अशोक उर्फ चौटाला ने उस नंबर पर 1 नवंबर, 2014 की सुबह, दोपहर, शाम और रात में फोन कर के काफी देर तक बातें की थीं. इस के अलावा इसी नंबर पर उस ने 2 नवंबर की सुबह 5 बजे, 11 बजे और शाम 6 बजे बातें की थीं. उसी दिन सुबह सवा 7 बजे मामन की हत्या हुई थी.
इस के बाद अशोक उर्फ चौटाला की उसी नंबर पर 25 दिसंबर से ले कर 28 दिसंबर, 2014 तक कुल 13 बार बातें हुईं थीं. इस के बाद 13 जनवरी से ले कर 17 जनवरी, 2015 तक 8 बार बातें हुई थीं. जिस नंबर पर बातें हुई थीं, वह नंबर रिलायंस का था. अशोक कुमार ने रिलायंस से इस नंबर के बारे में पता किया तो बताया गया कि वह नंबर उत्तर प्रदेश के जिला बिजनौर के रहने वाले नीतू उर्फ काला का है.
हत्या में जिस मोटरसाइकिल का उपयोग हुआ था, वह भी बिजनौर की थी, इसलिए अशोक कुमार को लगा कि हत्या नीतू उर्फ काला ने ही की है. उन्होंने बिजनौर पुलिस से संपर्क कर के नीतू उर्फ काला के बारे में जानकारी मांगी तो पता चला कि 26 वर्षीय नीतू उर्फ काला पेशेवर अपराधी है. उस के खिलाफ उत्तर प्रदेश और हरियाणा के अनेक थानों में लूट, हत्या, हत्या की कोशिश और रंगदारी के कई मुकदमे दर्ज थे. काला कई बार जेल भी जा चुका था. उस समय वह जमानत पर छूटा हुआ था. बिजनौर पुलिस ने उसे जिला बदर कर रखा था.
जब अशोक उर्फ चौटाला पूरी तरह संदेह के घेरे में आ गया तो अशोक कुमार ने अपने कुछ मुखबिर मामन के बेटे अशोक के पीछे लगा दिए. आखिर एक दिन उन्हें किसी मुखबिर से पता चला कि अशोक की शराब के ठेके पर 2 लोगों से झड़प हो रही थी. वे लोग उस से अपने पैसे मांग रहे थे, जो अशोक ने हत्या के एवज में देने का वादा किया था.
इस के बाद अशोक कुमार ने उन दोनों लोगों के बारे में पता किया तो जानकारी मिली कि वे दोनों नीतू उर्फ काला और हरियाणा के सोनीपत का रहने वाला सुपारी किलर जितेंद्र उर्फ ङ्क्षटकू थे. यह भी जानकारी मिली कि जितेंद्र काला का जिगरी दोस्त है. उस पर भी हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश में कई संगीन अपराधों के मुकदमे दर्ज हैं. ये दोनों मिल कर अपराध करते हैं.
इस के बाद अशोक कुमार ने अपनी टीम के साथ हर उस जगह छापा मारा, जहां काला और ङ्क्षटकू मिल सकते थे. लेकिन वे कहीं नहीं मिले. अलबत्ता इस काररवाई में यह जरूर पता चला कि ङ्क्षटकू दिल्ली के छावला स्थित गांव ख्याला खुर्द में किराए का मकान ले कर रहता है, जबकि काला दिल्ली के नरेला के सैक्टर ए-6 के पौकेट 1 में मकान नंबर 167 में किराए पर रहता है. लेकिन दोनों वहां भी नहीं मिले.
इसी बीच पुलिस को पता चला कि मृतक मामन के बेटे अशोक ने 90 लाख में 2 एकड़ जमीन बेची है. मामन का बेटा शक के दायरे में आया था तो अशोक कुमार ने उन की बेटी सोनम के सोनीपत स्थित घर जा कर पूछताछ की थी. इस पूछताछ में उन्होंने जरा भी यह जाहिर नहीं होने दिया था कि उन्हें उस के भाई पर शक है. उन का पहला सवाल था,
“तुम्हारे पिता की किसी से ऐसी कोई दुश्मनी तो नहीं थी, जिस की वजह से उन की हत्या की गई हो?”
“पापा बहुत अच्छे इंसान थे,” सोनम ने कहा, “वह हर किसी के दुखसुख में खड़े रहते थे. भला ऐसे आदमी की किसी से क्या दुश्मनी हो सकती थी?”
“फिर भी उन की हत्या हो गई. हत्या की कोई तो वजह होगी? तुम्हारे ख्याल से क्या वजह हो सकती है?” अशोक कुमार ने पूछा.
सोनम कुछ क्षण सिर नीचा किए बैठी रही. उस के बाद गहरी सांस ले कर बोली, “क्या कहूं सर, मेरे ख्याल से पापा की हत्या संपत्ति की वजह से हुई है. मेरा भाई बहुत ज्यादा लाड़प्यार की वजह से बिगड़ गया था. वह अय्याश और नशेबाज है. जुआ भी खेलता है. उस की इन गलत आदतों की वजह से पापा ने उसे और उस की पत्नी को अलग मकान दे कर घर से निकाल दिया था. कोई कारोबार करने के लिए उसे 6-7 लाख रुपए भी दिए थे. भाई ने कारोबार करने के बजाय वे रुपए अपने गलत शौकों में उड़ा दिए. उस के बाद वह लोगों से कर्ज ले कर खर्च करता रहा. पता चला है कि इस समय एक करोड़ के करीब कर्ज है. कर्ज देने वाले उसे परेशान कर रहे थे.”
“तुम्हारे कहने का मतलब है कि तुम्हारे भाई ने पिता की हत्या कराई है?”
“मुझे तो ऐसा ही लगता है.”
“तुम्हारे पिता के पास कितनी संपत्ति होगी?”
“कई मकान, सैकड़ों एकड़ जमीन, करोड़ों का बैंक बैलेंस. कुल मिला कर सौ करोड़ से ज्यादा की संपत्ति होगी.”
“इतनी संपत्ति के लिए तो तुम भी पिता की हत्या करवा सकती हो?”
“मैं पापा की हत्या क्यों कराऊंगी. सारी संपत्ति तो वैसे ही वह मेरे नाम करने जा रहे थे.”
“यह बात तुम्हारे भाई को पता थी?”
“जी पता थी. इस बात को ले कर वह अकसर पापा और मुझ से झगड़ा भी करता रहता था. पापा ने उस से कह भी दिया था कि वह उसे एक पैसा नहीं देंगे.”
इस के बाद उन्होंने अशोक उर्फ चौटाला की तलाकशुदा पत्नी रोशनी के घर जा कर पूछताछ की थी. रोशनी ने बताया था कि अशोक शराबी, जुआरी, बाजारू औरतों के पास जा कर मुंह काला करने वाला बदतमीज इंसान है. ऐसे आदमी के साथ कौन औरत गुजारा कर सकती है. परेशान हो कर उस ने भी तलाक ले लिया.
उस के ससुर बहुत अच्छे आदमी थे. अपने गलत शौक पूरे करने के लिए अशोक उन से पैसे मांगता था. पैसे न मिलने पर वह उन के साथ गालीगलौज करता था. कई बार उस ने उन्हें जान से मरवाने की धमकी भी दी थी. जरूर उसी ने उन की हत्या कराई होगी.
अशोक कुमार ने ये सारी बातें एसीपी जितेंद्र ङ्क्षसह को बताईं तो उन्होंने तुरंत अशोक उर्फ चौटाला को हिरासत में लेने का आदेश दे दिया. इस के बाद 22 सितंबर, 2015 को अशोक कुमार की टीम अशोक उर्फ चौटाला को हिरासत में ले कर नेहरू प्लेस स्थित थाना क्राइम ब्रांच ले आई, जहां उस से मनोवैज्ञानिक तरीके से पूछताछ की जाने लगी. पुलिस के पास उस के खिलाफ सारे सबूत थे ही, मजबूरन उसे अपना अपराध स्वीकार कर के सच बताना पड़ा.
इस के बाद पुलिस टीम ने अशोक उर्फ चौटाला की निशानदेही पर जितेंद्र उर्फ ङ्क्षटकू और नीतू उर्फ काला को भी दिल्ली के छावला इलाके से गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने 23 सितंबर, 2015 को तीनों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर के अदालत में पेश किया, जहां से पूछताछ के लिए तीनों को एक दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया.
रिमांड के दौरान पुलिस ने नीतू और ङ्क्षटकू की निशानदेही पर गांव ख्याला खुर्द के एक बाग से हत्या में प्रयुक्त गुप्ती बरामद कर ली. रिमांड खत्म होने पर तीनों को 24 सितंबर, 2015 को पुन: अदालत में पेश किया गया, जहां से सभी को जेल भेज दिया गया. हत्याभियुक्तों के बयान के आधार पर मामन की हत्या की जो कहानी सामने आई, वह कुछ इस तरह थी:
मामन पुश्तैनी रईस थे, लेकिन वह उन रईसों में नहीं थे, जो विरासत में मिली धनसंपत्ति से ऐश करते हैं. उन्होंने पुरखों से मिली धनसंपत्ति का सदुपयोग करते हुए उस में इजाफा ही किया था. उन की पत्नी की मौत तभी हो गई थी जब बेटा अशोक 14 साल का और बेटी सोनम 11 साल की थी. लोगों के कहने पर भी उन्होंने दूसरी शादी नहीं की थी और बच्चों को खुद ही पालने लगे थे. अधिक लाड़प्यार की वजह से बेटा अशोक बिगड़ गया था.