डायरेक्टर: रूचिका ओबेराय, रीमा कागती
लेखक: रीमा कागती
स्क्रीन राइटर: रितेश शाह, मानसी जैन, सुनयना कुमारी, करण शाह, चैतन्य चोपड़ा, सुमित अरोड़ा
प्रोड्यूसर: फरहान अख्तर, रीमा कागती, जोया अख्तर, रितेश सिंघवानी
कलाकार: सोनाक्षी सिन्हा, विजय वर्मा, गुलशन देवैया, सोहम शाह
दहाड़ वेब सीरीज की कहानी राजस्थान के मंडावा में लगातार हो रही हत्याओं के इर्दगिर्द रही है. अंजलि भाटी (सोनाक्षी सिन्हा) इन हत्याओं की जांच करती हैं. इस में सब से अनोखी बात यह है कि कातिल हत्याओं को सार्वजनिक शौचालय में अंजाम देता है. शुरुआत में ऐसा लगता है कि घटना आत्महत्या है, लेकिन एक के बाद एक मिल रही लाशें इसे सीरियल किलिंग का सबूत देती हैं.
‘दहाड़’ वेब सीरीज एक सच्ची कहानी है. फिल्म में विजय वर्मा का किरदार आनंद स्वर्णकार ने निभाया है, जो एक महिला कालेज में प्रोफेसर है. वह वास्तविक जीवन में सीरियल किलर मोहन कुमार से प्रेरित है, जिसे साइनाइड मोहन के नाम से भी जाना जाता है. साइनाइड मोहन पर 2003 से 2009 तक कर्नाटक में 20 महिलाओं की हत्या का आरोप है.
प्राइम वीडियो की वेब सीरीज ‘दहाड़’ में अभिनेत्री सोनाक्षी सिन्हा अंजलि भाटी एक दरोगा बनी है. केस है उस के पास एक लापता लड़की के मामले की जांच का. कहानी में आगे पता चलता है कि आसपास के तमाम जिलों की दरजनों लड़कियां लापता हैं.
सीरीज में विजय वर्मा विलेन के किरदार में है. इस सीरीज की कहानी एक असल घटना पर आधारित है. और विजय वर्मा ने जिस अपराधी का किरदार निभाया है, वह भी एक स्कूल में टीचर ही था. चलिए हम आप को बताते हैं इस खूंखार कातिल के बारे में.
मोहन कुमार एक 57 वर्षीय हिंदी विषय का अध्यापक था, जो कर्नाटक के मंगलोर में रहता था. ज्यादातर वहीं आसपास की लड़कियों को वह टारगेट करता था. मोहन 25 से 30 वर्ष की महिलाएं, जो अविवाहित होती थीं, उन को ही निशाना बनाता था.
मोहन उन लड़कियों से संपर्क करता था, उन से दोस्ती करता था और फिर उन्हें शारीरिक संबंध बनाने के लिए फंसाता था. फिर वह उन्हें गर्भधारण से बचने के लिए गर्भनिरोधक गोली लेने के लिए कहता था. वह गोलियों में पोटैशियम साइनाइड मिला देता था. यानी गोली के जरिए वह महिलाओं को मार देता था.
उस ने पुलिस और किसी भी संदेह से बचने के लिए महिलाओं से सार्वजनिक शौचालय में गोलियां लेने के लिए कहा. वह महिलाओं को इन गोलियों को शौचालय के अंदर लेने के लिए कहता था, क्योंकि गोली लेने के बाद उल्टी होने की संभावना रहती थी.
पीड़िता की मौत के बाद वह उन के आभूषण लूट कर भाग जाता था. इन महिलाओं के लिए मोहन की अनूठी पेशकश यह थी कि वह दहेज मांगे बिना उन से शादी करेगा. उस की यह रणनीति उन महिलाओं पर काम करती थी, जो युवा और अविवाहित थीं क्योंकि उन के मातापिता दहेज का खर्च उठाने में सक्षम नहीं थे. महिलाओं को ठिकाने लगाने के लिए साइनाइड के इस्तेमाल के कारण मोहन कुमार को साइनाइड मोहन के नाम से जाना जाने लगा.
‘दहाड़’ में विजय वर्मा का चरित्र युवा अविवाहित महिलाओं को निशाना बनाने, होटल में एक रात बिताने और उन्हें साइनाइडयुक्त जहर देने की उसी पद्धति का पालन करता है, जिस से उन की मृत्यु हो जाती है.
पुलिस 2009 में एक लापता लड़की अनीता (22 वर्ष) के मामले की जांच कर रही थी और उस के फोन काल के आधार पर पुलिस जो कुछ जानकारी हासिल करना चाहती थी, उस से कहीं अधिक पुलिस को जानकारी मिल गई.
अनीता के फोन रिकौर्ड से पता चला कि वह एक अन्य लड़की कावेरी के संपर्क में थी, लेकिन कावेरी भी गायब थी. इस से पुलिस को उस व्यक्ति का पता चल गया जो उस लड़की का सेलफोन इस्तेमाल कर रहा था. यह वह व्यक्ति था, जो पुलिस को कर्नाटक में मंगलोर के पास एक गांव में मोहन कुमार के घर तक ले गया था.
पुलिस को मोहन कुमार के पास से 8 साइनाइड टैबलेट, 4 मोबाइल फोन और अनीता के आभूषण मिले. पुलिस ने मोहन को हिरासत में लिया. उस की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने उस पर न केवल अनीता के साथ बलात्कार और हत्या का आरोप लगाया, बल्कि 17 लापता लड़कियों के मामलों को फिर से खोलने का फैसला किया.
2009 में मोहन कुमार की गिरफ्तारी के बाद उस पर 2 साल तक मुकदमा चलाया गया और 2013 में उसे अनीता की हत्या के लिए दोषी ठहराया गया और फांसी की सजा सुनाई गई. लेकिन कर्नाटक उच्च न्यायालय ने 2017 में उस की मौत की सजा को घटा कर आजीवन कारावास में बदल दिया.
फिलहाल मोहन हत्या के 15 मामलों में बेलगावी के हिंडाल्गा सेंट्रल जेल में उम्रकैद की सजा भुगत रहा है. यह सत्य घटना कर्नाटक की है, मगर ‘दहाड़’ वेब सीरीज में इन घटनाओं को मंडावा के आसपास के जिलों यानी राजस्थान की दिखाया गया है.
पता नहीं वेब सीरीज बनाने वालों को क्या पागल कुत्ते ने काटा था जो कर्नाटक की सत्यघटना को राजस्थान में फिल्माया. जोया अख्तर और रीमा कागती के प्रोडक्शन में बनी वेब सीरीज ‘दहाड़’ के जरिए सोनाक्षी सिन्हा ने ओटीटी पर एंट्री की है. 8 एपिसोड की इस वेब सीरीज में सीरियल किलर के अवतार में विजय वर्मा को लिया है. सोनाक्षी सिन्हा इस सीरीज में ‘लेडी सिंघम’ यानी पुलिस वाली के किरदार में नजर आई है.
इस वेब सीरीज में एक सीरियल किलर की कहानी है, जो लड़कियों को मार रहा है. किलर के अवतार में नजर आए हैं एक्टर विजय वर्मा. वेब सीरीज में राजस्थान के मंडावा की कहानी दिखाई है, जहां एक भाई अपनी बहन के लापता होने की रिपोर्ट लिखाने मंडावा थाने आता है. इसी बीच एक लव जिहाद का मामला भी सामने आया है, क्योंकि ठाकुरों की लड़की मुसलिम लड़के के साथ भाग जाती है.
पुलिस इस लड़की को ढूंढना शुरू करती है और उसी लड़की को ढूंढतेढूंढते पुलिस को पता चलता है कि ऐसी एकदो नहीं, बल्कि कई लड़कियां अपनेअपने घरों से भागी हैं और बाद में इन के साइनाइड खा कर सुसाइड करने की खबर सामने आती है.
कुल 29 लड़कियों की सेम पैटर्न में मौत हुई है और धीरेधीरे पता चलता है कि ये सुसाइड नहीं, बल्कि सीरियल किलिंग का मामला है. इन सारे मामलों की छानबीन कर रही है मंडावा पुलिस थाने की एसआई अंजलि भाटी (सोनाक्षी सिन्हा). उस का साथी पारगी (सोहम शाह) उन्हें ज्यादा पसंद नहीं करता, जबकि अंजलि पर एसएचओ देवीलाल सिंह (गुलशन देवैया) थोड़ा सौफ्ट कौर्नर रखता है, इसलिए सारे जरूरी केस उसे ही देता है.
इस वेब सीरीज का हर एपिसोड लगभग 55-56 मिनट का है. शुरुआत से 2 एपिसोड में लगता है कि मामला हिंदू मुसलिम लव ऐंगल और लव जिहाद वाले ऐंगल को टटोल रहा है, लेकिन तीसरे एपिसोड से कहानी का पूरा रुख सीरियल किलर की तरफ मुड़ जाता है. लव जिहाद और सीरियल किलिंग के इस मामले में बीचबीच में जाति व्यवस्था की भी बातें सामने आई हैं.