जब शरद ने अपने घर से पैसे नहीं मंगाए तो उस के साथियों ने मिल कर उस की पिटाई करनी शुरू कर दी, साथ ही उस की पिटाई का वीडियो भी बनाते रहे.
पहले तो वे उसे ऐसे ही पीटते रहे. जब इस पर भी शरद ने घर से पैसे नहीं मंगाए तो उस के कपड़े उतार कर उस के साथ मारपीट की. फिर उसे स्प्रे फ्लेम से जलाया. यही नहीं, हद तो तब हो गई जब शरद से कहा गया कि वह अपने गुप्तांग में खुद ही ईंट बांध कर उठक बैठक करे. शरद को डर के मारे यह भी करना पड़ा.
शरद के साथ यह सब एकदो दिन नहीं, पूरे 11 दिनों तक होता रहा और वह इन लोगों के सामने रोताबिलखता और गिड़गिड़ाता रहा, पर इन लोगों को उस पर जरा भी दया नहीं आई.
उत्तर प्रदेश के जिला इटावा के थाना लवेदी का रहने वाला 17 साल का शरद (बदला हुआ नाम) 12वीं पास करने के बाद नीट (डाक्टरी की प्रवेश परीक्षा) की तैयारी करने के लिए कानपुर आ गया था. कानपुर के थाना काकादेव के अंतर्गत आने वाली एक कोचिंग में उस ने एडमिशन लिया और वहीं पास ही एक मकान में किराए का कमरा ले कर रहने लगा.
इटावा के और भी तमाम लड़के कानपुर में रह कर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे थे. घर से दूर अकेले रह रहे शरद की ऐसे ही कुछ लड़कों से दोस्ती हो गई.
किसी अन्य शहर में कोई अपने इलाके का मिल जाता है तो वह अपना ही लगने लगता है. वे लड़के शरद से उम्र में बड़े और समझदार थे, इसलिए जब कभी समय मिलता, शरद उन के कमरे पर चला जाता. उन से मिल कर दिमाग पर जो पढ़ाई का बोझ होता था, वह भी थोड़ा हलका हो जाता था और उन से कुछ सीखने को भी मिल जाता था.