उत्तराखंड की धार्मिक नगरी हरिद्वार में ज्वालापुर स्थित झाडान के बाजार की दुकानें बंद होने का समय हो चुका था. रात के 8 बज चुके थे. सभी दुकानदार अपनीअपनी दुकानें बंद करने लगे थे. उन्हीं में दुकानदार रवि अपने पास की दुकान से शोरशराबा सुन कर चौंक गए. उन्होंने उस ओर एक नजर देखा, फिर फटाफट अपनी दुकान बंद की और वहां तुरंत जा पहुंचे. वहां पहले से ही कुछ लोग जमा थे.

उन से ही रवि को मालूम हुआ कि स्थानीय व्यापारियों के नेता रहे स्वर्गीय अरविंद मंगल की 60 वर्षीया पत्नी सुनीता मंगल अपने घर से अचानक लापता हो गई हैं. सभी को अचरज हो रहा था कि वह कहां गई होगी? सुबह तो अपने ही घर पर ही दिखाई दी थी. कुछ लोगों ने बताया कि करीब 10 बजे के बाद वह नहीं देखी गई. लोगों से बातचीत में ही रवि को यह भी पता चला कि कुछ दिन पहले उन के घर पर मरम्मत और रंगाईपुताई का काम हुआ था.

सुनीता मंगल हुईं लापता

सुनीता मंगल एक संयुक्त परिवार की बुजुर्ग महिला थीं. उन का छोटा बेटा निखिल मंगल नोएडा में नौकरी करता था. सुनीता बड़े दिवंगत बेटे आशुतोष मंगल के 12 साल के बेटे वंश के साथ रहती थी. वंश एक स्थानीय स्कूल में पढ़ाई करता था. थोड़े समय में ही वहां और भी कई दुकानदार जमा हो गए.

सभी ने सुनीता के घर जाने का एकमत से फैसला लिया. वहां से सुनीता का घर थोड़ी दूरी पर था. कुछ समय में सभी उस के घर पर थे. वहां 12 वर्षीय वंश अकेला था. उस ने बताया कि वह सुबह स्कूल चला गया था. दोपहर को वापस घर लौटने पर पाया कि दादी नहीं हैं. फिर उस ने दादी को मोहल्ले में आसपास तलाश किया. मगर उसे दादी के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली. इस बारे में उस ने चाचा निखिल को फोन से बता दिया था, जो वह नोएडा में थे.

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