नई नवेली दीपा ने सौतेले बेटे संग रची साजिश – भाग 3

दीपा को पता चल गया था कि बच्चे जयदेव सिंह से नफरत करते हैं, जबकि वह बच्चों पर अपना प्रेम लुटाती है. इस कारण ही वह उस के साथ भी गलत व्यवहार करता है. फिर भी उस ने बच्चों का खयाल रखने में कोई कमी नहीं आने दी. उन के लिए मनपसंद खाना बनाना, स्कूल को तैयार करना, उन के कपड़े धोना, घर की साफसफाई करना, उस की दिनचर्या में शामिल हो गया था. बच्चे भी दीपा से बहुत प्यार करने लगे थे.

दीपा के साथ दूसरी समस्या यह थी कि जयदेव उसे ले कर गलत धारणा रखता है. वह पत्नी पर शक करता था. वह उस पर बड़े बेटे के साथ अवैध संबंध होने का आरोप लगा चुका था. इस आरोप से दीपा और हरनाम सिंह दोनों दुखी हो गए थे. जयदेव उन की बातें सुनने को राजी नहीं था. इस कारण ही दीपा की पिटाई कर देता था. उस के दिमाग में शक का कीड़ा कुलबुलाता रहता था कि दीपा के उस के बड़े बेटे के साथ अवैध संबंध हैं.

शक होने पर लगवाए सीसीटीवी कैमरे

इस कारण ही जयदेव ने अपने घर पर सीसीटीवी कैमरे लगवा लिए थे और उन्हें अपने मोबाइल फोन से जोड़ लिया था. जब वह ड्यूटी पर होता था, तब वह बीचबीच में अपने घर की गतिविधियों पर एक नजर मार लेता था. इस की खबर दीपा के बड़े भाई नीशू सिंह को मिली, तब वह अपने बहनोई के प्रति काफी आगबबूला हो गया. उस के बाद ही उस ने बहन के बचाव के लिए कुछ करने कसम खाई.

बात इसी साल अप्रैल महीने के पहले सप्ताह की है. जयदेव अपनी कीमती जमीन बेचने की योजना बना रहा था, दीपा उस का विरोध कर रही थी. यहां तक कि बच्चे भी नहीं चाहते थे कि जमीन बिके. बच्चों को पता था कि वह सब खेती की जमीन थी. वहीं से साल भर का अनाज आता था. बाजार से चावल, गेहूं और दाल का एक दाना नहीं खरीदा जाता था. अगर जमीन बिक गई तो वह सब नहीं आएगा.

हरनाम सिंह को यह मालूम था कि उस का बाप जमीन बेच कर सारे पैसे शराब में उड़ा देगा. दीपा के भाई नीशू ने जयदेव को ऐसा करने से रोकने के लिए मिल कर एक योजना बनाई. इस में दीपा और दोनों बेटों हरनाम व हरमिंदर सिंह को भी शामिल कर लिया.

घटना से 14 दिन पहले घर के सभी लोग एकदम शांत हो कर रहने लगे. जयदेव को पता चल गया कि जब वह ड्यूटी पर होता था, तब कुछ समय के लिए कैमरे बंद रहते हैं. उसे बच्चों और दीपा ने एहसास करवा दिया कि वह नाहक ही अपने बेटे और पत्नी पर शक कर रहा है.

दीपा ने हरनाम से कहा कि क्यों न जयदेव को ही खत्म कर दिया जाए. आज नहीं तो कल यह जमीनजायदाद बेच डालेगा और वे गरीब हो जाएंगे. जयदेव के मरने के बाद उस के बदले में बेटे या दीपा को जयदेव की जगह कोई नौकरी मिल जाएगी. उस के मरने पर जो पैसा मिलेगा, वह बाकी बच्चों के भविष्य के लिए काम आएगा. छोटी बेटी जासमीन की शादी के लिए भी फिक्स्ड डिपाजिट करवा दिया जाएगा.

सौतेले बेटे के साथ की पति की हत्या

योजना के अनुसार 5 मई, 2023 की शाम 6 बजे कांठ तहसील से जयदेव सिंह रोजाना की भांति अपने घर शराब पी कर आया था. घर आते ही उस ने फिर शराब पी. दीपा को जल्द खाना लगाने के लिए बोला. दीपा ने खाना लगा दिया. खाना खा कर जयदेव सो गया, तब दीपा का भाई नीशू सिंह, हरनाम सिंह रात होने का इंतजार करने लगे.  नीशू सिंह अपने साथ एक देशी तमंचा भी ले कर आया था. हालांकि उस के कारतूस नहीं होने के कारण उस का इस्तेमाल नहीं हो सका था. चारों ने मिल कर एक मोटे डंडे का इंतजाम किया.

5 मई की रात लगभग डेढ़ बजे वे नीचे आ गए. नीशू के हाथ में डंडा था. जयदेव ग्राउंड फ्लोर पर गहरी नींद में सो रहा था. दीपा का इशारा मिलते ही नीशू सिंह ने जयदेव सिर पर डंडे से हमला कर दिया. जयदेव करवट लिए सो रहा था. डंडे के हमले से जयदेव का सिर फट गया, लेकिन वह मरा नहीं था. यह देख कर दीपा और छोटे बेटे ने जयदेव के पैर पकड़ लिए. दूसरी तरफ नीशू और हरनाम ने डंडे को गरदन पर रख कर पूरी ताकत से दबा दिया.

थोड़ी देर में ही जयदेव के प्राणपखेरू उड़ गए. पति की हत्या के बाद ही दीपा ने योजना के अनुसार बाहर आ कर शोर मचाना शुरू कर दिया था.

आरोपी दीपा कौर के बयान के आधार पर पुलिस ने दीपा के साथ भाई नीशू, दोनों बेटों हरनाम सिंह व हरमिंदर सिंह से विस्तार से पूछताछ कर दीपा व उस के भाई नीशू को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश कर दिया. उन्हें 7 मई को मुरादाबाद की जिला कारागार भेज दिया गया. नाबालिग हरनाम व हरमिंदर को बाल सुरक्षा गृह भेज दिया गया.

नई नवेली दीपा ने सौतेले बेटे संग रची साजिश – भाग 2

पत्नी दीपा कौर पर हुआ शक

जांच करने वाली टीम को यह बात गले नहीं उतर रही थी कि 5-6 मई की रात को जयदेव की हत्या हुई थी, उस दौरान घर में लगे सीसीटीवी कैमरे क्यों बंद थे? टीम इस जांच में लग गई कि कैमरे किस ने बंद किए? उन्हें सुबह 6 बजे किस ने खोला? इस बारे में भदौरिया ने दीपा से भी सवाल किया. उस से सख्ती से पूछा कि कहीं उसी ने कैमरे तो बंद नहीं किए, इस के पीछे उस की क्या मंशा थी?

पुलिस की सख्ती के सामने दीपा कौर सकपका गई. उस का चेहरा सफेद पड़ गया. वह घबरा गई थी. उस की घबराहट को भांपते हुए भदौरिया ने सीधे लहजे में सवाल किया कि वह सब कुछ सचसच बताए, वरना उस की खैर नहीं. उस पर ही जयदेव सिंह की हत्या का आरोप लग सकता है. उसे जेल हो सकती है. कड़ी सजा मिल सकती है. इस के बाद उस से आगे की पूछताछ के लिए महिला कांस्टेबल के हवाले कर दिया.

जैसे ही महिला सिपाही ने दीपा से दोगुनी उम्र के जयदेव से शादी करने का सवाल किया तो वह और भी परेशान हो गई. शादी के सवाल के जवाब में उस ने जयदेव का सरकारी कर्मचारी होना कारण बताया. जब उस के पतिपत्नी के संबंध और बच्चों वाले परिवार में एडजस्ट करने के बारे में पूछा गया, तब वह बिफर गई. पूछताछ के क्रम में उस ने बोल दिया कि जयदेव शराब के नशे में उस की बातबात पर पिटाई करता था.

पति द्वारा दीपा को पीटे जाने की जानकारी मिलते ही एसपी (सिटी) भदौरिया दीपा से पूछताछ करने लगे. आखिरकार दीपा हत्याकांड से संबंधित पूरा मामला बताने के लिए तैयार हो गई. उस ने पति की हत्या का जुर्म स्वीकार कर लिया. उस के बाद उस ने शराबी पति की हत्या की जो कहानी सुनाई, उस में उस का भाई और सौतेले बेटों का भी नाम शामिल हो गया. उस की पूरी कहानी इस प्रकार निकली-

जयदेव सिंह मूलरूप से उत्तर प्रदेश के जिला संभल के गांव मडावली रसूलपुर का रहने वाला था. करिअर बनाने की शुरुआत उस ने मुरादाबाद के टैक्सी स्टैंड से की थी. वह साल 2006 में खन्ना ट्रेवल्स की टैक्सी चलाता था. इस के लिए उस ने एक एंबेसडर कार यूपी-21-9494 किराए पर ले रखी थी. बाद में उस की नौकरी संविदा ड्राइवर के तौर पर मुरादाबाद नगर निगम में लग गई.

बाद में वह यूपी के मुरादाबाद के जिलाधिकारी के यहां काम पर लग गया. वहां उस के आचरण को देखते हुए नौकरी स्थाई हो गई. हत्या के समय उस की पोस्टिंग मुरादाबाद की कांठ तहसील के एसडीएम प्रशासन जगमोहन गुप्ता के ड्राइवर के तौर पर थी.

जयदेव ने 23 साल छोटी दीपा कौर से की दूसरी शादी

उस की शादी 18 साल पहले पुष्पा कौर से हुई थी. उस से वह 3 बच्चों का पिता बन गया था. बड़े बेटे का नाम हरनाम सिंह 17 साल, उस से छोटा हरमिंदर सिंह 14 साल और सब से छोटी बेटी जासमीन 10 साल की है. पिछले साल पुष्पा का निधन हो गया था. दरअसल, वह बीते कुछ सालों से दिल की बीमारी से ग्रसित थी. इस के चलते हार्ट अटैक के कारण 25 जुलाई, 2022 को उस की मृत्यु हो गई थी.

अपनी मां की मौत का बच्चों पर काफी गहरा असर हुआ था. बेटा तो इस कारण अपने पिता से ही नाराज हो गया था. उस की शिकायत थी कि पिता ने मां के इलाज में अनदेखी की और वह उन की वजह से ही मर गई. पुष्पा के निधन के कुछ समय बाद ही जयदेव सिंह ने दूसरी शादी की तैयारी शुरू कर दी थी. उस ने दीपा को पसंद किया था, जिस की उम्र मात्र 22 साल थी, जबकि जयदेव सिंह 45 साल का अधेड़ था.

दीपा और उस के परिवार वाले यह जानते थे कि जयदेव सिंह अधेड़ उम्र का बालबच्चे वाला है, इस के बावजूद भी उन्होंने उस से शादी के लिए हामी भर दी. कारण उस की सरकारी नौकरी का होना था. शादी के कुछ दिनों तक तो सब कुछ ठीकठाक चला, उस के बाद दीपा को उस का असली रूप नजर आने लगा. वह एक नंबर का शराबी था और नईनवेली दुलहन को किसी गैरमर्द से बात करना उसे जरा भी पसंद नहीं था. यहां तक कि उस का जवान बेटे से बात करना भी पसंद नहीं था.

इसे ले कर वह उस से काफी नाराज हो जाता था. डांट दिया करता था. यहां तक कि जब वह शराब के नशे में होता था, तब उस की जम कर पिटाई भी कर देता था. एक दिन उस ने बच्चों के सामने ही उस की बेरहमी से पिटाई कर दी थी. वह अपने कमरे में बैठी आंसू बहा रही थी, तभी बच्चों ने आ कर उसे ढांढस बंधाया. उन से उसे हिम्मत मिली और फिर बच्चों के प्रति उस का प्रेम उमड़ आया. वह उन का विशेष खयाल रखने लगी. उन की पसंद का नाश्ता और उन की पसंद का खाना पका कर खिलाने लगी.

बच्चों से दीपा की बढ़ती नजदीकी भी जयदेव को अच्छी नहीं लगती थी. वह चाहता था कि वह जब तक घर में रहे, दीपा उस की बांहों में पड़ी रहे. जबकि दीपा बच्चों के घर में रहने और उन की जरूरतों को पूरा करने को ले कर ऐसा नहीं कर पाती थी.

सौतेले बेटे से हो गया लगाव

एक दिन किसी बात को ले कर जयदेव दीपा की पिटाई कर रहा था, तब बड़े बेटे हरनाम ने उसे आ कर बचाया और पिता को ही डांटते हुए बोला, “अब इसे भी मार डालोगे क्या, एक को तो मार ही चुके हो.”

वह दीपा को अपने पिता से छुड़ा कर कमरे में ले गया. उस के जख्मों का खून साफ कर उस पर दवाई लगाने लगा. दीपा हरनाम के इस व्यवहार से काफी प्रभावित हो गई. सौतेले बेटे से लिपट कर रोने लगी. निहाल भी मां से गले मिल कर रोने लगा.

तभी जयदेव वहां आ गया. उस ने बेटे को दीपा से गले मिलते देखा तो वह और भी आगबबूला हो गया. जयदेव ने उस की भी पिटाई कर दी. पिटने के बाद हरनाम सिंह गुस्से में रुद्रपुर चला गया. उस के जाने के बाद दीपा को दूसरे बच्चों से मालूम हुआ कि जयदीप उस की मां के साथ भी ऐसा ही बर्ताव करता था.

हरनाम सिंह के रुद्रपुर जाने के बाद दीपा ने फोन पर बात की. उस ने पुष्पा की मौत के बारे में पूछा. उस ने बताया कि घर पर ग्लूकोज चढ़ाए जाने के समय उस ने ग्लूकोज की बोतल में शराब का इंजेक्शन दे दिया था. उस के बाद उस की मां की हालत और भी खराब हो गई थी.

                                                                                                                                         क्रमशः

नई नवेली दीपा ने सौतेले बेटे संग रची साजिश – भाग 1

मुरादाबाद हो कर दिल्ली जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग-24 से करीब डेढ़ किलोमीटर अंदर कांठ तहसील स्थित खुशहालपुर की बैंक कालोनी में 5 मई की रात 11 बजे के बाद चहलपहल कम हो गई थी. इक्कादुक्का लोगों का ही आवागमन था. इस संभ्रांतकालोनी में ज्यादातर सरकारी कर्मचारियों और रिटायर्ड लोगों के मकान हैं. उन्हीं में एसडीएम के ड्राइवर जयदेव सिंह का भी 2 मंजिला मकान है.

इस कालोनी में सुरक्षा के लिए सभी जगह सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, यहां तक कि लोगों ने अपनेअपने घरों में भी सीसीटीवी कैमरे लगा रखे हैं और उसे मोबाइल से कनेक्ट कर रखा है. उस के जरिए दूर रह कर भी लोग अपनेअपने घरों पर नजर रखते हैं. फिर भी रात के वक्त कालोनी की चौकसी गार्ड को सौंपी हुई है.

5 मई की रात को 12 बजे के करीब कालोनी में गश्त लगाता हुआ सुरक्षा गार्ड जब जयदेव सिंह के मकान के आगे से गुजरा तब मेन गेट खुला देख कर भुनभुनाने लगा, “लोग कितने बेफिक्र हो गए हैं, सीसीटीवी कैमरा लगा लेने का मतलब यह तो नहीं कि घर का मेन गेट ही खुला छोड़ दो.”

इसी के साथ उस ने लोहे के गेट को 3-4 बार डंडे से पीटा. आवाज लगाई, “अरे कोई है घर में? मेन गेट अंदर से बंद कर लो, रात हो चुकी है.”

यह कहता हुआ गार्ड थोड़ी देर वहीं रुका रहा. भीतर से जब कोई आवाज नहीं आई, तब उस ने दोबारा गेट पर 3-4 बार डंडे मारे. पहले से तेज आवाज सुन कर थोड़ी दूरी पर लेटा कुत्ता भौंकने लगा.

“तू क्यों भौंक रहा है?” गार्ड उस की ओर मुंह कर वहीं जमीन पर डंडा पीटता हुआ बोला.

इसी बीच जयदेव सिंह के मकान के भीतर से आवाज आई, “आती हूं… क्या बताऊं, मैं आज गेट बंद करना ही भूल गई थी.”

कुछ सेकेंड में गेट बंद करने आई युवती को गार्ड ने हिदायत दी, “आप यहां नईनई आई हो… गेट अंदर से हमेशा बंद रखा करो… आवारा कुत्ते भीतर घर में भी घुस जाते हैं.”

“जी गार्ड अंकल,” कहती हुई युवती ने भीतर से मेन गेट की सांकल लगा ली और घर के भीतर चली गई. युवती जयदेव सिंह की दूसरी पत्नी दीपा थी, जो पिछले साल उस की पहली पत्नी के हार्ट अटैक से मृत्यु के बाद ब्याह कर आई थी.

घर में जयदेव सिंह के 3 बच्चे भी हैं, लेकिन उन में 17 साल का बड़ा बेटा हरनाम सिंह साथ में नहीं रहता था. वह पढ़ाई के सिलसिले में रुद्रपुर में अपने बड़े चाचा कृष्णपाल के साथ रहता है. पिता से उस की नहीं बनती थी, लेकिन बीचबीच में घर आताजाता रहता है. 2 बच्चों बेटा हरमिंदर व बेटी जासमीन और पति के साथ दीपा घर में रहती थी. वह एक हाउसवाइफ है.

जयदेव सिंह के मकान का गेट बंद हो जाने के बाद गार्ड कालोनी में दूसरे मकानों की निगरानी के लिए आगे बढ़ गया. चहलकदमी करता हुआ वह बीचबीच में जमीन पर डंडे भी पीट देता था. अभी कुछ दूर ही गया होगा कि जयदेव सिंह के मकान से चीखपुकार की आवाजें आने लगीं…

जयदेव का हो गया मर्डर

“मार डाला… मार डाला, मेरे पति को मार डाला… कोई बचाओ! जल्दी अस्पताल ले चलो…” चीखनेचिल्लाने की यह आवाज दीपा की थी. वह चीखती हुई बेतहाशा अपने घर से बाहर सडक़ पर आ चुकी थी. तब तक गार्ड भी उस के पास पहुंच गया था.  पूछने लगा,

“क्या हुआ? किसे मारा? किस ने मारा… ड्राइवर साहब को क्या हुआ?”

शोरगुल सुन कर जयदेव सिंह के दोनों बच्चे भी पहली मंजिल से नीचे भागेभागे आए. आसपास के घरों के कुछ लोग भी निकल आए. दीपा रोती हुई बोली कि किसी ने उस के पति को मार डाला है और वह अपने कमरे में बैड पर बुरी तरह से घायल पड़ा है. कुछ लोग कमरे में गए. वहां जयदेव सिंह खून से लथपथ बेजान पड़ा था.

गार्ड उस की नाक के आगे हथेली ले गया. उस के सांस की गति चैक की. किसी से कुछ बोले बगैर उस ने मझोला थाने में फोन कर इस वारदात की सूचना पुलिस को दे दी. गार्ड के चेहरे के भाव से वहां मौजूद लोग समझ गए कि जयदेव की मौत हो चुकी है.

घर मे कोहराम मच गया. बच्चे और दीपा का रोरो कर बुरा हाल था. उस की एक साल पहले ही शादी हुई थी. दीपा की हालत विक्षिप्तों जैसी हो गई थी. बच्चे उसे पकड़ कर रो रहे थे. गमगीन माहौल को देख कर उपस्थित हर कोई हैरान था. वे स्तब्ध हो गए थे. कुछ लोग भावुकता से दीपा और बच्चों को सांत्वना देने की कोशिश कर रहे थे.

जयदेव सिंह के मर्डर की सूचना पा कर मझोला थाने के एसएचओ विप्लव शर्मा कुछ मिनटों में ही घटनास्थल पर पहुंच गए थे. जांचपड़ताल शुरू करने से पहले उन्होंने घटना की सूचना अपने उच्चाधिकारियों को दे दी. सूचना मिलते ही मुरादाबाद के एसएसपी हेमराज मीणा, एसपी (सिटी) अखिलेश भदौरिया, सीओ (सिविल लाइंस) भी घटनास्थल पर पहुंच गए. उन्होंने घटनास्थल का निरीक्षण किया.

घटना की जानकारी पाते ही जयदेव का बड़ा बेटा हरनाम सिंह भी रुद्रपुर से घर आ गया. हरनाम सिंह रुद्रपुर में अपने बड़े चाचा कृष्णपाल सिंह के पास रहता था. वह भी भतीजे के साथ आए. उन्होंने ही अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करवा दिया. पुलिस जांच टीम के साथ आई फोरैंसिक टीम ने भी जयदेव को मृत घोषित कर दिया और लाश को पोस्टमार्टम के लिए भेज दी.

सीसीटीवी कैमरे मिले बंद

मुरादाबाद के एसपी (सिटी) अखिलेश भदौरिया को एसडीएम के ड्राइवर की हत्या के इस केस का जल्द से जल्द खुलासा करने के निर्देश जारी किए. जांच की जिम्मेदारी एसएसपी हेमराज मीणा ने उन्हें दी. उन्होंने जांच के शुरुआती दौर में ही अनुमान लगा लिया था कि जयदेव हत्याकांड का राज घर में है. घर के सदस्यों से गहन पूछताछ कर के सफलता मिल सकती है.

अखिलेश भदौरिया ने अपने नेतृत्व में एक टीम का गठन किया, जिस में एसएचओ विप्लव शर्मा और सीओ (सिविल लाइंस) समेत अर्पित कपूर आदि को शामिल किया गया. पूछताछ की शुरुआत जयदेव सिंह की पत्नी दीपा से हुई. इसी बीच पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी आ गई.

रिपोर्ट के अनुसार सोते हुए में जयदेव के सिर पर किसी भारी वस्तु से हमला किया जाना बताया गया. हमले से ही जयदेव के सिर की हड्ïडी टूट गई थी. सिर से काफी मात्रा में खून बह गया था, जिस कारण जयदेव सिंह की दम घुटने से मौत हो गई थी.

भदौरिया ने दीपा से पहला सवाल यही किया कि जयदेव की किसी के साथ दुश्मनी तो नहीं थी? इस के जवाब में दीपा ने जयदेव के भाइयों का नाम लिया. साथ ही बताया कि उन से पति का जमीन को ले कर विवाद चल रहा है. पति की महंगी जमीन हड़पना चाहते हैं. एक तरह से दीपा ने जयदेव की हत्या का आरोप सीधे जयदेव के भाइयों पर ही मढ़ दिया. इसी के साथ दीपा ने पासपड़ोस या उन के जानपहचान वालों में किसी से कोई दुश्मनी नहीं होने का दावा किया.

पूछताछ के बाद जांच की अगली कड़ी सीसीटीवी कैमरे की थी. जांच टीम ने घर में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज निकलवाई. जांच टीम तब चौंक गई, जब पाया कि घटना वाले दिन घर में लगे सीसीटीवी कैमरे 5 मई, 2023 की शाम 8 बजे से ही बंद थे. उस दिन जयदेव शाम 6 बजे ही अपने घर आ गया था. दीपा के मुताबिक वह खाना खा कर सो गया था. कैमरे अगले रोज 6 मई की सुबह खुले. हत्याकांड के जांच की सूई घटना के समय बंद कैमरे के कारण और समय पर अटक गई.

                                                                                                                                 क्रमशः

बालम की सेज पर नौकर का धमाल

बालम की सेज पर नौकर का धमाल – भाग 3

शैलेष भी सीमा से हेमंत की तारीफों के पुल बांधता. ढाबे में काम करते हुए हेमंत की नजदीकियां सीमा से बढ़ गईं और वे दोनों एकदूसरे से प्यार करने लगे. शैलेष जब भी घर से बाहर जाता तो हेमंत और सीमा को मौका मिल जाता और वे अपनी हसरतें पूरी करने लगे.

2022 के नवंबर महीने में शैलेष ने अपने ढाबे पर काम करने वाले हेमंत बावरिया और अपनी पत्नी सीमा को आपत्तिजनक स्थिति में देख लिया था. तभी से शैलेष सीमा से हेमंत को ढाबे से निकालने को बोल रहा था. लेकिन सीमा की जिद के आगे वह मजबूर था. इसी वजह से आए दिन शैलेष शराब के नशे में सीमा से विवाद करने लगा. एक दिन गुस्से में आ कर शैलेष ने सीमा से कहा,

‘‘तुम हेमंत को ढाबे से निकाल दो, नहीं तो मैं अपने घर वालों से बोल कर तुम्हारे नाजायज संबंधों का भांडा फोड़ दूंगा.’’

इस पर सीमा ने भी दोटूक कह दिया, ‘‘मैं तुम्हें छोड़ सकती हूं,मगर हेमंत को नहीं.’’

शैलेष खून का घूंट पी कर रह गया था. उसे समझ नहीं आ रहा था कि वह क्या करे. समाज में बदनामी के डर से वह मौन था. उसे अपनी बेटी के भविष्य की चिंता भी खाए जा रही थी.

पति था पत्नी के प्यार में कांटा…

अवैध संबंध की जानकारी परिवार के लोगों को बताने की बात पर सीमा तथा हेमंत बावारिया ने जबरदस्ती शैलेष साकरे को नशामुक्ति केंद्र इटारसी में 6 माह के लिए भेज दिया. परिवार के लोगों के पूछने पर सीमा ने बताया कि शैलेष नशे की लत के कारण आए दिन झगड़ा करता है. कुछ माह वहां रहेगा तो उस की यह लत छूट जाएगी.

शैलेष के जाने के बाद से सीमा तथा हेमंत मिलन ढाबे के कमरे में एक साथ रहने लगे थे. शैलेष की बेटी सारणी के 9वीं क्लास में पढ़ती थी, उसे हेमंत का अपने कमरे में मम्मी के साथ रहना पसंद नहीं आ रहा था. जब वह इस बात का विरोध करती तो सीमा उसे समझाबुझा कर शांत कर देती. शैलेष की बेटी ज्यादा दिनों तक यह बरदाश्त नहीं कर सकी और आखिर वह पापा को घर लाने की जिद कर बैठी.

बेटी के जिद करने पर सीमा एवं हेमंत ने करीब 10-15 दिन बाद ही शैलेष साकरे को नशामुक्ति केंद्र से वापस रेस्टोरेंट ले आए. इस के बाद शैलेष सीमा और हेमंत पर पैनी निगाह रखने लगा था, जिस की वजह से दोनों प्रेमी मिल नहीं पा रहे थे. दोनों की तड़प बढ़ती जा रही थी और शैलेष मिलन की राह में रोड़ा बना हुआ था.

10 जनवरी, 2023 की बात है. रात 2 बजे सीमा साकरे अपने कमरे से निकल कर कंबल ले कर हेमंत बावरिया को रेस्टोरेंट में देने चली गई. काफी देर तक वापस नहीं आने के कारण शैलेष तथा उस की बेटी ने जा कर देखा तो सीमा तथा हेमंत ढाबे के एक कमरे में एक ही बिस्तर पर आपत्तिजनक हालत में मिले.

हत्या कर ढाबे में लगा दी आग…

यह देख कर शैलेष का खून खौल उठा. वह गुस्से में उसे मारने के लिए दौड़ा तो सीमा ने उस के हाथ पकड़ लिए. शैलेष ने अपनी पत्नी से कहा, ‘‘इस आस्तीन के सांप को ढाबे से निकाल दो, नहीं तो मैं तुम दोनों का मुंह काला कर के कस्बे में घुमाऊंगा.’’

सीमा ने इंकार करते हुए कहा, ‘‘अगर तुम ने हेमंत को ढाबे से निकाला तो मैं मायके चली जाऊंगी.’’ इस के बाद रोज ही शैलेष और सीमा हेमंत को ले कर झगडऩे लगे. जब शैलेष ने सीमा की इन हरकतों का विरोध करना शुरू किया तो सीमा नाराज हो कर अपने मायके बैतूल चली गई. 15 जनवरी को हेमंत भी ढाबा छोड़ कर कहीं चला गया. 2-3 दिन अपने मायके बैतूल में रहने के बाद सीमा अपनी बुआ के घर इटारसी आ गई.

इस बीच हेमंत और सीमा की मोबाइल फोन पर बातचीत लगातार होती रहती थी. शैलेष की हत्या का प्लान भी मोबाइल फोन पर बातचीत के दौरान ही बना था.सीमा पति शैलेष की हत्या करने के लिए हेमंत को बारबार बोल रही थी, लेकिन हेमंत इस के लिए तैयार नहीं हो रहा था. सीमा ने एक दिन फोन पर प्रेमी हेमंत को चेतावनी देते हुए कहा, ‘‘जब तक शैलेष हम दोनों के बीच रहेगा, हम चैन से नहीं रह सकते. तुम किसी तरह ढाबे में ही शैलेष की हत्या कर दो.’’

“ये काम इतना आसान नहीं है सीमा, मुझे कुछ वक्त दो सोचने के लिए.’’ हेमंत टालते हुए बोला.

‘‘हेमंत, तुम ने शैलेष का मर्डर नहीं किया तो मैं तुम्हें छोड़ कर किसी और मर्द से संबंध बना कर शैलेष की हत्या करवा दूंगी.’’

यह सुन कर हेमंत डर गया. उसे लगा कि सीमा उस के हाथ से न निकल जाए. हेमंत ने सोचा आइडिया अच्छा है, जब शैलेष ही नहीं रहेगा तो सीमा से शादी कर वह हमेशा के लिए मेरी हो जाएगी और ढाबे की संपत्ति पर भी उस का अधिकार रहेगा. हेमंत भी प्यार में इतना पागल हो गया था कि उस ने अपनी मां से सीमा के साथ शादी करने की बात कह दी थी.

हेमंत तथा सीमा साकरे ने मिल कर योजना बनाई और पहली फरवरी की सुबह 8 बजे वह शैलेष की हत्या के इरादे से ढाबे के पास पहुंच गया. जैसे ही शैलेष की बेटी कमरे से निकल कर स्कूल बस में बैठी, वह ढाबे के पिछले हिस्से से आशियाना ढाबे के कमरा नं. 101 में चुपके से पहुंच गया. उस समय शैलेष मोबाइल पर कुछ देख रहा था, तभी हेमंत ने उस के सिर पर लोहे के हथौड़े से 3-4 वार कर दिए. पलभर में ही शैलेष ढेर हो गया. उस के बाद हेमंत ने पैट्रोल डाल कर शैलेष के शरीर में आग लगा दी.

पुलिस बैतूल ढाबा कांड की आरोपी सीमा को पहले ही न्यायालय में पेश कर जेल भेज चुकी थी. हेमंत की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने प्रैस कौन्फ्रैंस कर इस प्रेम अपराध कहानी का खुलासा किया और हेमंत बावरिया निवासी इटारसी जिला नर्मदापुरम के खिलाफ धारा 302, 34, 120बी, 201 आईपीसी के तहत मामला कायम कर न्यायालय में पेश किया गया, जहां से हेमंत को बैतूल जेल भेज दिया गया.

—कथा पुलिस सूत्रों पर आधारित

बालम की सेज पर नौकर का धमाल – भाग 2

पुलिस की टीम जब सीमा की तलाश में उस की बुआ के घर इटारसी पहुंची तो वह वहीं मिल गई. पुलिस सीमा को वहां से सारणी पुलिस स्टेशन ले कर आई. पुलिस ने जब उस से सख्ती से पूछताछ की तो उस ने डर की वजह से बड़ी आसानी से अपने प्रेमी हेमंत से पति की हत्या करवाने का जुर्म कुबूल कर लिया.

पुलिस जांच में यह सब स्पष्ट हुआ कि साक्ष्य छिपाने के लिए सीमा ने अपने मोबाइल से काल डिटेल्स डिलीट कर दी थीं.इतना ही नहीं, प्रेमी हेमंत ने हत्या करने के बाद सीमा को फोन कर के बताया था कि उस ने शैलेष को मार दिया है. तब सीमा ने उसे याद दिलाया, ‘‘हेमंत, तुम भूल गए क्या, शैलेष कहता था कि हम दोनों का मुंह काला कर के शहर में घुमाएगा.’’

“अब हमारे प्यार के बीच कोई नहीं आएगा सीमा,’’ हेमंत ने उसे भरोसा दिलाते हुए कहा.

“नहीं हेमंत, तुम अभी शैलेष का मुंह काला कर दो. तभी मुझे अच्छा लगेगा.’’ सीमा की इसी बात पर हेमंत ने मृत पड़े शैलेष के शरीर पर अपने साथ बोतल में छिपा कर लाए हुए पैट्रोल को छिडक़ कर आग लगा दी और वहां से भाग खड़ा हुआ.

पुराने प्यार ने ली अंगड़ाई…

पुलिस हिरासत में सीमा ने अपने पति की हत्या प्रेमी हेमंत बावरिया से करवाने की बात कुबूल कर ली थी, तभी से सारणी और पाथाखेड़ा पुलिस थाने की टीमें हेमंत की तलाश में जुट गई थीं. एसडीपीओ रोशन जैन ने आरोपी हेमंत की गिरफ्तारी के लिए टीआई रत्नाकर हिंग्वे के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया.

पुलिस टीम ने हेमंत की तलाश में इटारसी, खैरवानी, चोपना समेत अन्य संभावित स्थानों पर दबिश दी, लेकिन उस का कोई सुराग नहीं मिल सका. हेमंत ने भागने के बाद अपना मोबाइल बंद कर लिया था. पुलिस टीम उस की तलाश में इटारसी गई तो वहां उस के मातापिता और भाईबहन भी थे. उन्होंने बताया कि हेमंत इटारसी में भी छोटेमोटे अपराध करता रहता था और घर से महीनों तक गायब रहता था.

पुलिस घर पर आ कर मातापिता से पूछताछ करती थी, तब उस के मातापिता हेमंत को यह कहते हुए डांटते, ‘‘तेरी वजह से हमें समाज में नीचा देखना पड़ रहा है.’’ इसी बात को ले कर वह घर से चला गया और पिछले 2 सालों से घर भी नहीं आया. पुलिस इटारसी से खाली हाथ वापस लौट आई. पुलिस ने हेमंत के मोबाइल को सर्विलांस पर लगा रखा था. 6 फरवरी, 2023 को हेमंत ने कुछ समय के लिए मोबाइल औन किया तो पुलिस ने उस की लोकेशन ट्रेस की. वह सारणी से करीब 15 किलोमीटर दूर राऊनदेव इलाके की थी.

पुलिस टीम ने मुस्तैदी के साथ घेराबंदी की तो जंगल में एक खंडहरनुमा मकान में वह पुलिस के हत्थे चढ़ गया. उसे 6 फरवरी, 2023 को सुबह करीब साढ़े 10 बजे राउनदेव के जंगल से घेराबंदी कर के पकड़ लिया गया. हत्या करने के बाद से आरोपी हेमंत बावरिया जंगलजंगल छिपता फिर रहा था. खास बात यह थी कि हत्या जैसी संगीन वारदात को अंजाम देने के बावजूद आरोपी शहरी क्षेत्र के आसपास ही जंगल में छिपता रहा, जिसे पकडऩे में 6 दिन बाद पुलिस को सफलता मिल गई.

सीमा और हेमंत बावरिया की मुलाकात भले ही पुरानी थी, मगर उन का प्यार नवंबर 2021 से परवान चढ़ा था. दोनों को इश्क का खुमार इस कदर चढ़ गया कि प्यार में सब कुछ कुरबान करने को तैयार हो गए. पति की हत्या की साजिश रचने वाली सीमा ने पुलिस पूछताछ में बड़े आत्मविश्वास के साथ कहा था, ‘‘मेरे जेल जाने की खबर मिलते ही हेमंत भी मिल जाएगा.’’ हकीकत में यही हुआ. सीमा को 2 दिन पहले ही पुलिस ने न्यायालय में पेश किया था, जहां से उसे जेल भेज दिया गया. इस के बाद हेमंत भी पुलिस के हत्थे चढ़ गया.

पुलिस पूछताछ में हेमंत ने बताया कि हत्या से 3 दिन पहले उस ने मिलन ढाबे का सीसीटीवी कैमरा निकालने का प्रयास किया था. लेकिन अपने मंसूबे में वह कामयाब नहीं हो सका. इतना ही नहीं, हत्या करने के बाद उस ने ढाबे के काउंटर तक आने वाले पिछले दरवाजे पर लगे ताले को तोड़ दिया था.

दरअसल, काउंटर में सीसीटीवी कैमरे का डिजिटल वीडियो रिकौर्डर रखा था. उस रिकौर्डर को वहां से हटाने की योजना उस ने बनाई थी, लेकिन वारदात वाले कमरे से धुंआ उठते ही ढाबे के बाहर बड़ी तादाद में लोग इकट्ïठा हो गए थे, जिस के चलते वह रिकौर्डर तक नहीं पहुंच सका और वहां से भाग निकला. हेमंत अगर इस रिकौर्डर को ले जाता तो इस हत्याकांड का खुलासा बमुश्किल ही हो पाता, लेकिन हेमंत के ढाबे में प्रवेश करते और भागते सीसीटीवी कैमरे में कैद होने से वारदात से परदा उठ गया.

बैतूल जिले के सारणी कस्बे में रहने वाले 45 साल के शैलेष साकरे की शादी करीब 18 साल पहले बैतूल की सीमा से हुई थी. एक बेटी के जन्म के बाद से ही शैलेष मिलन ढाबा चला रहा था.

इटारसी में हुई थी मुलाकात…

38 साल की सीमा की बुआ इटारसी में रहती हैं, वहां अकसर सीमा का आनाजाना होता रहता था. एक साल पहले की बात है जब सीमा अपनी बुआ के यहां इटारसी गई हुई थी तो उस की मुलाकात हेमंत बावरिया से हो गई. हेमंत से उस की जानपहचान बरसों पहले उस समय से थी, जब वह अपनी बुआ के पास इटारसी आया करती थी, लेकिन शादी हो जाने के बाद उस का इटारसी आना कम हो गया था. हेमंत उस का दोस्त था. हेमंत सीमा को देख कर बोला, ‘‘यार, तुम तो बहुत बदल गई हो, अब तो हमें भाव ही नहीं देती.’’

“जनाब, अब हम किसी और के हो चुके हैं, अब भला तुम्हें क्यों भाव देंगे?’’ सीमा इठलाती हुई बोली. सीमा के इस जबाब से वह झेंप गया. सीमा ने उस की झेंप दूर करते हुए कहा, ‘‘अच्छा डियर, ये बताओ तुम ने शादी की या नहीं.’’

“जानू, हमारा दिल तो अभी भी तुम्हारे लिए धडक़ता है, भला हम क्यों शादी करेंगे.’’ हेमंत ने भी बेधडक़ हो कर कहा. 28 साल का हेमंत गोरे रंग का हट्ïटाकट्ïटा स्मार्ट नौजवान था. सीमा यह जान कर बहुत खुश हुई कि हेमंत की अभी तक शादी नहीं हुई है. सीमा ने हेमंत में इंटरेस्ट लेते हुए पूछा, ‘‘कुछ कामधंधा कर रहे हो कि नहीं?’’

“पहले इटारसी के एक होटल में नौकरी करता था. लौकडाउन के बाद वह नौकरी भी हाथ से निकल गई. कहीं तुम्हारी जुगाड़ हो तो मुझे नौकरी दिलवा दो न. घर वाले भी ताना देने लगे हैं कि मुफ्त की रोटियां तोड़ते हो.’’ हेमंत बोला.

“नौकरी तो दिलवा दूंगी, पर सारणी चलना पड़ेगा. घर से इतनी दूर रह कर नौकरी कर पाओगे?’’ सीमा ने हेमंत का मन टटोलते हुए पूछा.

“नौकरी के लिए तो मैं दुनिया जहान में कहीं भी रह सकता हूं और फिर सारणी में तो तुम्हारा दीदार भी होता रहेगा,’’ हेमंत भी शरारती अंदाज में बोला.

सीमा ने हेमंत को सारणी आने की पेशकश की तो वह नवंबर 2021 में बैतूल जिले के सारणी कस्बा चला गया. वहां पर सीमा ने अपने पति से उस की जानपहचान करा कर अपने ‘मिलन ढाबे’ पर काम के लिए रख लिया.अब हेमंत ढाबे पर बड़ी लगन से काम करने लगा. अपने काम से उस ने शैलेष का दिल जीत लिया. हेमंत ढाबे में रहने लगा था. ढाबे में ही शैलेष अपनी पत्नी और बेटी के साथ रहता था. ऐसे में हेमंत का मिलनाजुलना सीमा से होता रहता था.

बालम की सेज पर नौकर का धमाल – भाग 1

2023 के फरवरी महीने की पहली तारीख थी, सुबह का वक्त था. मध्य प्रदेश के बैतूल जिले के सारणी पुलिस स्टेशन के टीआई रत्नाकर हिंग्वे अपने घर पर पुलिस स्टेशन जाने की तैयारी कर रहे थे. तभी उन के मोबाइल की घंटी बजी. जैसे ही उन्होंने काल रिसीव की दूसरी तरफ से आवाज आई, ‘‘सर, कंट्रोलरूम से बोल रहा हूं. सारणी के बगडोना स्थित आशियाना ढाबे में आग लगने की सूचना मिली है.’’

टीआई रत्नाकर हिंग्वे ने फोन पर ही उसे निर्देश देते हुए कहा, ‘‘तुरंत फायर ब्रिगेड को फोन कर के सूचना दो, मैं जल्द ही पुलिस स्टेशन पहुंच रहा हूं.’’

5 मिनट में ही टीआई पुलिस स्टेशन पहुंचे और अधीनस्थ स्टाफ को साथ ले कर आशियाना ढाबे की ओर निकल पड़े. कुछ ही मिनटों में वे सारणी पुलिस स्टेशन से करीब 3 किलोमीटर की दूरी पर छतरपुर रोड स्थित आशियाना ढाबे की ओर रवाना हो गए. रास्ते में ही टीआई ने घटना की जानकारी बैतूल की एसपी सिमाला प्रसाद और एसडीपीओ रोशन जैन को  दी. कुछ ही समय में पुलिस बल सहित सारणी के एसडीपीओ रोशन जैन और फोरैंसिक टीम घटनास्थल पर पहुंच गई.

तब तक फायर ब्रिगेड वहां पहुंच चुकी थी और आग पर काबू पा लिया गया था. ढाबे के एक कमरे से धुआं उठता दिखाई दे रहा था. पुलिस टीम ने वहां जा कर देखा कि ढाबे की ऊपरी मंजिल पर जिस कमरा नं 101 में आग लगी थी, वहां ढाबे का मालिक शैलेष साकरे रहता था. कमरे के अंदर का नजारा दिल दहला देने वाला था. जब तक आग पर काबू पाया गया, उस से पहले ही शैलेष की मौत हो चुकी थी.

जब ढाबे पर मौजूद समीर को पुलिस ने बुलाया तो उस ने ही बताया कि यह अधजली लाश ढाबे के मालिक शैलेष साकरे की है. अधजली हालत में मिली शैलेष साकरे की लाश ढाबे के रूम से बाहर निकाली गई. फोरैंसिक टीम ने कमरा नंबर 101 का बारीकी का निरीक्षण किया और शव का परीक्षण कर के बताया कि युवक को जलाने में कैमिकल का इस्तेमाल किया गया है.

ढाबे में मिली झुलसी हुई लाश…

पूछताछ में पता चला कि कमरा नंबर 101 में रहने वाले शैलेष की पत्नी अपने मायके गई हुई थी और शैलेष सुबह उठ कर अपनी 9वीं क्लास में पढऩे वाली 16 साल की बेटी को बाइक से स्कूल छोड़ कर आया था. इस ढाबे को पहले शैलेष ही मिलन ढाबा के नाम से चलाता था. नशे का आदी होने से जब शैलेष पर कर्ज बढ़ गया तो उस ने ढाबे को किराए पर दे दिया. कुछ दिनों पहले उस ने इसे समीर मसीद को किराए पर दे दिया था, जो अब इसे आशियाना ढाबे के नाम से चला रहा था.

ढाबे में हुए शैलेष साकरे मर्डर केस की खबर से आसपास के इलाकों से काफी भीड़ जमा हो गई थी. पुलिस को आग लगने की कोई वजह समझ में नहीं आ रही थी. पुलिस ने ढाबे में लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज देखी तो एक व्यक्ति ढाबे में प्रवेश करता और कुछ समय बाद ढाबे से बाहर की तरफ जाता दिख रहा था. पुलिस का शक इसी व्यक्ति पर जा रहा था.

पुलिस का मानना था कि यही व्यक्ति शैलेष के कमरे में आग लगा कर आया होगा. पुलिस टीम ने ढाबे के संचालक समीर से पूछताछ की तो उस ने बताया कि सीसीटीवी कैमरे की फुटेज में दिखाई देने वाला शख्स हेमंत बावरिया है, जो पहले शैलेष के ढाबे पर ही काम करता था. पुलिस ने इस बीच शैलेष की बेटी को भी स्कूल से बुला लिया और लाश की शिनाख्त कर पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दी.

शैलेष की बेटी ने पुलिस टीम को बताया कि कुछ दिनों पहले मम्मी नाराज हो कर मामा के घर बैतूल चली गई थीं. शैलेष के बड़े भाई शंकरलाल ने यह जरूर खुलासा किया कि शैलेष अपनी पत्नी सीमा और ढाबे में काम करने वाले हेमंत बावरिया को ले कर हमेशा टेंशन में रहता था और शराब भी पीने लगा था. कमरे की हालत देख कर पुलिस को आग लगने की वजह संदेहास्पद लग रही थी.

ढाबे के कमरा नंबर 101 में अधजली लाश के पास एक हथौड़ी मिली थी और पोस्टमार्टम रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हो चुका था कि शैलेष के सिर पर चोटों के निशान पाए गए थे. इस से साफ जाहिर था कि जलाने से पहले उसे सिर में हथौड़ी से चोट पहुंचा कर मौत के घाट उतारा गया है. जब पतिपत्नी के बीच अनबन की जानकारी पुलिस के सामने आई तो पुलिस के शक की सुई सब से पहले सीमा की तरफ ही घूमी.

शैलेष के परिवार से मिली जानकारी से यह तो स्पष्ट हो चुका था कि शैलेष की पत्नी सीमा के प्रेम संबंध ढाबे पर काम करने वाले नौकर हेमंत बावरिया से थे और इस की जानकारी शैलेष को भी थी. इसी आधार पर सब से पहले पुलिस ने सीमा की खोज के लिए पुलिस की टीम बैतूल भेजी, जहां सीमा के मायके वालों से पता चला कि सीमा यहां 15 जनवरी को आई थी. 2- 3 दिन रुकने के बाद यहां से अपनी बुआ के घर इटारसी चली गई.

इस के बाद सीमा पर पुलिस का संदेह अब और गहराता जा रहा था. सीमा का मायका बैतूल का था. बैतूल में सीमा के पिता भी 2 पत्नियों के साथ रहते थे. सीमा अपनी मां की 3 बेटियों में सब से छोटी थी. उस की दूसरी मां से एक बेटा था. सभी बहनों की शादी भी हो चुकी थी, इस वजह से मायके में भी ज्यादा पूछपरख सीमा की नहीं थी.

पुलिस ने जब सीमा के मोबाइल की काल डिटेल्स निकाली तो पता चला कि हत्या की साजिश रचने वाली सीमा से हेमंत ने 2 दिन में मोबाइल पर 36 बार बात की थी. इतना ही नहीं, हेमंत ने सीमा को मोबाइल पर 206 बार मिस्ड काल किए थे. वारदात को अंजाम देने के बाद हेमंत ने सीमा से मोबाइल पर बात भी की थी.