्टर कमलेश कुमार ने उसे घूरते हुए पूछा, ”2 साल पहले तुम ने रुखसार को अपने प्रेमजाल में फंसाया, उस का चलता हुआ स्पा सेंटर बंद करवा कर उसे दिल्ली लाए. 2 महीने से तुम दोनों यहां लिवइन रिलेशन में रह रहे थे, फिर तुम ने उस की हत्या क्यों कर दी?’’

”सर, वह बहुत हठी थी. मैं ने उसे फ्लैट खरीदने को 7 लाख रुपया दिया था. वह फ्लैट की किस्त के लिए मुझे टार्चर करती थी, वह मुझ पर शादी करने का दबाव भी बना रही थी. इन बातों से मैं परेशान हो गया, मैं ने रुखसार से पीछा छुड़ाने के लिए उस का गला घोंट दिया, जिस से उस की मौत हो गई.’’ विपुल ने बताया, ”सर, मैं उस से शादी नहीं करना चाहता था. मैं ने उसे समझाया कि जैसा चल रहा है चलने दो, लेकिन वह नहीं मानी. मुझे धमकी देने लगी कि शादी नहीं करोगे और फ्लैट की किस्त नहीं दोगे तो मैं तुम्हें रेप केस में फंसा दूंगी.’’

3 अप्रैल, 2024 को भी उस ने ऐसी ही धमकी दी तो मैं गुस्से में आ गया. मैं ने उसे लातघूंसों से मारा, फिर उस का गला घोंट दिया. उस समय वह शराब के नशे में थी. मैं लाश को छिपाना चाहता था. रुखसार की लाश को मैं जैसेतैसे अलमारी में ठूंस पाया. अलमारी बंद नहीं हुई तो उसे वैसे ही छोड़ दिया. फ्लैट का ताला बंद कर के मैं वहां से अपनी कार द्वारा निकल भागा. विपुल टेलर इसे पहला अपराध बता रहा था, किंतु उसे सूरत तलाश करने गई टीम ने उस का काला चिट्ठा खोला तो वहां उपस्थित सभी लोग हैरान रह गए.

सूरत पहुंची टीम ने किसी तरह विपुल टेलर का घर ए-3/1301,स्वास्तिक रेजिडेंसी, जीडी गोयनका स्कूल को ढूंढ निकाला. लेकिन जब पुलिस टीम विपुल के पिता मनीष अरुण चंद्र टेलर से मिली तो पता चला कि विपुल हिस्ट्रीशीटर है. उस पर 10 केस पहले से चल रहे हैं. अदालत ने उसे तड़ीपार कर दिया है. जांच टीम ने वहां के क्षेत्रीय थाने में जब विपुल की बाबत पूछताछ की तो मालूम हुआ कि विपुल टेलर पढ़ालिखा युवक है, उस के पिता का प्रौपर्टी डीलर का अच्छा कारोबार है. बेटे को पढ़ाने के लिए उन्होंने उसे आस्ट्रेलिया के सिडनी शहर भेजा था, लेकिन विपुल का वहां मन नहीं लगा और वह भारत लौट आया. 

2016 में एक धमकी के मामले में उसे और उस के पिता पर केस दर्ज हुआ था. दोनों जेल भी गए. फिर विपुल जमानत पर बाहर आ गया. इस के बाद वह ड्रग्स और हथियारों की तसकरी करने लगा. उस ने अपना नेटवर्क गुजरात से दिल्ली तक फैला लिया. जांच टीम ने विपुल की प्रेमिका रुखसार के विषय में भी चौंकाने वाला खुलासा किया. पता चला कि रुखसार स्पा सेंटर की आड़ में देह व्यापार का धंधा चलाती थी. उसे इस मामले में पुलिस ने 3 बार गिरफ्तार किया था और जेल भेजा था.

रुखसार ने क्या किया, क्या नहीं किया, यह कहानी उस की हत्या के साथ ही समाप्त हो गई. लेकिन उस का हत्यारा विपुल टेलर पुलिस की गिरफ्त में था. उसे जांच टीम ने दूसरे दिन अदालत में पेश किया और जेल भेज दिया.

—कथा पुलिस सूत्रों पर आधारित