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इमारत के अंदर कैसे दाखिल होना है, इस की पहले से ही रेकी की गई थी. इस में सीधे तो घुसा नहीं जा सकता था, क्योंकि अंदर कदम रखते ही कैमरों की नजर में आ जाते. इसलिए अंदर जाने के लिए इन लोगों ने बगल वाली इमारत का सहारा लिया. बगल वाली इमारत और डायमंड सेंटर के बीच ज्यादा फासला नहीं था. इसलिए उस इमारत पर ऊपर चढ़ कर एक पाइप के सहारे वे चारों डायमंड सेंटर की बालकनी तक पहुंच गए.

इस के बाद इन लोगों को अंदर दाखिल होना था. यह पहले से ही तय था कि अंदर दाखिल होते ही सब से पहले उस जगह की लाइट काटनी थी, जहां तिजोरी रखी थी. क्योंकि पूरी बिल्डिंग में कैमरे और सेंसर लगे थे. इन से बचने का उन के पास यही सब से उत्तम तरीका था.

इस के लिए इन्हें एक खिड़की खोलनी थी. उसी खिड़की से अंदर जाना था. एक बात और थी और वह यह थी कि जहां तिजोरी रखी थी, वहां एक लाइट जलती थी और उसी के साथ एक कैमरा भी लगा था.

इस का मतलब यह था कि उस तिजोरी के पास जैसे ही कोई जाता, उस कैमरे द्वारा रिकौर्ड होने के साथसाथ मौनिटरिंग करने वाला उसे देख भी लेता. इस से बचने के लिए अंधेरे में ही सब कुछ करना था यानी अंधेरे में ही अंदर जाना था, अंधेरे में ही तिजोरी खोलनी थी और अंधेरे में ही माल समेट कर बाहर आना था.

चारों ने खिड़की से अंदर प्रवेश किया. ये अंदर इस तरह घुसे कि सामने वाला कैमरा इन्हें रिकौर्ड नहीं कर सका. इन्हें पता था कि सेंसर बौडी टेंपरेचर से काम करता है, इसलिए ये हेयर स्प्रे साथ ले कर आए थे. अंदर जा कर इन्होंने दूर से ही सेंसर पर हेयर स्प्रे डाल दिया, जिस से उस ने काम करना बंद कर दिया. ऐसा ही उन्होंने अलार्म के साथ भी किया यानी सेंसर और अलार्म ने काम करना बंद कर दिया तो वे तिजोरी के पास जा पहुंचे.

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