Scam Story : बैतूल की अदालत में भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व क्रिकेटर नमन ओझा के पिता विनय कुमार ओझा सहित 4 लोगों को धोखाधड़ी के एक मामले में 7 साल का कारावास और 14 लाख रुपए का जुरमाना भरने की सजा सुनाई है. यह खबर सुनने के बाद नमन ओझा के प्रशंसक आश्चर्यचकित हो गए हैं. ज्ञात रहे कि साल 2022 में रोड सेफ्टी सीरीज टी20 के फाइनल मैच में इंडिया लीजेंड्स ने नमन ओझा की शतकीय पारी के दम पर श्रीलंका लीजेंड्स को हरा कर खिताब अपने नाम किया था.
मामला बैंक औफ महाराष्ट्र की जौलखेड़ा शाखा में सन 2013 में हुए सवा करोड़ से अधिक के गबन का है. उस समय विनय कुमार ओझा इस शाखा में असिस्टेंट मैनेजर थे. बैंक मैनेजर अभिषेक रत्नम और विनय ओझा ने एजेंटों के माध्यम से सन 2013 में 34 फरजी खाते खोल कर (केसीसी) किसान क्रेडिट कार्ड का लोन ट्रांसफर कर (Scam Story) गबन किया था.
19 जून, 2014 को बैंक के तत्कालीन शाखा प्रबंधक रितेश चतुर्वेदी ने गबन की शिकायत थाना बैतूल में की थी. शिकायत के बाद धारा 409, 467, 471, 120बी, 34 और आईपी एक्ट की धाराओं के तहत 6 लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की थी. 2022 में विनय ओझा को पुलिस ने गिरफ्तार किया था.
10 साल बाद अपर सत्र न्यायालय ने 24 दिसंबर, 2024 को इस चर्चित केस का फैसला सुनाया. कोर्ट ने मास्टरमाइंड अभिषेक रत्नम को 10 साल का कारावास और 80 लाख का जुरमाना, विनय कुमार ओझा को 7 साल की कैद और 7 लाख का जुरमाना भरने की सजा सुनाई. इस के अलावा किसान धनराज पवार और लखन हिंगवे को 7-7 साल के कारावास के साथ 7-7 लाख रुपए के जुरमाने से दंडित किया.
इस केस की तफ्तीश के दौरान बैंक कैशियर दीनानाथ राठौर की मृत्यु हो गई थी. इन शातिर बैंक अधिकारियों ने ट्रेनी ब्रांच मैनेजर निलेश छात्रोले की आईडी और पासवर्ड जालसाजी से हासिल कर यह गबन किया था, इसलिए कोर्ट ने निलेश छात्रोले को दोषमुक्त कर दिया.
लोक अभियोजक राजेश साबले ने बताया कि इन बैंक अधिकारियों ने (Scam Story) फरजी नाम और फोटो के आधार पर किसान क्रेडिट कार्ड बना कर बैंक से मोटी धनराशि निकाली थी.  गांव तरोड़ा के एक बृद्ध किसान दर्शन की मृत्यु हो जाने के बाद भी उन के नाम से खाता खोल कर रुपए निकाले गए. सवा करोड़ के गबन की यह धनराशि विनय ओझा, अभिषेक रत्नम, कैशियर दीनानाथ राठौर, किसान धनराज और लाखन के खातों में जमा की गई थी.
कोर्ट से जमानत मिलने के बाद चारों आरोपी जमानत पर जेल से बाहर थे. सजा सुनाए जाने के बाद सभी को गिरफ्तार कर मुलताई जेल भेज दिया गया. पिता विनय कुमार ओझा को सजा सुनाए जाने के बाद पूर्व क्रिकेटर नमन ओझा की आंखें नम थीं.

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