एसीबी की टीम अपने काम में जुट गई. थानाप्रभारी कमलदान चारण की तलाशी में टीम को एक लाख रुपए का वह चैक मिल गया, जो जकिया ने दिया था. टीम ने कमलदान चारण को गिरफ्तार कर लिया. देर रात तक एसीबी की टीम जकिया के घर फर्द बनाने और जब्ती वगैरह की काररवाई में लगी रही.
थानाप्रभारी कमलदान चारण से की गई पूछताछ और एसीबी की जांचपड़ताल में जो कहानी प्रकाश में आई, वह इस प्रकार थी.
इसी साल 3 जून को थाना राजीव गांधी नगर के थानाप्रभारी कमलदान चारण ने मुखबिर की सूचना पर पंकज वैष्णव और गणपत बिश्नोई को एक किलोग्राम अफीम ले जाते हुए गिरफ्तार किया था. पंकज वैष्णव जकिया का पति था. वह अफीम ये लोग होंडा सीआरवी कार में रख कर ले जा रहे थे.
थाने ले जा कर दोनों से पूछताछ की गई तो गणपत ने खुद को इंजीनियरिंग का छात्र बताया और छोड़ देने की गुहार लगाई. थानाप्रभारी ने गणपत के घर वालों को थाने बुला लिया. बाद में सौदेबाजी कर के उस ने गणपत को छोड़ दिया.
पंकज वैष्णव ने बताया कि होंडा सीआरवी कार उस की पत्नी जकिया चौहान की है. इस के बाद थानाप्रभारी ने जकिया को थाने बुला लिया. जकिया कमलदान चारण से अपने पति पंकज को छोड़ देने की सिफारिश करने लगी.
कमलदान चारण ने कहा कि उस के पास से एक किलोग्राम अफीम मिली है, इसलिए इसे जेल जाना ही पड़ेगा, साथ ही केस चलने तक कार भी नहीं छोड़ी जाएगी.
जकिया ने पुलिस के एक दलाल से बात की तो उस के कहने पर थानाप्रभारी इस बात पर सहमत हो गए कि कार को मुकदमे में नहीं दिखाएंगे, लेकिन इस के लिए 2 लाख रुपए खर्च करने होंगे. जकिया ने कहा कि उस के पास इतनी रकम नहीं है तो बिचौलिए ने कहा कि थानाप्रभारी इस से कम में नहीं मानेगा. परेशान हो कर जकिया ने किसी तरह एक लाख रुपए का इंतजाम किया. 1 लाख रुपए नकद और एक लाख रुपए का चैक जकिया ने बिचौलिए के जरिए थानाप्रभारी कमलदान चारण को दे दिए.
थानेदार ने वह चैक इस शर्त पर लिया था कि एक लाख रुपए नकद देने के बाद वह उसे वह चैक लौटा देगा. थानाप्रभारी ने पंकज कुमार वैष्णव और गणपत बिश्नोई को कार में एक किलोग्राम अफीम के साथ पकड़ा था. पर रिश्वत में मोटी रकम मिलने के बाद उस ने गणपत और होंडा सीआरवी कार को रिपोर्ट में शामिल नहीं किया था. उस ने 3 जून, 2017 को केवल पंकज कुमार वैष्णव के खिलाफ ही राजीवगांधी नगर थाने में मुकदमा दर्ज कराया.
आमतौर पर एनडीपीएस एक्ट के मामले की जांच एसीपी द्वारा दूसरे थाने के समकक्ष अधिकारी को दी जाती है. लेकिन कमलदान चारण ने एसीपी (प्रतापनगर) स्वाति शर्मा को ऐसी पट्टी पढ़ाई कि उन्होंने इस मामले की जांच राजीव गांधी नगर थाने के ही एसआई को सौंप दी. इस की वजह यह थी कि पहली ही मुलाकात में कमलदान जकिया चौहान की खूबसूरती पर मर मिटा था.
इस के लिए उस ने जकिया से वादा भी किया था कि वह इस मामले में उस के पति को छुड़वाने की हरसंभव कोशिश करेगा. जकिया से बातें करने के लिए उस ने उस का मोबाइल नंबर ले लिया था.
कार भले ही छूट गई थी, लेकिन जकिया का पति पंकज जेल में बंद था. जकिया उसे जल्द से जल्द छुड़ाना चाहती थी. परेशानी यह थी कि एनडीपीएस एक्ट के मामले में जल्दी से जमानत नहीं होती. फिर पंकज के पास पुलिस ने एक किलोग्राम अफीम दिखाई थी.
कानून के जानकारों का कहना था कि 250 ग्राम तक अफीम बरामद होने पर सजा का प्रावधान कम है, लेकिन कौमर्शियल क्वालिटी की ज्यादा मात्रा में बरामद अफीम के मामले में 10 से 20 साल तक की सजा का प्रावधान है. इसी कारण जकिया चिंतित थी. वह पंकज की जल्द से जल्द जमानत कराने की कोशिश में जुटी थी. इस के लिए वह कभी कमलदान चारण को फोन करती तो कभी थाने जा कर उस से जमानत में मदद करने की गुहार लगाती.
कमलदान चारण जकिया की इस मजबूरी का फायदा उठाना चाहता था. वह जकिया को हासिल करने की कोशिश करने लगा. उस ने जकिया से यह भी कह दिया कि वह पंकज से बरामद अफीम की मात्रा 200 ग्राम दिखा देगा, जिस से उस की जमानत जल्द हो जाएगी.
पंकज को जेल भेजने के एकदो दिन बाद ही कमलदान चारण जकिया से प्यारमोहब्बत की बातें करने लगा. वह उसे वाट्सऐप पर ‘आई लव यू’ के अलावा तरहतरह के मैसेज भेजने लगा. वह जकिया की खूबसूरती की तारीफें करता और कहता कि पति को छुड़वाने के लिए उसे कुछ तो कंप्रोमाइज करना ही पड़ेगा.
उस की इस तरह की बातों से जकिया समझ गई कि उस की नीयत ठीक नहीं है. उस की बातों से वह डर गई. उस का दिन का चैन और रातों की नींद उड़ गई. उस का मन तो कर रहा था कि वह उस के सामने जा कर सीधे उस के गाल पर चांटा जड़ दे. पर वह ऐसा नहीं कर सकती थी.
वह कमलदान चारण को सबक सिखाने के बारे में सोचने लगी. एक तरफ पति की चिंता थी और दूसरी तरफ अस्मत बचाने का संघर्ष. वह चाहती थी कि चारण को ऐसा सबक मिले कि वह जिंदगी भर याद रखे. इस के लिए उस ने अपने कैफे में काम करने वाले सब से विश्वासपात्र गणपत बिश्नोई को कमलदान की गलत नीयत की बात बताई.
गणपत को पता था कि थानाप्रभारी ने उसे अफीम के मामले में छोड़ने के लिए घर वालों से मोटी रकम ली थी. इसलिए वह भी उसे सबक सिखाना चाहता था. उस ने अपने परिचित एसीबी के एक अधिकारी से बात की. उस की सलाह पर जकिया ने 9 जून, 2017 को एसीबी में थानाप्रभारी कमलदान चारण के खिलाफ रिश्वत और अस्मत मांगने की शिकायत कर दी.
एसीबी ने उसी दिन शिकायत का सत्यापन कराया. इस सत्यापन में जकिया और थानाप्रभारी कमलदान चारण की कार में बैठ कर की गई सौदेबाजी की सारी बातें रिकौर्ड की गईं. कमलदान जकिया से कह रहा था, ‘मुझे तुम से दोस्ती और प्यार हो गया है. इसलिए तुम ने जो एक लाख रुपए का चैक दिया है, उसे मैं वापस कर दूंगा.’ जकिया ने ये सारी बातें रिकौर्ड कर ली थीं. इस बातचीत में चारण ने यह भी कहा था कि वह 10 से 12 जून तक गांव जाने की वजह से छुट्टी पर रहेगा. गांव से लौटने पर वह उस के पास एंजौय करने आएगा.