कोई डेढ़ दो साल पहले एक युवक के माध्यम से सुहैल को पता चला कि कोठारी के रईस किसान का खूबसूरत जवान बेटा जिम खेलने के लिए सीहोर के चक्कर लगा रहा है. नरेश देखने में था भी हैंडसम, इसलिए मोटी मुर्गी देख कर सुहैल किसी तरह नरेश से जानपहचान करने के बाद एक रोज उसे अपने घर ले गया.
वास्तव में सुहैल शिकार को फांसने के लिए हर किस्म के हथियार का इस्तेमाल करता था. इसलिए नरेश को फांसने के लिए सुहैल की पत्नी और बेटी रुकैया खुल कर अपना जादू दिखाने लगीं. नरेश भी रुकैया की खूबसूरती पर फिदा हो गया, जिस से वह अकसर सुहैल से मिलने के बहाने उस के घर आनेजाने लगा.
आखिर रुकैया उसे फांसने में सफल हो ही गई. फिर सुहैल ने धीरेधीरे नरेश को मुफ्त में कोकीन और ब्राउन शुगर का नशा करवाना शुरू कर दिया. जब वह नशे का आदी हो गया तो सुहैल ने नशे की कीमत वसूलनी शुरू कर दी.
नरेश के पास पैसों की कमी नहीं थी, इसलिए वह रुकैया के चक्कर में पैसा लुटाने लगा. योजना के अनुसार नरेश के नशे की गिरफ्त में आ जाने के बाद रुकैया को पीछे हट जाना था, लेकिन नरेश के मामले में रुकैया खुद शिकार हो चुकी थी. इसलिए वह नरेश से नजदीकी बनाए रही, जिस के चलते सुहैल को नरेश से परेशानी होने लगी. लेकिन वह खूब पैसे लुटा रहा था, इसलिए सुहैल अपनी आंखें बंद किए रहा.
नरेश खतरे को समझ नहीं पाया
धीरेधीरे नरेश के हाथ की वह रकम खत्म होने लगी, जो उस ने जिम खोलने के लिए घर से ली थी. पैसा खत्म हो गया तो सुहैल उसे उधारी में नशे की पुडि़या देने लगा. इस में सुहैल को कोई परेशानी नहीं थी. उसे डर केवल इस बात का था कि रुकैया और नरेश को ले कर समाज में कोई बवाल खड़ा न हो जाए. इसलिए वह नहीं चाहता था कि अब नरेश उस के घर आए.