इस के बाद एक दिन जसवंत सिंह के घर श्री गुरुग्रंथ साहिब का पाठ था. जो युवक पहले हरप्रीत कौर को गिफ्ट देने आए थे, वही दोनों उस दिन भी उन के यहां फिर आ गए. उस दिन भी वे हरप्रीत को गिफ्ट देने की बात कर रहे थे. वे हरप्रीत से मिलने की जिद कर रहे थे. जब जसवंत सिंह ने उन से कहा कि हरप्रीत किसी से नहीं मिलेगी. जो गिफ्ट है वह उन्हें ही दे दें तो उन्होंने गिफ्ट उन्हें नहीं दिया और वहां से चले गए.
शादी के लिए लड़के वालों ने लुधियाना का स्टर्लिंग रिजौर्ट बुक करा लिया था. तब फोन पर जसवंत सिंह को यह भी धमकी मिली कि वे लोग लुधियाना आएं. लेकिन उन्होंने धमकियों को गंभीरता से नहीं लिया. शादी की तैयारियां पूरी हो चुकी थीं. शादी से 2 दिन पहले जसवंत सिंह परिवार के साथ लुधियाना पहुंच गए.
रंजीत सिंह बेटे की शादी पूरे शानोशौकत के साथ करना चहते थे. तभी तो उन्होंने स्टर्लिंग रिजौर्ट को किसी फिल्म के सैट जैसा सजवा रखा था. शादी के समारोह में पंजाब और कोलकाता के कई वीआईपी के भी शामिल होने की संभावना थी, लेकिन ऐन मौके पर अमितपाल ने पल भर में इस खुशी को रंज में बदल दिया. लाखों रुपए से बना शादी का मंडप भी वीरान हो गया. शादी समारोह में शामिल होने के लिए जो लोग रिजौर्ट पहुंच रहे थे, दुखद समाचार सुन कर वे अस्पताल पहुंचने लगे थे.
पूरे प्रकरण में अब सवाल यह उठता है कि आखिर बेकुसूर हरप्रीत कौर के ऊपर तेजाब क्यों डाला गया. उस की न तो तेजाब फेंकने वाले से कोई दुश्मनी थी और न डलवाने वाली अमितपाल कौर से. फिर हरप्रीत कौर इस की शिकार कैसे बनी? इस बारे में पूछताछ करने पर अमितपाल कौर की दिलचस्प कहानी सामने आई.