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साढ़े 3 सौ रुपए के इनवैस्टमेंट से  लखपति बनने का सपना देख रहे बाबूलाल ने बताया, ‘‘इस पहाड़ी के ऊपर एक गुफा है, वहां लोगों को ब्लैक डायमंड जैसे पत्थर अधिक मिल रहे हैं. मेरे पास ऐसे करीब 50 पत्थर जमा हो चुके हैं. इन की जांच कराऊंगा. ब्लैक डायमंड हुआ तो ठीक नहीं तो सुनार प्रति कंकड़ 100 रुपए के हिसाब से खरीद लेगा तो यहां आनेजाने का अपना खर्च तो निकल ही जाएगा.’’

हीरा पा कर मालामाल हो चुके लोगों की कहानी

हीरा पाने की ललक में नदी की रेत मिट्टी छान रहे लोग बेमतलब ही अपना वक्त नहीं बरबाद कर रहे, बल्कि लोग एक आस ले कर यहां पहुंचते हैं. मई 2022 में ऐसे ही एक मजदूर प्रताप सिंह की किस्मत चमकी थी, जब प्रताप सिंह यादव नाम के एक मजदूर को जैम क्वालिटी का हीरा मिला था.

प्रताप सिंह कुआं का रहने वाला है और उस की माली हालत ठीक नहीं थी. प्रताप यादव फरवरी में सरकारी हीरा कार्यालय गया और 4 गुणा 4 मीटर की एक जमीन हीरा खदान के लिए स्वीकृत करा ली. इस के बाद हीरा ढूंढने के लिए वह दिनरात मेहनत करने लगा.

3 महीने की कड़ी मेहनत ने उस की झोली में हीरा डाल दिया. इस तरह रातोरात गरीब मजदूर लखपति बन गया. हीरे का वजन 11.88 कैरट निकला. जिस की कीमत करीब 60 से 70 लाख रुपए आंकी गई. प्रताप ने इसे हीरा कार्यालय में जमा कर दिया है. प्रताप का कहना है कि हीरे की नीलामी से मिलने वाले पैसे से उस की आर्थिक स्थिति सुधारेगी और बच्चों की पढ़ाई और भरणपोषण का खर्च निकालेगा.

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