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डाक्टर्स उस के साथ हुई हैवानियत से आगबबूला हो गए. एक नाबालिग लडक़ी के साथ दिल्ली सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग का उपनिदेशक ऐसी घिनौनी हरकत करे और आजादी से घूमे, यह बरदाश्त से बाहर की बात थी.

एक डाक्टर ने तुरंत इस मामले की सूचना पुलिस कंट्रोल रूम को दी. कंट्रोल रूम ने घटना से संबंधित उत्तरी दिल्ली के थाना बुराड़ी को तुरंत अवगत करा कर सेंट स्टीफन हौस्पिटल जा कर पीडि़ता के बयान दर्ज करने को कहा.

बुराड़ी थाने के एसएचओ राजेंद्र कुमार ने जिले के डीसीपी सागर सिंह कलसी को फोन कर के घटना के विषय में बताया, फिर अपने संग 2 महिला और 2 पुलिस कांस्टेबल को ले कर सेंट स्टीफन अस्पताल के लिए रवाना हो गए.

सेंट स्टीफन में जब एसएचओ राजेंद्र कुमार पहुंचे तब काउंसलिंग एक्सपर्ट और फोन करने वाले डाक्टर वहीं मीनाक्षी के बेड के पास मौजूद थे. इस 14 साल की नाबालिग लडक़ी को देख कर एसएचओ राजेंद्र कुमार ने गहरी सांस ली. वह उस व्यक्ति को कोसने लगे जिस ने इस फूल जैसी बच्ची से अपना मुंह काला किया था.

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मीनाक्षी अभी सो रही थी. एसएचओ राजेंद्र कुमार को काउंसलिंग एक्सपर्ट और डाक्टर ने संक्षिप्त में सारी बातें बता दीं. डीसीपी सागर सिंह कलसी भी वहां आ गए थे. मीनाक्षी का बयान लेने के लिए उसे जगाया गया और सीआरपीसी के सेक्शन 164 के तहत उसका बयान दर्ज किया गया. मीनाक्षी के बयान दर्ज कर के डीसीपी सागर सिंह कलसी और एसएचओ राजेंद्र कुमार लौट गए.

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