“मुंहबोले मामा ने एक बार नहीं, मुझे 4 बार अपनी गंदी सोच का शिकार बनाया.” मीनाक्षी ने बताया, “उस की इस बुरी हरकत में मामी भी बराबर की भागीदार बनती रही. उस का पति अपनी इच्छा पूर्ति करने के लिए मुझे धोखे से नशीली दवा मिली चीज खिला देता था. मामी उस वक्त घर में ही होती थी.
“वह एक प्रकार से अपने पति को मौका देती थी. मैं होश में आने पर मामी को मामा की हरकत के बारे में बताती थी तो मेरा पक्ष लेने के बजाय वह पति का पक्ष लेती. मुझे पीटने लगती और लांछन लगाती कि मैं उस के पति को गलत काम करने के लिए उकसाती हूं. मैं बहुत डरी हुई और टेंशन में जी रही थी कि मेरे साथ ऐसी घटना घटी कि मैं न मरे में रह गई न जीवित में.
“उस ने अपने बेटे से प्रेंगनेंसी जांच किट मंगवा कर मेरी प्रेगनेंसी जांच की और प्रेग्नेंट होने पर बाजार से एबार्शन (गर्भ गिराने) की दवा ला कर मुझे जबरन खिलाई. उस ने मेरी जिंदगी बरबाद करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है.” मीनाक्षी की आंखों से आंसुओं का सैलाब फूट पड़ा.
यह कहानी अपने पद और दौलत के नशे में झूम रहे एक ऐसे व्यक्ति की है, जिस ने सुखवैभव और सुंदर पत्नी के होते हुए अपने दोस्त की नाबालिग बेटी को अपनी हवस का शिकार बनाया.
बात उस समय की है जब देश कोरोना के खौफ में जी रहा था. लौकडाउन खुल गया था, लेकिन लोग डरे सहमे हुए थे. सन 2020 का अक्तूबर महीना शुरू हुआ था. दिल्ली के उत्तरी जिला के अंतर्गत बुराड़ी क्षेत्र में रहने वाली मीनाक्षी अब वह मीनाक्षी नहीं रह गई थी जो हमेशा खिलीखिली नजर आती थी, उस की आंखों में ढेर सारे ख्वाब तैरते रहते तो होठों पर मोहक मुसकान फैली रहती.