21 जुलाई, 2017 की बात है. जयपुर पुलिस उस दिन कुछ ज्यादा ही चाकचौबंद थी. उस दिन भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह 3 दिन के दौरे पर जयपुर आ रहे थे. इसी के मद्देनजर पुलिस कमिश्नर संजय अग्रवाल उस दिन जल्दी उठ गए थे. उन्होंने अपने मातहत वरिष्ठ अधिकारियों को वायरलैस और फोन पर आवश्यक निर्देश दिए ताकि किसी भी तरह की गड़बड़ी की कोई गुंजाइश न रहे. सीआईडी, इंटेलीजेंस और पुलिस की विशेष शाखा के जवान अपनेअपने मोर्चे पर नजरें जमाए हुए थे. शहर के प्रमुख मार्गों पर पुलिस ने नाकेबंदी कर रखी थी ताकि आपराधिक प्रवृत्ति के लोग बाहर से शहर में आ न सकें.
दोपहर करीब पौने 2 बजे के आसपास पुलिस कमिश्नर अग्रवाल जब अपने औफिस में बैठे थे, तभी उन्हें जयपुर शहर में एक बड़ी वारदात की सूचना मिली. मातहत अधिकारियों ने बताया कि मानसरोवर में मुथूट फाइनैंस की शाखा में दिनदहाड़े डकैती हुई है. 4 बदमाश करोड़ों रुपए का सोना और लाखों रुपए नकद लूट ले गए हैं.
वारदात की सूचना मिलने पर पुलिस कमिश्नर खीझ उठे. शहर में सभी प्रमुख जगहों पर पुलिस तैनात होने के बावजूद बदमाश करोड़ों रुपए का सोना लूट ले गए थे. खास बात यह थी कि जयपुर में दिनदहाड़े बैंक लूट के 28 घंटे बाद ही गोल्ड लूट की बड़ी वारदात हो गई थी. पुलिस कमिश्नर ने अपने गुस्से पर काबू पाते हुए अधिकारियों को तुरंत मौके पर भेजा. साथ ही शहर के सभी मार्गों पर कड़ी नाकेबंदी कराने के भी निर्देश दिए.
मुथूट फाइनैंस की शाखा जयपुर के मानसरोवर इलाके में रजतपथ चौराहे पर पहली मंजिल पर है. उस दिन दोपहर करीब एक बजे की बात है. उस समय लंच शुरू होने वाला था. मुथूट के कार्यालय में मैनेजर सत्यनारायण तोषनीवाल अपने केबिन में बैठे थे. बंदूकधारी गार्ड दीपक सिंह गेट पर खड़ा था. कर्मचारी टीना शर्मा एवं मीनाक्षी अपने काउंटरों पर बैठी थीं. 2 ग्राहक नंदलाल गुर्जर और घनश्याम खत्री भी मुथूट के औफिस में मौजूद थे. मुथूट के उस औफिस में कुल 5 कर्मचारी थे. उस दिन एक कर्मचारी फिरोज छुट्टी पर था.