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18 जुलाई को जावेद ने फोन कर के गौहर को जयपुर से फर्रूखाबाद बुलाया. वह 19 जुलाई की सुबह फर्रूखाबाद पहुंच गया. काम के सिलसिले में दोनों पूरे दिन भागदौड़ करते रहे. गौहर ने चौक क्षेत्र स्थित एक एटीएम से कई बार में 50 हजार रुपए निकाले. उसे इन पैसों की किसी काम के लिए जरूरत थी.

रात में गौहर हमेशा की तरह जावेद के घर रुका. रात में सब के सो जाने के बाद रुखसाना गौहर के कमरे में पहुंच गई और रोजाना की तरह दोनों मस्ती के खेल में डूब गए. रात में जावेद बाथरूम जाने के लिए उठा तो उसे गौहर के कमरे से आवाजें आती सुनाई दीं. उस ने अंदर झांक कर देखा तो उस की आंखें हैरत से फटी रह गईं. उस का दोस्त गौहर उस के घर की इज्जत से खेल रहा था.

यह देख कर वह गुस्से से भर उठा. लेकिन किसी तरह उस ने खुद पर काबू पाया और वहां से अपने कमरे में चला आया. उसे दोस्ती में इतना बड़ा धोखा मिलने की कतई उम्मीद नहीं थी. इस धोखे से जावेद इतना तिलमिला उठा कि उस ने गौहर की हत्या करने की ठान ली. इसी उधेड़बुन में वह पूरी रात नहीं सो सका.

अगले दिन यानी 20 जुलाई की सुबह वह उठ कर बाइक से बाजार गया और 70 रुपए में एक छुरी खरीद कर अपनी बाइक की डिक्की में डाल ली. इस के अलावा उस ने नींद की गोलियां भी खरीद कर, पीसने के बाद जेब में रख लीं. दिन में गौहर और जावेद काम के सिलसिले में घूमते रहे. इसी बीच गौहर ने एटीएम से कई बार पैसे निकाले. अब कुल मिला कर उस के पास एक लाख रुपए की रकम हो गई थी.

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