Gay Apps गे ऐप्स आजकल अपराधियों का अड्डा बनते जा रहे हैं. इन ऐप्स के जरिए गे कैटेगरी के लोग इतनी आसानी से अपराधियों के चंगुल में फंस जाते हैं कि उन्हें आभास ही नहीं हो पाता. आप भी जानें कि अपराधी इन ऐप्स के जरिए अपने शिकार को कैसे फांसते हैं?
गुजरात के महानगर राजकोट के गोकुलधाम रोड पर स्थित बापा सीताराम सोसायटी का रहने वाला 23 साल का जिग्नेश (बदला हुआ नाम) सोसायटी के पास ही एक मैडिकल स्टोर में नौकरी करता था. युवा हो चुके जिग्नेश का मन अब एक पुरुष साथी यानी समलैंगिक संबंध के लिए बेचैन रहने लगा था. उस ने अपने आसपास ऐसे किसी साथी की बहुत तलाश की, पर शरम और संकोच की वजह से उस की यह तलाश पूरी नहीं हो सकी.
जब जिग्नेश को इस तरह कोई पुरुष साथी नहीं मिला तो उस ने अपने मोबाइल पर पुरुषों को पुरुष से यानी समलैंगिक लोगों को मिलाने के लिए प्लेस्टोर पर जो ऐप्स दिए गए हैं, उन में से हीसे (॥द्गद्गह्यड्ड4) ऐप डाउनलोड किया. इसी ऐप के जरिए उस ने ऐसे पुरुष साथी की तलाश शुरू की, जो उस के शहर या आसपास के जिले का रहने वाला हो. इसी ऐप के माध्यम से उस की चैट यानी संदेश द्वारा बातचीत रुद्र गोस्वामी नाम के युवक से शुरू हुई. रुद्र गोस्वामी रहने वाला तो गुजरात के जिला जूनागढ़ का था, पर उस ने जिग्नेश को बताया था कि वह भी राजकोट का ही रहने वाला है. एकदूसरे का परिचय लेने के बाद जिग्नेश ने पूछा, ''तुम्हें क्या पसंद है?’’