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हमलावरों के जाने के बाद कोतवाल आलोक दूबे ने निरीक्षण किया तो 2 लाशें घटनास्थल पर पड़ी थीं. एक लाश शिवकुमार चौबे के बेटे मंजुल चौबे की थी तथा दूसरी उस की चचेरी बहन सुधा की. घायलों में संजय चौबे, अंशुल चौबे, अंकुर शुक्ला तथा अजीत एडवोकेट थे. सभी घायलों को कानपुर के हैलट अस्पताल भेजा गया.

कोतवाल आलोक दूबे ने डबल मर्डर की जानकारी पुलिस अधिकारियों को दी तो कुछ ही देर बाद एसपी सुनीति, एएसपी कमलेश दीक्षित, सीओ (सिटी) सुरेंद्रनाथ यादव तथा डीएम अभिषेक सिंह भी आ गए.

पुलिस अधिकारियों ने घटनास्थल का बारीकी से निरीक्षण किया तथा कोतवाल आलोक दूबे से जानकारी हासिल की. डीएम अभिषेक सिंह ने भी घटनास्थल का निरीक्षण किया जबकि एसपी सुनीति ने घटना के संबंध में जानकारी हासिल की.

चूंकि डबल मर्डर का यह मामला अति संवेदनशील था और कातिल रसूखदार थे. इसलिए एसपी सुश्री सुनीति ने घटना की जानकारी आईजी (कानपुर जोन) मोहित अग्रवाल तथा एडीजी जयनारायण सिंह को दी. इस के बाद उन्होंने घटनास्थल पर आसपास के थानों की पुलिस फोर्स तथा फोरैंसिक टीम को भी बुलवा लिया. फोरैंसिक टीम ने जांच कर साक्ष्य जुटाए तथा फिंगरप्रिंट लिए.

डबल मर्डर से चौबे परिवार में कोहराम मचा हुआ था. शिवकुमार चौबे उर्फ मुनुवा मंदिर परिसर में बेटे की लाश के पास गुमसुम बैठे थे. वहीं संजय भाई की लाश के पास  बैठा फूटफूट कर रो रहा था. आशीष चौबे भी अपनी बहन सुधा के पास विलाप कर रहा था. संजय चौबे व उन की बहन रागिनी एसपी सुश्री सुनीति के सामने गिड़गिड़ा रहे थे कि हमलावरों को जल्दी गिरफ्तार करो वरना वे लोग इस से भी बड़ी घटना को अंजाम दे सकते हैं.

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