अनवर मामू के घर छुट्टियां बिताने आए साहिल और फैजल को जासूसी का शौक था. पुरानी कोठी में रहने वाले अजय के कत्ल और उन के अंतिम समय में लिखे कोड में उन्हें रहस्य दिखा सो वे इस हत्या के केस को सुलझाने को उत्सुक हुए और मामू के साथ घटनास्थल पर गए. हत्या वाली जगह पहुंच उन्होंने लाश का मुआयना किया और अजय द्वारा लिखे कोड को पढ़ने की कोशिश के साथ उस का फोटो भी लिया.
उन्हें यहां नकली दाढ़ीमूंछ और भौंहें मिलीं. एक ओर अजय की पत्नी यास्मिन बेसुध रोए जा रही थीं. उन्हें पता चला कि अजय एक हफ्ते से लापता थे और वे नकली बाल लगा कर वहीं घूमते रहते थे.
इंस्पैक्टर रमेश से उन्हें यह भी पता चला कि लाश के पास एक मोबाइल मिला है, इस से उन का उत्साह बढ़ा पर जब पता चला कि मोबाइल से किसी फोन नंबर पर कौंटैक्ट नहीं हुआ तो वे निराश हुए. वहां उन्हें बड़े साइज के जूतों के धूमिल से निशान भी मिले जिस से उन्हें यकीन हो गया कि अजय का कत्ल ही हुआ है. फिर वे वापस आ गए. दो आंखें उन की हर हरकत पर नजर रखे थीं.
पूरे रास्ते फैजल बेचैनी से बारबार घड़ी देखता रहा. घर पहुंचते ही वह जुनैद से एक कागज और पैन ले कर तुरंत अपने कमरे में घुस गया. फिर आधे घंटे बाद बाहर हौल में जहां सब बैठे हुए कत्ल के बारे में ही बात कर रहे थे, आया और बोला, ‘‘अजय मरते वक्त जो मैसेज छोड़ गए हैं, उस का मतलब मुझे पता चल गया है.’’ सब ऐसे हैरान हुए मानो आसपास कोई विस्फोट हुआ हो.