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निर्धारित तिथि तक प्लौट और एससीओ का आवंटन नहीं हुआ तो आशीष बिश्नोई द्वारा दिया गया साढ़े 4 करोड़ रुपए का चैक निशांत ने अपने खाते में जमा किया, लेकिन खाते में पैसे न होने की वजह से वह चैक बाउंस हो गया. इस की शिकायत महावीर सिंह ने आशीष से की.

आशीष ने उन्हें समझाते हुए कहा, ‘‘आप ने हमें जो पैसे दिए थे, वह हम ने हुडा के अफसरों तक पहुंचा दिए हैं. वहां से हमें पता लगा है कि आप लोगों का काम हो चुका है. फाइल पर अब केवल एक अधिकारी के साइन होने को रह गए हैं. जैसे ही साइन हो जाएंगे, आवंटन से संबंधित कागजात तुम्हें मिल जाएंगे.’’

इसी तरह कई महीने बीत गए. उन के पास आवंटन से संबंधित कोई पत्र नहीं पहुंचा. आशीष बिश्नोई की बात महावीर सिंह से हुई थी, इसलिए तेजपाल या दलबीर सिंह में से कोई आशीष को फोन करता तो वह उन से बात नहीं करता था. वह केवल महावीर सिंह से ही बात करता था. तब महावीर सिंह ने जज आशीष बिश्नोई से पैसों के बारे में बात की. आशीष ने उन्हें भरोसा दिया कि एक महीने के अंदर आप को प्लौट और एससीओ आवंटन के पेपर मिल जाएंगे.

उन्होंने कुछ दिन और इंतजार करने की आशीष की बात मान ली. इस के बाद एक दिन आशीष ने तेजपाल और दलबीर सिंह के नाम प्लौट और एससीओ आवंटन के पेपरों की फोटोकापी महावीर सिंह को दे दी. गुड़गांव में हुडा के प्लौट और एससीओ का आवंटन होने पर वे बहुत खुश हुए. इस खुशी में उन्होंने उस दिन एक पार्टी का भी आयोजन किया.

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