यूनिवर्सिटी के भूगोल विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. जगदीश प्रसाद जाट की गिरफ्तारी भी 17 अप्रैल को नाटकीय तरीके से हुई. उस दिन सुबह एसओजी के एक डिप्टी एसपी महिला पुलिसकर्मी के साथ पितापुत्री बन कर जयपुर में मौडल टाउन स्थित प्रो. जगदीश प्रसाद जाट के घर गए. वे किराएदार बन कर उन से मिले और किराए पर मकान लेने की बात कही.
प्रो. जगदीश प्रसाद जाट ने उन्हें अपना मकान दिखा दिया. किराए पर मकान लेने के बहाने एसओजी के डिप्टी एसपी ने पूरा मकान देखपरख लिया और अन्य सबूट जुटा लिए. इस के बाद डिप्टी एसपी ने बाहर खड़े एसओजी के एडिशनल एसपी को खुद का दामाद बता कर अंदर बुलाया और उन्हें गिरफ्तार कर लिया.
एसओजी की टीम प्रो. जगदीश प्रसाद जाट को ले कर एसओजी मुख्यालय पहुंची तो वह हैरान रह गए. जो लोग किराए पर मकान लेने आए थे, वे पुलिस के अफसर निकले. दूसरी ओर प्रो. जगदीश प्रसाद जाट को एक महिला समेत 3-4 लोगों द्वारा ले जाने पर उन के घर में हड़कंप मच गया. वे समझ नहीं सके कि क्या हुआ था. उन्होंने पुलिस को प्रो. जगदीश प्रसाद जाट के अपहरण की सूचना दे दी.
उन की सूचना पर थाना मालवीयनगर पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू कर दी. करीब 3 घंटे बाद पता चला कि प्रो. जगदीश प्रसाद जाट को एसओजी ले गई थी. दिन भर की पूछताछ के बाद शाम को प्रो. जगदीश प्रसाद जाट की गिरफ्तारी की सूचना मिलने पर उन के घर वालों के चेहरे मुरझा गए थे.
यही स्थिति रमेश बुक डिपो के कर्मचारी शरद को गिरफ्तार करने के दौरान हुई थी. उस दिन सुबह सादे कपड़ों में एसओजी की टीम जयपुर में मानसरोवर के रजत पथ स्थित रमेश बुक डिपो से शरद को पकड़ कर ले गई. इस पर बुक डिपो के लोगों ने पुलिस को शरद के अपहरण की सूचना दे दी. थाना मानसरोवर पुलिस ने जांच की तो पता चला कि शरद को एसओजी ले गई थी.