कलम और खाकी वरदी की साजिश
अगर कोई पत्रकार और पुलिस वाला मिल कर किसी को ब्लैकमेल करे, वह भी रेप जैसे झूठे मामले में तो कोई भी इंसान घबरा जाएगा. डा. रामशरण दास का भी यही हाल था. गनीमत यह रही कि समय रहते ही साजिश का भंडाफोड़ हो गया.
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