पुलिस ने मेहमानों की मांगी लिस्ट
उस वक्त वहां सिर्फ 22 पुरुष व महिलाएं और कुछ कर्मचारी मौजूद थे. लेकिन कोई भी यह जानकारी नहीं दे सका कि फायरिंग होने के दौरान अर्चना गुप्ता को किस के हथियार से चली गोली लगी. पुलिस ने संजीव सिंह को हिदायत दी कि उस रात पार्टी में मौजूद सभी मेहमानों के नामपते की सूची व फोन नंबर अगले कुछ घंटों के भीतर पुलिस को उपलब्ध कराएं.
इस के बाद फार्महाउस पर पुलिस का पहरा बैठा दिया गया और उस क्षेत्र में जहां गोली चलने की घटना हुई थी, किसी को भी नहीं जाने की हिदायत दे दी गई. पुलिस टीम घटनास्थल पर मौजूद फार्महाउस के कुछ कर्मचारियों और वहां डीजे बजा रहे 2 जौकी को पूछताछ के लिए अपने साथ फतेहपुर बेरी थाने ले आई.
दूसरी ओर इंसपेक्टर सी.एल. मीणा फोर्टिस अस्पताल से अर्चना के पति विकास गुप्ता को अपने साथ थाने ले आए, जहां विस्तारपूर्वक उन का बयान लिया गया.
विकास गुप्ता का साफ कहना था कि उन की पत्नी को पूर्व विधायक राजू सिंह द्वारा पिस्टल से की गई फायरिंग में गोली लगी है. लिहाजा पुलिस ने पहली जनवरी, 2019 की सुबह हत्या की कोशिश व शस्त्र अधिनियम के तहत राजू सिंह के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज कर ली.
इस दौरान पुलिस ने कई काम एक साथ किए. सब से पहले पुलिस ने कब्जे में ली गई सीसीटीवी फुटेज देखी, जिस से साफ पता चल रहा था कि उस फुटेज के साथ छेड़छाड़ की गई है. घटना के वक्त 3-4 लोगों ने फायरिंग की थी. लेकिन जिस वक्त राजू सिंह ने पिस्टल लहरा कर गोली चलाई, उस दौरान कुछ मिनट की वीडियो को डिलीट कर दिया गया था.
इसका मतलब था कि घटना के साक्ष्य मिटाने की कोशिश की गई थी. साथ ही सीसीटीवी से यह भी खुलासा हुआ कि राजू सिंह शाम के 7 बजे से ही शराब पी रहा था. रात करीब 12 बज कर 4 मिनट पर जब घटना घटी, उस वक्त वह बुरी तरह नशे में झूम रहा था और उस का खुद पर नियंत्रण नहीं था. रात साढ़े 11 बजे के बाद उस ने कई बार अपनी जेब में खोंसा पिस्टल निकाल कर हवा में लहराया था.
सीसीटीवी फुटेज में की गई छेड़छाड़
सीसीटीवी देखने के बाद तसवीर काफी हद तक साफ हो गई थी. लेकिन जब पुलिस ने फार्महाउस में काम करने वाले कर्मचारियों और जौकी से पूछताछ शुरू की, तो सारा सच सामने आने लगा.
पता चला कि रात को 12 बजते ही सब से पहले राजू सिंह के एक बेहद करीबी राम इंद्र सिंह और राजू सिंह के ड्राइवर हरी सिंह ने रायफल से हवा में 3-4 राउंड गोलियां चलाई थीं. उस वक्त तक अर्चना गुप्ता एकदम ठीक थीं. लेकिन बाद में जब राजू सिंह ने हवा में हाथ लहराते हुए अपने पिस्टल से एक के बाद एक 3 फायर किए तो एक गोली अर्चना के सिर में जा लगी थी.
थानाप्रभारी दिलीप कुमार व एसीपी राजेंद्र सिंह पठानिया को कुछ साल पहले महरौली इलाके में हुए एक बहुचर्चित हादसे के बारे में पता था, जिस में कुछ अमीरजादों ने शराब नहीं देने पर नशे में एक मौडल जेसिका लाल की गोली मार कर हत्या कर दी थी. दिल्ली के बेहद चर्चित इस मामले में भी सबूत मिटाने की कोशिश की गई थी.
बाद में कई कारणों से पुलिस की आलोचना भी हुई थी. लिहाजा एसीपी पठानिया इस तरह की कोई लापरवाही नहीं बरतना चाहते थे. उन्होंने उसी दिन पूर्व विधायक राजू सिंह के मोबाइल नंबर को सर्विलांस पर लगवा दिया. डीसीपी रोमिल बानिया ने राजू सिंह की गिरफ्तारी के लिए जिले के स्पैशल स्टाफ, एंटी आटो थेफ्ट सेल और फतेहपुर बेरी थाना पुलिस की 4 टीमों को हर उस जगह के लिए रवाना कर दिया, जहां राजू सिंह के मिलने की संभावना थी.
1 जनवरी की शाम होतेहोते अर्चना सिंह ने फोर्टिस अस्पताल में दम तोड़ दिया. पुलिस ने उन के शव का पंचनामा भर कर एम्स के चिकित्सकों की विशेष टीम से पोस्टमार्टम कराने के लिए भिजवा दिया. इधर अर्चना की मौत के बाद जांच अधिकारी सी. एल. मीणा ने इस मामले में हत्या की धारा 302 व 201 भी जोड दी. अगली सुबह पोस्टमार्टम रिपोर्ट से साफ हो गया कि मृतक अर्चना के सिर में राजू सिंह की लाइसेंसी पिस्टल की गोली लगी थी.
इधर साइबर टीम की मदद से पुलिस को लगातार राजू सिंह व उन के ड्राइवर हरी सिंह की लोकेशन उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में मिल रही थी. डीसीपी रोमिल बानिया ने 2 विशेष टीमों को तत्काल कुशीनगर के लिए रवाना कर दिया. ये टीमें लगातार सर्विलांस के काम में लगी टीम से संपर्क बनाते हुए 2 जनवरी को कुशीनगर पहुंच गईं.
अरेस्ट हो गए पूर्व विधायक
पुलिस ने स्थानीय पुलिस का सहयोग ले कर राजू कुमार सिंह व उन के ड्राइवर हरी सिंह को कुशीनगर के फाजिल नगर बाजार से 2 जनवरी, 2019 की शाम को गिरफ्तार कर लिया.
वे दोनों एक सफेद रंग की इनोवा कार में सवार थे और बिहार जाने की तैयारी कर रहे थे. पुलिस ने उन के कब्जे से घटना में इस्तेमाल पिस्टल भी जब्त कर ली. पूछताछ में राजू सिंह ने बताया कि इस पिस्टल का लाइसैंस उन्होंने बिहार से बनवाया है और देश भर के लिए मान्य है.
राजू सिंह के पकड़े जाने पर उन के खास और गाड़ी के ड्राइवर हरी सिंह ने यह कह कर पूरी वारदात को अपने सिर लेने की कोशिश की कि गोली उस ने चलाई थी.
पुलिस दोनों को दिल्ली ले आई और उन्हें पार्टी में शामिल लोगों के बयान से अवगत कराया तो राजू सिंह ने अपना अपराध कबूल कर लिया. पूछताछ के बाद यह साफ हो गया कि उस रात पार्टी में फायरिंग राजू सिंह व 2 अन्य लोगों ने भी की थी. अर्चना की मौत राजू सिंह की ही गोली से हुई थी.
पुलिस ने राजू सिंह व उन के ड्राइवर हरी सिंह को साकेत कोर्ट में पेश किया, जहां से उन दोनों को 7 दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया. शुरुआती पूछताछ में राजू ने कहा कि उस ने शराब पी रखी थी और नशे में गोली चला दी थी.
आरोपी के परिवार के बिजनैस पार्टनर थे विकास गुप्ता
राजू सिंह ने पुलिस से यह भी कहा कि उन्हें अपने किए पर कोई पछतावा नहीं है. राजू सिंह ने बताया कि घटना के बाद वह अपने रिश्तेदार के यहां छिपा था और बिहार के रास्ते नेपाल भागने की फिराक में था ताकि सियासी प्रभाव का फायदा उठा सके. राजू सिंह ने पुलिस के सामने यह भी कबूल किया कि उस ने वारदात के बाद कारतूस छिपाए थे और कपड़े भी बदले थे.
राजू सिंह व हरी सिंह से पूछताछ के बाद चश्मदीदों के बयान और सीसीटीवी की फुटेज से यह बात साफ हो गई कि डांस फ्लोर पर बहे अर्चना गुप्ता के खून को साफ करने व सबूत मिटाने में राजू सिंह की पत्नी और बिहार की पूर्व एमएलसी रेनू सिंह, उन के भाई राजेश सिंह और राजू सिंह के एक करीबी राम इंद्र सिंह शामिल थे. लिहाजा पुलिस ने राजू सिंह व हरी सिंह को हत्या और उन तीनों को सबूत मिटाने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया.