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जैसेजैसे पुलिस की जांच आगे बढ़ती जा रही थी, नएनए खुलासे हो रहे थे. अग्रवाल मैडिकल सेंटर के लिए काम करने वाला एक मैडिकल रिप्रजेंटेटिव (एमआर) दीपक जो बिहार का रहने वाला है और दिल्ली में काम करता है. उस से पूछताछ कर रही पुलिस को पता चला कि वह पिछले 3 सालों में इस अग्रवाल मैडिकल सेंटर के डा. नीरज अग्रवाल के संपर्क में है. वह इस अस्पताल में करीब 400 मरीजों को औपरेशन, गर्भपात और डिलीवरी के लिए भेज चुका है.

उसे भी डा. नीरज अग्रवाल मोटा कमीशन देता था. कथा लिखने तक उस से पूछताछ चल रही थी. दोषी पाए जाने पर उसे गिरफ्तार किया जा सकता है.

पुलिस ने अग्रवाल मैडिकल सेंटर में काम करने वाले टेक्नीशियन महेंद्र सिंह के तुगलकाबाद स्थित न्यू गंगा मैडिकल सेंटर पर छापा मार कर तलाशी ली तो पुलिस को इंजेक्शन, दवाइयोंं के साथ अहम कागजात भी मिले.

पुलिस जांच में सब से अहम खुलासा हुआ है कि महेंद्र दिल्ली के एक बड़े अस्पताल में कार्यरत वरिष्ठ डाक्टर के पास टेक्नीशियन का काम करता था. उस ने डाक्टर को सर्जरी करते देख कर काम सीखा, जिस के बाद एमबीबीएस की फरजी डिग्री तैयार की और अग्रवाल मैडिकल सेंटर में काम करने लगा.

महेंद्र टेक्नीशियन होने के बाद भी मैडिकल सेंटर चला रहा था. यहां दलालों को 35 फीसदी की दलाली दे कर मरीजों को बुलाया जाता था, जिस के बाद उन की नकली ब्लड रिपोर्ट तैयार की जाती थी. ब्लड रिपोर्ट में फरजी बीमारियां दिखा कर लैब टेक्नीशियन उसी आधार पर उन लोगों का औपरेशन कर देता था.

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