मुस्तफा ने बताया कि दोपहर होने पर दुकान की चहलपहल थोड़ी कम हो गई. 12 बजे के बाद बगैर किसी सूचना के कुलदीप की पत्नी सुनीता जब दुकान पर पहुंची तो वह चौंक गया. उन्होंने अपने हैंडबैग से निकाल कर एक मोटा पैकेट पकड़ा दिया. पैकेट के बारे में पूछने से पहले ही सुनीता ने बताया कि उस के पति ने 4 लाख रुपए बैंक से निकलवाए हैं. इस में वही पैसे हैं. इतना कह कर सुनीता जाने की जल्दबाजी के साथ बोलीं कि उसे पास में कुछ खरीदारी करनी है और घर पर बहुत काम पसरा पड़ा है, इसलिए वह तुरंत दुकान से चली गईं.
उन के जाने के तुरंत बाद मुस्तफा के पास कुलदीप का फोन आया. उन्होंने फोन पर कहा कि एक आदमी बाइक पर पैसे लेने आएगा. सुनीता जो पैसे दे गई है वह उसे दे देना. मुस्तफा ने कुलदीप को बता दिया कि सुनीता मैडम पैसा अभीअभी दे गई हैं. इतनी मोटी रकम और उसे लेने के बारे में कुलदीप ने अधिक बातें नहीं बताईं.
दोपहर एक बजे के करीब कुलदीप के बताए अनुसार एक आदमी काले रंग की बाइक पर आया. उस में नंबर प्लेट नहीं लगी थी. मुस्तफा ने समझा कि बाइक मरम्मत के दौरान ट्रायल पर होगी. हेलमेट पहने मास्क लगाए व्यक्ति ने मुस्तफा से कहा कि उसे कुलदीप ने पैसा लेने के लिए भेजा है. मुस्तफा ने इशारे से सामने बैठने को कहा और कुलदीप को फोन लगाया. तुरंत फोन रिसीव कर कुलदीप बोले, ‘‘इस आदमी को पैसे दे दो.’’
मुस्तफा ने कुछ पूछना चाहा, किंतु कुलदीप ने फोन कट कर दिया. लग रहा था, जैसे वह काफी हड़बड़ी में थे. तब तक वह व्यक्ति अपना हेलमेट उतार चुका था और मास्क हटा रहा था. मुस्तफा ने उस से बगैर कोई सवालजवाब किए पैसे का पैकेट उसे दे दिया. पैकेट से पैसे निकाल कर वह वहीं काउंटर पर गिनने लगा. पैकेट में 2 हजार और 5 सौ के नोटों के बंडल थे. बंडल के नोट गिनते समय उस के मोबाइल पर फोन आया. उस ने फोन का स्पीकर औन कर बोला, ‘‘हां, पैसे मिल गए हैं, मैं अभी गिन रहा हूं.’’