उस रात सभी लोग खाना खाने के बाद सोने चले गए. आधी रात को राघव को कुछ उलझन महसूस हुई तो वह बाहर आ गया. बाहर टहलने के बाद राघव आरती के कमरे की ओर गया तो वह वहां नहीं थी. तब राघव मम्मी के पास गया, आरती वहां भी नहीं थी. इस के बाद राघव ने घर में सभी को उठा दिया. लेकिन बदनामी के डर से घर वालों ने शोर नहीं मचाया.
पहले तो आरती की घर में ही तलाश की फिर बाहर गांव में निकल गए, लेकिन आरती कहीं नहीं मिल रही थी. घर वाले समझ गए कि वह सतीश चौरसिया के साथ ही होगी. उसे तलाशता हुआ राघव जब अपने घर के पीछे पहुंचा तो वहां का दृश्य देख कर उस का खून खौल उठा. आरती और सतीश आपत्तिजनक स्थिति में थे. राघव इसे बरदाश्त नहीं कर पाया. उस ने अपने पापा मम्मी को मौके पर बुला लिया.
उत्तर प्रदेश के जनपद गोंडा का एक थाना है धानेपुर. इस थाना क्षेत्र के अंतर्गत गांव मेहनौन आता है. इसी गांव के रहने वाले हैं बिंदेश्वरी चौरसिया. उन के 5 बेटे व एक बेटी थी. अपने 3 बेटों लवकुश, संजय और हरिश्चंद्र के साथ बिंदेश्वरी मुुंबई में रहते थे.
संजय व हरिश्चंद्र अपने पिता के साथ वहां पावरलूम में काम करते थे, जबकि लवकुश चाय की दुकान चलाता था. बिंदेश्वरी के 2 बेटे सतीश व विशाल गांव में ही अपनी मां के साथ रह रहे थे. जबकि बेटी की वह शादी कर चुके थे.
गांव में सब कुछ ठीक चल रहा था. अचानक बिंदेेश्वरी का 19 वर्षीय बेटा सतीश चौरसिया 20-21 अगस्त, 2023 की रात घर से अचानक लापता हो गया. घर वाले सारी रात उस का इंतजार करतेे रहे. सुबह होने पर उन्होंने अपने तरीके से खोजबीन की, लेकिन उस का कोई पता नहीं चला. इस पर सतीश की मां प्रभावती ने थाना धानेपुर में 21 अगस्त की सुबह सतीश की गुमशुदगी दर्ज करा दी.