कहानी के बाकी भाग पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

राजवीर अपने दोनों हाथ जैकेट की जेब में डाले बारबार झुक कर अपनी दाईं ओर झांक रहा था. शायद उसे अपने गंतव्य स्थान तक जाने के लिए किसी बस का इंतजार था. उसे बस स्टाप पर खड़े 15 मिनट हो गए थे, लेकिन उस नंबर की बस अभी तक नहीं आई थी, जिस की राजवीर को जरूरत थी.

अभी कुछ समय और गुजरा था कि बस स्टाप पर एक दुबलीपतली युवती पर्स हिलाती हुई आई और राजवीर के पास खड़ी हो गई. राजवीर ने उस पर उचटती सी नजर डाली. उस युवती ने पीले रंग का टौप और आसमानी रंग की जींस पहन रखी थी. गले में उस के लाल रंग का शाल पड़ा था जो शायद दिखाने के लिए था. क्योंकि ऐसे सर्द मौसम में शाल को गले में न डाल कर ओढ़ लेना बेहद जरूरी होता है. गले में डालना तो फैशन दिखाने जैसा हुआ.

राजवीर को उस के पहनावे से कुछ लेनादेना नहीं था. उस का ध्यान उस के चटख मेकअप की तरफ गया. उस के चेहरे पर पाउडर पुता था. आंखों में गहा काजल और होंठों पर गहरी लिपस्टिक थी. देखने में युवती सुंदर थी ही, उस चटख मेकअप ने उसे और भी खूबसूरत बना दिया था.

उस का शरीर बेशक दुबलापतला था, लेकिन देह में गजब का आकर्षण था, जो किसी का भी ध्यान अपनी ओर खींच लेने के लिए काफी था. वह हाथ में पकड़े पर्स को अब भी हिला रही थी.

युवती राजवीर के थोड़ा और करीब सरक आई. उस के पतलेपतले होंठ हिले, ‘‘आप किस बस का इंतजार कर रहे हैं?’’ उस ने सुरीली आवाज में बेतुका प्रश्न किया.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD48USD10
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 12 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD100USD79
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...