छिप कर की जाने वाली जिस्मफरोशी भले ही अंधेरे में होती हो, लेकिन इस धंधे में उतारी गई लड़कियों की सौदेबाजी खुलेआम होती है. हैरानी तो इस बात की है कि मासूम बच्चियों की बोलियां लगाने वाले उस के परिवार के अपने ही लोग होते हैं. कहीं मां तो कहीं भाई या फिर कहीं दूसरे करीबी चाचा मामा, यहां तक कि बाप भी उस की कीमत तय कर बेटी को सैक्स के बाजार में ढकेल देते हैं. ऐसा मध्य प्रदेश और राजस्थान के जिन इलाके में होता है, उस का चौंकाने वाला खुलासा एक स्टिंग आपरेशन के जरिए हुआ...
दिल्ली के एक बड़े मीडिया हाउस का एक रिपोर्टर खास रिपोर्टिंग के लिए खाक छानता हुआ राजस्थान के एक गांव के बौर्डर पर जा पहुंचा था. धुंधलका गहराने में अभी कुछ वक्त था. उस की एक व्यक्ति से मुलाकात हुई. उस ने अपना नाम लाखन बताया. रिपोर्टर से उस के बारे में पूछा.
गांव आने का कारण पूछा, हालांकि रिपोर्टर ने अपनी असली पहचान और आने का सही कारण बताने के बजाए कुछ और ही बताया. जब वह व्यक्ति उस की बातों से संतुष्ट हुआ, तब उस ने खुद को पास के गांव का निवासी बताया और यह भी आश्वासन दिया कि उस के मकसद को वही पूरा कर सकता है.
फिर दोनों के बीच औपचारिक बातचीत का सिलसिला शुरू हो गया, “आप को लड़कियां चाहिए? हां, भेज देंगे. बहुत सारी लड़कियां हैं गांव में. कम से कम 50 से 60 लड़किया हैं.”
बातूनी लाखन बोला.
“अरे उतनी का क्या करना है, सिर्फ 2-4. उन की कितनी उम्र होगी?” रिपोर्टर ने झिझकते हुए पूछा.