केस-1
पेशे से वीडियोग्राफर 32 वर्षीय सुरेंद्र सिंह दांगी मूलत: सीहोर जिले का रहने वाला था और नौकरी के सिलसिले में भोपाल के शंकराचार्य नगर में किराए के मकान में रहता था. शादीविवाह में वीडियोग्राफी से उसे खासी कमाई हो जाती थी. लेकिन दूसरों की खुशियों के माहौल को कैमरे में कैद करने वाले सुरेंद्र सिंह की अपनी जिंदगी नर्क जैसी बनी हुई थी.
पहली बीवी की मौत के बाद उस ने अपने गांव दोराहा की ही एक लड़की सविता (परिवर्तित नाम) से शादी कर ली थी. जिस से 2 साल पहले उसे एक बेटी भी हुई थी. बेटी हुई तो सुरेंद्र को मानो जीने का मकसद मिल गया, लेकिन वह चाह कर भी पहली बीवी को नहीं भूल पा रहा था.
इस पर आए दिन उस की तनातनी सविता से होने लगी थी. अंतत: नाराज सविता उसे अकेला छोड़ कर बेटी को ले कर मायके चली गई तो तनाव में जी रहे सुरेंद्र ने बीते 1 अक्तूबर को फांसी का फंदा लगा कर जान दे दी.
मरने से पहले उस ने अपने सुसाइड नोट में सविता को लिखा कि मैं तुम्हें इतना प्यार करता हूं कि कभी सही और गलत का फैसला नहीं कर पाया. अब मुझे पता चला है कि तुम ने कभी मुझे प्यार ही नहीं...मैं तुम से नफरत करता हूं.
केस-2
56 साल के सुरेश सिंह भोपाल के ही कमलानगर इलाके में रहते थे. वे केंद्र सरकार के एक महकमे के मुलाजिम थे. सुरेश की पहली बीवी सीमा की मौत सन 2002 में हो गई थी, जिस से उन्हें एक बेटा भी था. साल 2004 में उन्होंने दूसरी शादी कर ली थी. दूसरी बीवी का नाम भी इत्तफाक से सीमा ही था.