Gujarat News : साकराभाई अहीर अपनी बेटी रामीबेन के सुसाइड करने के दुख से उबर भी नहीं पाए थे कि मौत के ढाई महीने बाद रामीबेन उस के सामने आ गई और बोली कि पापा मैं मरी नहीं, बल्कि जिंदा हूं. इतना कह कर वह घर से भाग गई. साकराभाई ने यह बात पुलिस को बताई तो जांच में रामीबेन के जीवित लौटने की ऐसी चौंकाने वाली कहानी सामने आई कि...

गुजरात के जिला कच्छ के थाना खावड़ा के एसएचओ थाने में बैठे एक पुराने केस की फाइल को देख रहे थे, तभी उन के पास क्षेत्र के ही गांव गोडपर के रहने वाले अधेड़ साकराभाई अहीर पहुंचे. उन्होंने एसएचओ एम.बी. चावड़ा से कहा, ''साहब, मेरी मर चुकी बेटी रामीबेन अहीर कल देर रात मुझ से मिलने आई थी. पहले तो मैं उसे देख कर डर गया, लेकिन जब उस ने लाइट जलाई तो उसे जिंदा देख कर मैं हैरान रह गया. क्योंकि उस ने जुलाई, 2024 में आग लगा कर आत्महत्या कर ली थी. जब मैं थोड़ा आश्वस्त हुआ तो उस ने मुझ से कहा कि पापा, मैं जिंदा हूं. मैं ने आत्महत्या नहीं की थी.’’

साकराभाई की यह बात सुन कर पहले तो एसएचओ एम.बी. चावड़ा और उन के सहयोगियों को लगा कि यह अधेड़ कैसी मजाक कर रहा है, लेकिन जब पुलिस वालों ने साकराभाई की आंखों में आंसू देखे तो उन्हें मामला गंभीर लगा. तब एसएचओ एम.बी. चावड़ा ने कहा, ''क्या हुआ था, जरा फिर से पूरी बात बताओ?’’

''साहब, कल देर रात मेरी मर चुकी बेटी रामीबेन मुझ से सच में मिलने आई थी. साहब, वह वापस आई, यह बात तो मेरी समझ में आई. पर मैं ने अपनी बेटी की जली लाश समझ कर जिस का अंतिम संस्कार किया, वह लाश किस की थी?’’

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