कहानी के बाकी भाग पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

मन में हजारों सपने संजोए हरप्रीत कौर ने दहलीज से बाहर कदम रखा तो उस के पांव जमीन पर नहीं टिक रहे थे. भावी पिया की डोर से बंधने में  केवल 3 घंटे बचे थे. इसलिए वह अपने होने वाले पति की सूरत मन में बसाए इंद्रधनुषी सपनों की डोर में बंधी दूर उड़ी जा रही थी. 3 घंटे बाद यानी 10 बजे लुधियाना के महंगे और प्रसिद्ध स्टर्लिंग रिजौर्ट में उस की शादी हरप्रीत सिंह के साथ होनी थी.

रिजौर्ट में शादी का मंडप सजा हुआ था. मात्र 3 घंटे बाद उसे हरप्रीत सिंह की अर्धांगिनी बन जाना था. इसी सुखद अहसास और कल्पनाओं में वह खोई हुई थी. तभी उस की मां दविंदर कौर ने आवाज दी तो उस की तंद्रा टूटी. वह बोली, ‘‘जी मम्मी.’’

‘‘बेटा क्या सोच रही हो? 7 बज चुके हैं, जल्दी चलो. ब्यूटीपार्लर में तुम्हें काफी टाइम लगेगा.’’ दरअसल हरप्रीत को मेकअप कराने के लिए ब्यूटीपार्लर जाना था.

‘‘हां मम्मीजी, चलो मैं तैयार हूं.’’ हरप्रीत कौर बोली.

इस के बाद हरप्रीत कौर अपने मातापिता और सखियों के साथ इनोवा कार से साढ़े 7 बजे लुधियाना के सराभानगर स्थित लैक्मे सैलून नाम के ब्यूटीपार्लर पहुंच गई. उस के मेकअप के लिए लैक्मे सैलून को पहले से ही बुक करा रखा था. सैलून संचालक को 3 हजार रुपए भी पेशगी दे दिए थे.

सैलून पहुंचते ही संचालक संजीव गोयल ने हरप्रीत का मेकअप कराना शुरू कर दिया. उस समय हरप्रीत बहुत खुश थी. उसी दौरान करीब 9 बजे एक युवक पार्लर में घुसा. उस ने स्वेटशर्ट से अपना सिर ढक रखा था और मुंह पर रूमाल बांध रखा था. संजीव ने सोचा कि युवक ने ठंड से बचने के लिए यह किया होगा. उस के हाथ में प्लास्टिक का एक डिब्बा था.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD48USD10
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 12 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD100USD79
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...