उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से महज 58 किलोमीटर की दूरी पर उन्नाव शहर है. यहां के वारासगवर इलाके के सथनी गांव में 22 फरवरी को 19 साल की मोनी नामक लड़की को जिंदा जला दिया गया.

मोनी साइकिल से एक दिन अपने गांव से बाजार की तरफ जा रही थी. इतने में कुछ लड़के साइकिल से आए और उसे खेतों में खींच ले गए, फिर उस पर पैट्रोल छिड़क कर आग लगा दी. जान बचाने के लिए लड़की सड़क की ओर भागी पर उस की मदद करने वाला कोई न था. बदमाश लड़की को जलता छोड़ कर भाग गए. लड़की जल कर मर गई.

पुलिस ने 2 दिनों बाद विकास नामक एक लड़के को पकड़ कर जेल भेज दिया. विकास पर आरोप है कि उस की मोनी से दोस्ती थी. दोस्ती में दरार पड़ी तो उस ने यह कांड कर दिया. किसी लड़की को आज के सभ्य समाज में जिंदा जलाने की घटना क्रूर राजाओं और तानाशाहों की याद दिलाती है.

केंद्र और प्रदेश में सरकारें चला रही भारतीय जनता पार्टी के लिए उन्नाव महत्त्वपूर्ण जिला है. भाजपा के साक्षी महाराज यहां से सांसद है. उन के क्षेत्र में दलित लड़की की बर्बर हत्या से पता चलता है कि दबंगों का मनोबल कितना बढ़ा हुआ है.

प्रदेश सरकार में महत्त्वपूर्ण पद संभाल रहे विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित का कार्यक्षेत्र भी उन्नाव ही है. एक ओर केंद्र से ले कर प्रदेश तक दोनों सरकारें ‘बेटी बचाव बेटी पढ़ाओ’ की बात कर रही हैं, तो वहीं दूसरी ओर इन्हीं सरकारों के दौर में लड़कियां जलाई जा रही हैं.

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