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जैसे ही फ्लाइट ने एयरपोर्ट पर लैंड किया, पुलिस ने डौग स्क्वायड, बम स्क्वायड के साथ प्लेन को घेर लिया. इस के बाद सारे यात्रियों को उतार कर एक जगह इकट्ठा कर लिया गया और जहाज की तलाशी ली गई. जहाज में कहीं कोई बम नहीं मिला.

इस के बाद सारे यात्रियों की सूची निकाली गई. इन 116 यात्रियों में 12 हाइजैकर कौन हो सकते हैं, उन की शिनाख्त की जाने लगी. पता चला कि इन 116 यात्रियों में से कोई भी व्यक्ति संदिग्ध नहीं था. सभी के टिकट या आईडी पर जो डाटा था, वह सही और जैनुइन था.

इस से यह साफ हो गया कि यह फेक काल थी यानी मजाक था. फिर सवाल उठा कि इस तरह का खतरनाक मजाक किया किस ने, अब इस की जांच शुरू हुई.

प्लेन का जो क्रू स्टाफ था, उस से पूछताछ शुरू हुई. इस पूछताछ में शिवानी मल्होत्रा जिस ने सब से पहले देखा था कि बिजनैस क्लास के टायलेट में टिश्यू पेपर खत्म हो गए हैं, उस ने बताया कि जब प्लेन ने टेकआफ किया यानी लाइट बंद हो गई और अब टायलेट यूज किया जा सकता था तो बिजनैस क्लास में बैठे एक आदमी ने उस से ब्लैंकेट मांगा था. वह उस का कंबल लेने गई फिर लौट कर देखा, वह सीट पर नहीं था.

करीब 5 मिनट बाद वह लौटा. इस पर उस ने ध्यान दिया कि उतने समय में उस आदमी के अलावा बिजनैस क्लास के किसी दूसरे आदमी ने टायलेट का यूज नहीं किया था.

शिवानी के बताए अनुसार, टेकआफ के बाद उस टायलेट का उपयोग सिर्फ उसी एक यात्री ने किया था. इस के बाद उस यात्री को बुलाया गया. वह यात्री सामने आया. पूछताछ में पता चला कि उस यात्री का नाम था बिरजू सल्ला उर्फ अमर सोनी पुत्र किशोर सोनी है. उस की उम्र 37 साल थी.

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