पुलिस ने औटो चालकों से पूछताछ शुरू की. जयपुर में करीब 8 हजार औटो हैं, लेकिन उन में किसी का भी वेरिफिकेशन नहीं है. उर्वशी ने पुलिस को हरेपीले औटो के बारे में बताया था. ये हरेपीले औटो सीएनजी से चलते हैं. ऐसे औटो की संख्या भी हजारों में है. पुलिस ने युवती के मोबाइल नंबर की काल डिटेल्स निकलवा कर उस की भी जांच की, साथ ही मोबाइल टावर के आधार पर आरोपियों का पता लगाने की भी कोशिश की गई.
अपराधों के मामले में राजस्थान पहले ही सुर्खियों में है. इस घटना से जयपुर में कानूनव्यवस्था पर सवालिया निशान लग गए थे. दिन भर इलैक्ट्रौनिक चैनलों पर युवती से दरिंदगी की खबरें चलती रहीं. लोगों में भी सरकार के प्रति आक्रोश उभरने लगा. उसी दिन शाम को दीनदयाल वाहिनी के कार्यकर्ताओं ने छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म की घटना के विरोध में स्टैच्यू सर्किल पर कैंडल मार्च निकाला.
11 जनवरी को देश भर की मीडिया में छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म की घटना सुर्खियों में छाई रही. इस से पुलिस की किरकिरी हुई. सरकार की भी बदनामी हुई. स्थिति को देखते हुए पुलिस महानिदेशक मनोज भट्ट ने जयपुर के पुलिस कमिश्नर संजय अग्रवाल को आरोपियों का जल्द से जल्द पता लगाने को कहा. रात भर की जांच के बाद दूसरे दिन सुबह से ही पुलिस की अलगअलग टीमें मामले की तह में जाने के लिए पूरे उत्साह से जुट गईं. आरोपी औटोचालक का पता लगाने के लिए पूरे शहर में अभियान चलाया गया. औटोचालक यूनियनों के पदाधिकारियों से बात की गई. उर्वशी ने रेलवे स्टेशन से औटो में बैठने के बाद सिंधी कैंप, नारायण सिंह सर्किल आदि जिन रास्तों से औटो के जाने की बात बताई थी, उन तमाम रास्तों की सीसीटीवी फुटेज खंगाली गई.