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नकली जज आशीष बिश्नोई उर्फ आशीष सेन के गिरफ्तार होने की खबरें जैसे ही मीडिया में आईं, कई लोग थाना सेक्टर-56 पहुंच गए, क्योंकि उन के साथ भी आशीष बिश्नोई नाम के उस फरजी जज ने मोटी रकम की ठगी की थी. महावीर सिंह जून भी उन में से एक थे. वह उस के जाल में ऐसे फंसे कि कई करोड़ रुपए गंवा बैठे. उन के साथ जिस तरह से ठगी की गई थी, वह हैरान कर देने वाला था.

गुड़गांव के सेक्टर-47 में प्रगति हिल्स अपार्टमेंट में रहने वाले महावीर सिंह जून अपने बेटे के साथ एक परिचित के यहां आयोजित शादी समारोह में गए थे. समारोह का आयोजन गुड़गांव के ही एक अच्छे होटल में था. समारोह में हाईप्रोफाइल लोग आए हुए थे. उसी समारोह में उन के जानकार शिवदत्त वशिष्ठ और राव उदयभान ने उन की मुलाकात आशीश बिश्नोई से कराई. आशीष ने उन से खुद को जज बताया था. उन दोनों ने भी उस शख्स को देखा तो वे उस से इस तरह से मिले, जैसे वह उस से पहले से ही परिचित हों.

आशीष बिश्नोई को परिचय के दौरान जब पता लगा कि महावीर सिंह जून कोई मामूली आदमी नहीं, बल्कि करोड़ों रुपए की संपत्ति के मालिक हैं तो आशीष बिश्नोई बहुत खुश हुआ. उसी समय आशीष बिश्नोई ने महावीर सिंह से उन का फोन नंबर पूछा तो उन्होंने आशीष को अपना और बेटे का फोन नंबर खुशीखुशी बता दिया जिन्हें आशीष के एक सिक्योरिटी गार्ड ने नोट कर लिया.

एक दिन आशीष बिश्नोई के सुरक्षा गार्ड ने महावीर सिंह जून को फोन किया. उस ने बताया कि आप से सर बात करना चाहते हैं. इतना सुनते ही महावीर सिंह खुश हुए. इस के कुछ पल बाद आशीष बिश्नोई की आवाज आई. आशीष ने उन से उन के घरपरिवार आदि के बारे में बातचीत की. कुछ देर तक दोनों के बीच अनौपचारिक बातें हुईं.

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