23 फरवरी, 2023 को सचिन अपने साथ प्रीति नाम की एक खूबसूरत युवती को अपने साथ ले कर उन के घर पर पहुंचा. डा. सुधा ने देखते ही उसे पसंद कर लिया और अपने घर की चाबी भी उस के हवाले कर दी. उस के बाद प्रीति उसी दिन से डा. सुधा के घर पर मेड का काम करने लगी थी.
प्रीति को डा. सुधा के घर लाने से पहले ही सचिन ने उसे अच्छी तरह से समझा दिया था. हालांकि डा. सुधा का बेटा शिवम देखनेभालने मेें स्मार्ट था, लेकिन जब इंसान दिमागी रूप से अस्वस्थ हो तो उस की सुंदरता का कोई लाभ नहीं. फिर भी प्रीति ने डा. सुधा के घर आते ही अपना पूरा ध्यान शिवम पर फोकस कर दिया था.
प्रीति ने घर में जमा लिया अपना प्रभाव
वह घर के कामकाज करने के साथसाथ पूरे दिन शिवम की ही चापलूसी में लगी रहती थी. जिस से शिवम भी उस के साथ खुश रहने लगा था. उस के साथसाथ प्रीति डा. सुधा का भी पूरा ध्यान रखती थी. जिस के कारण कुछ ही दिनों में प्रीति ने डा. सुधा का मन जीत लिया और वह जल्दी ही उन के घर के सदस्य की तरह बन गई थी.
खुश हो कर डा. सुधा ने जब प्रीति की तारीफ करनी शुरू कर दी, तब प्रीति उस घर की बहू बनने के सपने संजोने लगी थी. कुछ ही दिनों में उस के रहनसहन में भी काफी बदलाव आ गया था. उस ने पूरी तरह से खुद को डा. सुधा के परिवार के अनुरूप ही ढाल लिया था. वह हर रोज महंगे कपड़े पहन कर बनठन कर रहती थी.
कैंसर की बीमारी के चलते ही 7 अगस्त, 2023 को डा. सुधा की मौत हो गई. अपनी मां की मौत होने पर डा. आकांक्षा भी अपने घर आई. मां की मौत के बाद वह पहली बार प्रीति से मिली थी. उस से पहले उस ने उस का फोटो ही देखा था.
प्रीति को घर में देख कर उसे हैरत हुई. उस वक्त उस के साथ 2 अन्य महिलाएं भी थीं, इसलिए डा. आकांक्षा ने प्रीति से उन के बारे में जानकारी ली, तब उस ने नीलम नामक युवती को अपनी मौसी और उस के साथ आई दूसरी महिला प्रवेश को अपनी दूर की रिश्तेदार बताया.
प्रीति ने बताया कि वह उस से मिलने के लिए आई थीं. इस के बाद भी डा. आकांक्षा की समझ में यह बात नहीं आ रही थी कि अगर वह उस से मिलने ही आई थीं तो वह अभी तक उसी के पास क्यों ठहरी हुई हैं.
भाई की शादी पर डा. आकांक्षा हुई आश्चर्यचकित
डा. सुधा की मृत्यु के बाद सभी संस्कार संपन्न हो चुके थे, फिर भी वह दोनों ही औरतें वहीं पर टिकी पड़ी थीं. जिन को देख कर डा. आकांक्षा का माथा ठनका. उस के बाद उस ने प्रीति से कहा कि अब उन्हें घर में मेड की जरूरत नहीं है. इसलिए आप लोग अपने घर जा सकती हो.
आकांक्षा की बात सुनते ही प्रीति बोली, ‘‘दीदी, अब मैं यहां से कहां जाऊं, अब तो यही मेरा घर है. अब मैं इस घर की बहू और तुम्हारी भाभी हूं.’’
यह बात सुनते ही डा. आकांक्षा को दिन में तारे नजर आ गए. वह बोली, ‘‘क्या बकवास कर रही हो तुम? जानती हो कि क्या कह रही हो?’’
‘‘हां दीदी, मैं जो भी कह रही हूं, वह सच ही है. अगर तुम्हें विश्वास नहीं हो रहा तो अपने भाई से ही पूछ लो.’’
लेकिन शिवम तो पहले ही मंदबुद्धि था. उस के बाद भी डा. आकांक्षा को विश्वास नहीं हुआ तो प्रीति ने आकांक्षा को शादी के फोटो दिखाते हुए विश्वास दिलाने की कोशिश की. जिस में वह अस्पताल के रूम में शिवम के साथ उस के गले में माला पहनाते हुए नजर आ रही थी.
यह सब देखते हुए उसे हैरत हुई. उसे विश्वास ही नहीं हो रहा था कि उस की मम्मी उसे बिना कुछ बताए ही इतना बड़ा कदम कैसे उठा सकती थीं. डा. आकांक्षा की हर रोज ही अपनी मम्मी से बात होती थी. लेकिन एक दिन भी उन्होंने उस से इस बारे में जिक्र तक नहीं किया था.
फिर भी डा. आकांक्षा ने प्रीति से शादी के मामले में कोई अन्य प्रूफ दिखाने की बात कही, लेकिन प्रीति के पास न तो कोर्ट मैरिज का कोई पेपर ही था और न ही किसी प्रकार का कोई अन्य सबूत. प्रीति के पास फोटो के अलावा कोई सबूत नहीं मिला तो उस ने तीनों महिलाओं को घर से निकल जाने को कहा. साथ ही डा. आकांक्षा ने तीनों को धमकी दी कि अगर वह सीधी तरह से घर से नहीं निकली तो वह उन्हें पुलिस के हवाले कर देगी.
पुलिस की धमकी सुन कर प्रीति ने फोन कर के सचिन को भी बुला लिया. डा. आकांक्षा सचिन को ठीक से जानती थी. सचिन के आते ही डा. आकांक्षा ने कहा, ‘‘अंकल, आप ने तो प्रीति को हमारे यहां पर एक मेड के काम के लिए रखवाया था. फिर अब वह जो बकवास कर रही है, वह सब क्या नौटंकी है?’’
डा. आकांक्षा की बात सुनते ही सचिन ने बताया कि आप की मम्मी ने मेरे सामने ही आप के भाई की शादी प्रीति के साथ कराई थी. आप की मम्मी शिवम को ले कर काफी समय से परेशान थीं. बीमारी के दौरान उन्होंने ही मेरे सामने शिवम की शादी प्रीति के साथ करने की इच्छा जाहिर की थी.
उन्होंने कहा था कि अब मेरा तो पता नहीं कि कब मौत आ जाए. मेरी मौत के बाद मेरा बेटा बिलकुल ही अकेला पड़ जाएगा. मैं चाहती हूं कि मेरे जिंदा रहते ही मेरे बेटे की शादी हो जाए, जिस से मेरी मौत के बाद मेरा बेटा ठीकठाक रह सके. यही इच्छा जाहिर करते ही उन्होंने अस्पताल में एकदूसरे को माला पहना कर शादी की थी.
सचिन ने डा. आकांक्षा के सामने जो बात कही थी, वह भी उस के गले नहीं उतर रही थी. फिर भी उस ने कहा कि वह इस शादी पर विश्वास नहीं कर सकती. जब डा. आकांक्षा इस बात से सहमत नहीं हुई तो सचिन ने फोन कर के पुलिस को बुला लिया.
सचिन के बुलाने पर पुलिस आ भी गई, लेकिन पुलिस इस मामले में कुछ नहीं कर पाई तो वह भी वहां से चली गई. उस के बाद सचिन भी उसी घर में उन के साथ रहने लगा. सचिन ने डा. आकांक्षा से साफ शब्दों मे कहा कि अब इस संपत्ति की मालिक प्रीति है. वह ही शिवम की पत्नी है. वह इस घर से कहीं नहीं जाएगी.
उन सभी के घर में रहते डा. आकांक्षा की समझ में कुछ नहीं आ रहा था कि वह क्या करे. डा. आकांक्षा समझ चुकी थी कि यह सब उस की भाई की संपत्ति हड़पने का मायाजाल है. उस के बाद डा. आकांक्षा गाजियाबाद के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से मिलीं और अपने साथ हुई धोखाधड़ी की कहानी सुनाई.