प्रदेश भर में गूंजा रीता हत्याकांड
इस के बाद तो मामले की गूंज प्रदेश भर में गूंजने लगी थी. कंकाल की खबर इलैक्ट्रौनिक और प्रिंट मीडिया में प्रमुखता से छाने लगी. 3 साल से इटावा के अस्पताल की मोर्चरी के डीप फ्रीजर में कैद एक युवती की लाश (कंकाल) जिस का 2-2 बार डीएनए टेस्ट कराने के बाद भी मामला अधर में लटका हुआ था.
इटावा के जिला चिकित्सालय की मोर्चरी में पिछले 3 साल से डीप फ्रीजर में बंद कंकाल के लावारिस हालत में पड़े होने की जानकारी को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गंभीरता से लिया.
26 अक्तूबर, 2023 को हाईकोर्ट ने समाचार पत्रों में प्रकाशित रिपोर्ट का स्वत: संज्ञान लेते हुए अपना निर्णय देते हुए मुख्य न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर, न्यायमूर्ति अजय भनोट की खंडपीठ ने सरकार और पुलिस अधिकारियों से पूछा कि आमतौर पर शव गृहों में रखे गए शवों के अंतिम संस्कार की क्या प्रथा है? इटावा के इस मामले में इतना विलंब होने की क्या वजह है? क्या ऐसा कोई नियम है, जिस के तहत सरकार को निश्चित समय में शवों का अंतिम संस्कार करना होता है?
कोर्ट ने प्रकरण में विवेचना की स्थिति और शव संरक्षित करने की स्थिति, शव संरक्षित करने की पूरी टाइम लाइन बताने का निर्देश दिया. इस के साथ ही केस डायरी और डीएनए जांच के लिए भेजे गए सैंपल और उस की रिपोर्ट के बारे में भी जानकारी मांगी.
मृतका की मम्मी भगवान देवी व घर वालों की भावनाओं को देखते हुए न्यायालय ने पुलिस को हैदराबाद की लैब में डीएनए टेस्ट कराने का निर्देश दिया. इस मामले की अगली सुनवाई की तिथि 31 अक्तूबर, 2023 निश्चित कर दी.