बात अप्रैल माह के अंतिम सप्ताह की है. पटना के कछुआरा मोड़ प्रतिभा कालोनी के रहने वाले 32 वर्षीय नीतीश कुमार की मुलाकात सिकंदर प्रसाद यादवेंदु से हुई थी. समस्तीपुर निवासी सिकंदर पटना नगर परिषद के दानापुर स्थित कार्यालय में जूनियर इंजीनियर था.

नीतीश अपने निजी काम के सिलसिले में उस के पास गया था. बातोंबातों में नीतीश ने उसे बताया कि वह किसी भी प्रतियोगी परीक्षा का पेपर लीक करवा कर कैंडिडेट को पास करवा देता है. उस की ऊपर तक अच्छी सेटिंग है.

यह सुन कर सिकंदर की आंखों में चमक आ गई. वह झट पूछ बैठा, ''मेरे पास 4-5 लड़के हैं, उन का नीट परीक्षा पास करवा सकते हो?’’

''हांहां, क्यों नहीं!’’ नीतीश बोला.

''कितना लगेगा?’’ सिकंदर ने पूछा.

''एक का 30-32 लाख.’’ नीतीश ने बताया.

''गारंटी है?’’ सिकंदर ने पूछा.

''हां, हम लोग यही करते हैं, पूरी गारंटी के साथ!’’ नीतीश के साथ आया दोस्त अमित आनंद बोला.

''ठीक है, लेकिन यह सब कैसे होगा?’’ सिकंदर ने सवाल किया.

''सब मुझ पर छोड़ दीजिए. बस, परीक्षा के एक दिन पहले कैंडिडेट को सेंटर के आसपास ठहरना होगा.’’ नीतीश ने कहा.

''ठीक है,’’ सिकंदर बोला.

4 जून, 2024 को एक तरफ देश भर के लोग लोकसभा चुनाव के नतीजे देखने में टीवी और इंटरनेट मीडिया से चिपके थे, जबकि दूसरी तरफ मैडिकल कालेज में एडमिशन के तमाम स्टूडेंट्स के घरों पर भी खुशियों का माहौल बना हुआ था. क्योंकि वह नीट की परीक्षा में पास हो चुके थे. अपनीअपनी रैंकिंग देख कर वे मनपसंद कालेज मिलने को ले कर आश्वस्त हो रहे थे. वहीं इस परीक्षा में जबकि 67 छात्रों को 100 फीसदी 720 अंक हासिल होने पर आश्चर्य की बात बन गई थी.

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